देश गान

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देश गान




                   स्वतंत्रता दिवस का अर्थ केवल जश्न मनाना नहीं है ये दिन हमें हमारे कर्तव्यों को याद दिलाता है | तो आइये हम भी अपने देश के प्रति अपने कर्तव्यों  को पालन करने का संकल्प लें | जैसा कि इस देश गान में लिया है ….

देश गान 







तमस के आवरण को चीर रोशनी का डेरा  है
नई किरण से नित उतरता देश में सवेरा है
ले ऊर्जा नई – नई नया जहाँ बसाएगें
हम अपने देश की धरा को स्वर्ग सा बनाएगें
बनाएगें , बनाएगें , बनाएगें , बनाएगें  



विशाल भाल देश का न झुकने  देगें हम कभी
महर्षियों के ज्ञान को न मिटने देगें हम कभी
प्रत्येक ज्योति से नवीन ज्योति हम जलाएगें
हम अपने देश की धरा को स्वर्ग सा बनाएगें
बनाएगें , बनाएगें , बनाएगें , बनाएगे


वरण करेगी विजय श्री बढ़ेगें ये कदम जिधर
बुरी निगाह गर किसी की उठ गई कभी इधर
तो एक काश्मीर क्या जहाँ को जीत लाएगें
हम अपने देश की धरा को स्वर्ग सा बनाएगें
बनाएगें , बनाएगें , बनाएगें बनाएगें



ऐ देश के जवानों है तुम्हे नमन , तुम्हे नमन
जो बलि हुए तिरंगे पर उन्हे नमन,उन्हे नमन
तुम्हारे धैर्य शौर्य को कभी न भूल पाएगें
हम अपने देश की धरा को स्वर्ग सा बनाएगें
बनाएगें , बनाएगें ,बनाएगें बनाएगें


उषा अवस्थी



कवियत्री व् लेखिका







फोटो क्रेडिट –indiawish.in


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filed under: India, poetry, hindi poetry, kavita, Bharat mata, Independence day, swatantrta divas


2 COMMENTS

  1. वाह्ह्ह… वाह्ह्ह….बेहद सुंदर देशभक्ति से पगी ओजपूर्ण रचना है।
    स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं आपको।

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