कैसे न्यू इयर रेसोल्युशन निभाने में मिले सफलता

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कैसे  न्यू इयर रेसोल्युशन निभाने में मिले सक्सेस





2016 गया , 2017 आया , 2017 गया 2018 आया …अब 2018भी गया  2019 आएगा
…. साल यूँ ही जाते – आते रहेंगे | पर नए साल का आना हमेशा ही खास होगा |
क्योंकि हर बार नया साल हमें खुद को
  बेहतर
बनने का मौका देता है | जहाँ हम थोडा ठहर कर सोंचते है कि हममें 
 क्या – क्या कमियाँ या गलतियाँ जिनके कारण हम
उतना आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं या हमारे रिश्ते उतने सफल नहीं हो पा रहे हैं या हम
कुछ आदतों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं | यहीं
पर होता है “न्यू इयर रेसोल्युशन ( नए साल के संकल्प ) का जन्म” | फिर शुरू होता है बेहतर होने के लिए उसे पूरा करने का सफ़र 



जानिये कैसे पूरा करे न्यू इयर रेसोल्युशन / kaise pura karein New Year Resolution



                  न्यू इयर रेसोल्युशन यानि जब हम  अपनी कमियों या गलतियों को पहचानते हैं और हम खुद से प्रण करते हैं की अब बस
… बहुत हुआ अब हम अपनी बेहतरी के लिए ये प्रयास तो करेंगें ही और अगले साल अपना
बेहतर वर्जन सामने लायेंगे | खुद को बहतर बनाने के लिए ये एक अच्छा उपाय है | वैसे तो ये प्रण साल के किसी भी दिन लिया जा सकता है |आप दीपावली , नवरात्र या अपने जन्म दिन किसी पर भी खुद को बेहतर बनाने का संकल्प ले सकते हैं | पर क्योंकि हम अंग्रेजी कैलेंडर फॉलो करते हैं इसलिए  साल का पहला दिन इसके लिए बहुत मुफीद माना जाता है | इसका कारण मनोवैज्ञानिक है | जब हमें लगता है कि हम समय के ऐसे मुहाने पर खड़े है जहाँ से हमें तय करना है की आगे की यात्रा में हम अपने साथ क्या-क्या खूबियाँ शामिल कर सकते हैं |आगे हमें अपने बेहतर वर्जन के साथ जाना है या वैसे ही रहना है | इसके लिए  हम सब साल के पहले दिन खुद से ये वादा करते हैं पर ये वादे  अक्सर टूट जाते हैं | किसी के तो साल के दूसरे दिन ही टूट जाते हैं और किसी के 30 जनवरी तक आते – आते टूट जाते हैं |यहाँ ये जानना जरूरी है कि क्या करें कि हम अपने वादे  पर अडिग रहे |



केवल दिखाने के लिए न लें न्यू इयर रेसोल्युशन 



                                 कई बार हमने अपनी असफलताओं , कमियों का आकलन नहीं किया होता है | या हम पूरी शिद्दत से उस कमी को दूर नहीं करना चाहते हैं जो हमारे लिए ठीक नहीं है, हम उसके साथ  कम्फर्ट फील करते हैं |पर Happy New Year के शोर में मूड बना और  बस दोस्तों की देखा देखी  में हम भी कोई प्रण ले लेते हैं की हम अगले साल से ऐसा – ऐसा करेंगे | फिर तो उस प्रण के प्राण जल्दी निकलना तय ही हैं | क्योंकि वो हमारी आत्मा से नहीं जुड़ा होता | उदहारण के लिए 
१) एक बच्चा जो बिलकुल नहीं पढता प्रण लेता है कि मैं कल से दस घंटे पढूंगा |
2) एक व्यक्ति जिसने अपनी सेहत पर कभी ध्यान नहीं दिया है वह प्राण करता है की कल से मैं खाना भी कम करूँगा , जोगिंग करूँगा और जिम भी जाया करूँगा | 
3) कोई चैन स्मोकर प्रण करे मैं कल से सिगरेट को हाथ भी नहीं लगाउंगा 
4)किसी  के रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं और वो कहे कल से सारे रिश्ते ठीक से चलाने लगूंगा | तो क्या दूसरे लोग जिनसे उसने  भला – बुरा कहा है कल से ही आप को माफ़ करके उसकी पहल पर खुश हो जायेंगे 
5) मैं इस साल सफल हो कर दिखा दूंगा | क्या आपने इसके लिए कोई प्लान तैयार किया है | 


                          केवल दिखाने के लिए कि सब new year resolution ले रहे हैं तो हम भी लेंगे , मत लीजिये | क्योंकि इनका टूटना तय है | इसके पीछे आप की will power की energy नहीं लगी होती | दो तीन -दिन तक वही  काम करने के बाद आप उसमें इंटरेस्ट खो देते हैं | और प्रण के प्राण ले लेते हैं | 


बहुत कठिन या जरूरत से ज्यादा का  रेसोल्युशन  न हों 



                                  यहाँ पर ध्यान देने की बात है की न्यू इयर रेसोल्युशन बहुत कठिन न हो | मुझे याद आता है जब मैं फोर्थ , फिफ्थ में पढ़ती थी तो अपने भाई बहनों को जो बड़ी क्लास में थे , देखकर बड़े कठिन टाइम टेबल बना लेती थी | जैसे 15 घंटे पढना है | क्या पढना हैं , कौन सा सब्जेक्ट पढना है इसके लिए घंटों रंगीन सुन्दर चार्ट बनाती | पर उस समय उतना पढने की जरूरत थी ही नहीं , तो वो प्रण टूटने  तय थे | धीरे – धीरे रेसोल्युशन  लेने में मेरी रूचि कम हो गयी | मुझे लगा की पूरे तो होते ही नहीं है | लेकिन सच्चाई इसके विपरीत थी |  कभी  जरूरत से ज्यादा या बहुत कठिन प्राण न लें | नहीं तो उसे पूरा करना मुश्किल होता है |यहाँ ये समझने की जरूरत है की प्रण इच्छा शक्ति और मनोबल से पूरे होते हैं , बनाने से नहीं | बहुत कठिन या बिना जरूरत बनाए गए प्रण को पूरा करने की इच्छा ही नहीं होगी तो मनोबल कहाँ से आएगा ?


न्यू इयर रेसोल्युशन की खोज  दो महीने पहले हो जानी चाहिए 


                                     आप इस साल अपने में क्या सुधार चाहते हैं आप ने अपनी बेहतरी के लिए क्या सोंचा है | इसका आकलन नवम्बर से करना शुरू कर दीजिये | आप उन क्षेत्रों पर गौर करिए जिनमें आप बदलाव चाहते हैं | या जो आपके स्वास्थ्य , सफलता या रिश्तों के मामले में बाधा उत्पन्न कर रहीं हैं |क्योंकि हम सब बेहतर स्वास्थ्य सफलता और रिश्ते चाहते हैं | अब हर क्षेत्र में आप को कुछ न कुछ कमियाँ नज़र आयेंगी | जिन्हें आप ठीक करना चाहते होंगे | लेकिन यहाँ  ये बात ध्यान रखने की है कि एक सभी को ठीक करने का प्रण न लें | अपनी पर्सनालिटी में इतना बड़ा बदलाव आप अचानक से झेल नहीं पायेंगे | लिहाजा फिर अपने पुराने ढर्रे  पर लौट आयेंगे | 


बनाएं प्राथमिकताओं की सूची 

                  अब जब आप अपने में बदलाव के प्रति जागरूक हैं तो अपनी प्राथमिकताओं (priority list ) की सूची बनाए …और उस एक या दो बातों को न्यू इयर रेसोल्यूशन  बनाए जिससे इस समय आप की लाइफ सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है | यहाँ पर धयान देने की बात है कि दो से ज्यादा संकल्प न लें |रेसोल्युशन पूरा करने के लिए एक स्थान पर एनर्जी फोकस होनी चाहिए |  जैसे …
1) अगर आप स्टूडेंट हैं तो आप को ये संकल्प लेना है की आप ज्यादा पढेंगे | व् अपने क्लास में बेहतर परफॉर्म करेंगे |
2) अगर आप काम में सफलता चाहते हैं या नौकरी के लिए प्रयास कर रहे हैं तो उसके लिए संकल्प लें की इस साल मुझ अपने काम को उस मुकाम तक पहुंचाना है | या नौकरी प्राप्त करनी है |
3) अगर आप की सेहत खराब चल रही है तो उस पर ध्यान देने का संकल्प लें | 
4) रिश्तों में तनातनी चल रही हो और इस कारण आप बेहद तनाव में रहते हों तो उन्हें ठीक करने का संकल्प लें |
5) तम्बाकू , सिगरेट , शराब या अन्य कोई बुरी आदत आप छोड़ना चाहते हैं तो वो आपकी priority लिस्ट में फर्स्ट होना चाहिए | 
                   कहने का तात्पर्य ये है कि आप एक साथ कई संकल्प न ले कर कोई एक या दो संकल्प लें | जिस पर आप पूरी तरह से फोकस कर सकें | ताकि आपकी पूरी एनर्जी वहां लग सके |तो उसके पूरा होने की संभावना ज्यादा होती है |  


प्लान तैयार करें 

                      जब आप ये तय कर लें की आपको क्या संकल्प लेना है तो उसे कैसे करना है इसका प्लान  तैयार करें | जैसे अगर आप विद्यार्थी हैं तो आप एक दम से ये न सोंच लें कि मैं कल से दस घंटे पढूंगा | क्योंकि ये आप दो दिन भी फॉलो नहीं कर पायेंगे | आप को सोंचना है आप को किस – किस सब्जेक्ट को कितने दिन देने हैं | जो सब्जेक्ट आप के अच्छे से तैयार है या आप को रुचिकर लगते  हैं उन्हें कम समय दिया जा सकता है |क्योंकि आप थोड़ी ही देर में उनके बहुत चैप्टर पढ़ ले जायेंगे |  जो सब्जेक्ट आपको कठिन लगते हैं या जिनकी तैयारी अच्छी नहीं है उनपर ज्यादा धयान दें  | इसके साथ ही और आपके जो लूप होल्स हैं उन्हें ज्यादा समय देकर कैसे दूर करना है | या आप को किसी  टीचर की सहायता की आवश्यकता है | तय कर लें | 


अगर आप् काम  और नौकरी में सफलता पाना चाहते हैं | तो ये रेसोल्युशन   सिर्फ ख्याली पुलाव न हो |क्या करना है कैसे करना है ये केवल सोंचने में  समय  बर्बाद न हो इसके लिए पहले से ही plan तैयार रखे | जैसे सफलता के लिए आपको क्या – क्या सीखना है , किस – किस से मिलना है व् क्या क्या टूल्स उसके लिए आपको चाहिये | इन सब का खाका आपके दिमाग में क्लीयर होना चाहिए | बस आप को उस पथ पर आगे बढ़ते जाना है |


स्वास्थ्य के क्षेत्र में अगर आपको वजन घटाना ,बढ़ाना है या सिगरेट तम्बाकू छोडनी है तो उसका भी खाका तैयार करें | कैलोरी चार्ट तैयार करें | अगर जिम जाना है तो कौन सी जिम जाना है या वाक करनी है किस पार्क में कितने घंटे करनी है | पहले से सोंच लें | तम्बाकू या सिगरेट छोदना इतना आसान नहीं है | क्योंकि ये लत है |जिसके साइड इफेक्ट आपके शरीर में उत्पन्न होंगे |  इसके लिए आप को किसी एक्सपर्ट से मिलना होगा | घर वालों का साथ लेना होगा ताकि आपका मनोबल न टूट पाए | 


अगर रिश्ते सुधारने है तो वो यूँही नहीं सुधर जाते | जिस रिश्ते को सुधारना है उसके लिए क्या – क्या आपने नहीं किया जिससे वो रिश्ता बिगड़ा | इस बात पर गौर करना होगा | अगर अभी आप वो काम कर सकते हैं तो कर दीजिये | पर कई बार उस काम का समय निकल जाता है | जिस कारण रिश्तों में गहरी खटास आ जाती है | अब उनके हृदय में अपना  स्थान बनाने के लिए आपको जेन्यून मेहनत करनी पड़ेगी | वो उनके आने वाले हर काम में साथ देना या उनके साथ ज्यादा समय व्यतीत करना भी हो सकता है | 


वहीं दूसरी ओर हो सकता है आप रिश्तों की बेवजह की दखल या सबका जरूरत से ज्यादा साथ देने के कारण परेशान हों | तब रिश्तों को तनातनी से बचने के लिए आपको ना कहना सीखना या अपनी सीमाएं कैसे निर्धारित करनी है इसका प्लान तैयार करना होगा | पर ये काम एक दिन में नहीं धीरे – धीरे होना चाहिए | जिससे दोनों पक्ष एडजस्ट कर सकें | 


अपने रेसोल्युशन को साफ़ – साफ़ लिख लें 

                              आपने जो भी प्रण लिया है उसको व् उसे पूरा करने के तरीके को साफ़ – साफ़ अपनी डायरी में लिख लें | जिससे आप को याद रहे | मुख्य प्रण को आप अपने मोबाइल या लैपटॉप का वाल पेपर भी बना सकते हैं | उसे शोर्ट फॉर्म में कर के अपना फेसबुक या जीमेल  पास वर्ड भी बना सकते हैं | कहने का मतलब है कि जब वो आपको बार – बार दिखाई देगा तो आप को याद आता रहेगा | और आप उसे पूरा करने का प्रयास करते रहेंगे | 

अपने रेसोल्युशन  को छोटे – छोटे चरणों में बांटें 


                          अब आप ने जब आप ने अपने एक या दो resolution को priority list से छांट लिया हैं | उसका क्लियर प्लान बना लिया है उसे साफ़ – साफ़ लिख लिया है | तो अब आप उसे चरणों में बांटें | जैसे मैं पूरे साल १० घंटे रोज पढूंगा के स्थान पर मैं 25 जनवरी तक रोज 19 घंटे पढूंगा . मैं २० दिन तक सिगरेट को हाथ नहीं लगाऊंगा | मैं 21 दिन तक उस रिश्तेदार को जिससे मेरी डिस्प्यूट चल रही है | लगातार गुड फीलिंग भेजूंगा | चाहे वो बदले में कुछ बुरा भला भी कहें | काम के मामले मैं मैं जो टाइम टेबल बनाया है उसे मैं 30 जनवरी तक वैसे ही फॉलो करूँगा |
                            आप सोंच रहे होंगे की नियत समय के बाद क्या होगा |नियत समय के बाद पूरी संभावना  है कि आप को उसकी आदत पड़ जाए तो अगला महीने तक के  लिए आप अपनी डेड लाइन बढ़ा दीजिये | अगर आप को लगता है की हम इसे पूरा करने में ये – ये दिक्कत महसूस कर रहे हैं तो उन दिक्कतों को दूर करते हुए फिर से अगले महीने का प्रण ले लीजिये |संकल्प को टुकड़ों में बांटना बहुत अच्छा तरीका है क्योंकि एक साथ इस आदत को बदल देना है का विचार हमारे दिमाग पर बहुत तनाव डालता है | जब हम उसे टुकड़ों में बाँट देते है तो हमारा दिमाग ये सोंच कर रिलैक्स हो जाता है की बस इतने दिन हितो करना है | याद रखिये हमें जो भी प्रण पूरा करना है अपने दिमाग को रिलैक्स रख कर ही करना है | उस पर स्ट्रेस का बोझ डा ल कर नहीं | 


निराशा के स्थान पर खुद को रिवार्ड दीजिये 



                      अब इतना सब करने के बाद भी आप संकल्प को पूरा नहीं कर पारहे है तो इसका कारण आपकी हैबिट का पैटर्न  है | जो आपको बार – बार आपके कम्फर्ट जोन में ले जाना चाहती है | यहाँ पर खुद को रिवार्ड देने की जरूरत है | जैसे आपने रोज एक घंटे walk पर जाने का प्रण लिया पर हफ्ते के अंत में आपने पाया की आप केवल चार दिन ही जा सके | अब यहाँ पर निराश हो कर बैठने के स्थान पर कि  कोई फायदा नहीं है आप  इस तरह सोंचिये की ,”वाह अभी तक तो आप बिलकुल भी वाक पर नहीं जाते थे अब कम से कम ४ दिन तो गए” | आप खुद के लिए ताली बजा कर , एक कप कॉफ़ी या पसंद का एक गीत सुनकर खुद को रिवार्ड भी दे सकते हैं | अब जहाँ पहली स्थिति में की वाकिंग बिलकुल छूट जायेगी | वहीं दूसरी में आपको अगले हफ्ते कुछ और ज्यादा करने का जोश आएगा | 


                               तो ये थी कुछ टिप्स जो आपको आपका new इयर resolution पूरा करने में सहायता करेंगी | आशा करती हूँ की आप अपना संकल्प अवश्य पूरा कर पायेंगे | 


आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 🙂


वंदना बाजपेयी 


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