इंटरव्यू

9

इंटरव्यू

कौन नहीं सफल होना चाहता , फिर विशिका के जीवन का सपना ही बॉस बनना था | उसने इसके लिए तैयारी बहुत की थी , फिर क्यों इंटरव्यू की तिथि पास आते ही वो इसे न देने के बहाने खोजने लगी |

इंटरव्यू

सुनील और विशु  एक ही ऑफिस में काम करते हैं | रैंक भी लगभग एक जैसी ही है | जहाँ विशु महत्वाकांक्षी  थी और जल्दी से जल्दी बॉस बनना चाहती थी, इसके लिए वो मेहनत भी बहुत कर रही थी | ऑफिस में सब को पता था |  वहीँ सुनील हमेशा आरामदायक तरीके से काम करने में विश्वास करता था | उसे न प्रोमोशन की जल्दी थी न आगे बढ़ने की , अगर किसी चीज की उतावली रहती थी तो ये कि लेटेस्ट मैच , मूवी न छूट जाए | जहाँ सुनील खुश मिजाज व जल्दी दोस्त बम्नाने वाला वहीं  विशु अंतर्मुखी  पर  ईश्वर  की इच्छा ,साथ काम करते हुए दोनों की दोस्ती हुई फिर दोनों के दिल मिल मिल गए | घरवालों को भी कोई दिक्कत नहीं थी | शादी के लिए हाँ कर दी |

इसी बीच विशु का इंटरव्यू आ गया | अगर वो इंटरव्यू क्लीयर कर लेती तो उसे सुनील का बॉस बन जाना था | सबको उसकी सफलता की उम्मीद थी | परन्तु जैसे -जैसे इंटरव्यू पास आ रहा था विशु इंटरव्यू न देने के बहाने खोजती जा रही थी | ऑफिस में सब को आश्चर्य था कि आखिर विशु को क्या हो रहा है | उस दिन इंटरव्यू था , सुबह से विशु दिखाई  नहीं दे रही थी | सुनील ने कई बार फोन किया विशु ने उठाया ही नहीं | सुनील परेशान था … आखिर क्या कारण हो सकता है ? उसने अपने सहकर्मी के साथ विशु के घर जाने की सोची |

                                      दरवाजा विशु ने ही खोला , वो तैयार भी नहीं थी …. शायद नहाई तक नहीं थी , बेतरतीब कपडे बता रहे थे कि वो सुबह से बिस्तर  पर ही पड़ी थी | सुनील को देखते ही उसके गले लग गयी पर बताया कुछ नहीं | सुनील खुद चाय बना कर लाया , बहुत कुरेदने पर उसने कहा , ” सुनील मैं तुम्हें खोना नहीं चाहती , मुझे डर है कि मेरे बॉस बन जाने पर हमारे रिश्ते पर असर पड़ेगा | अपनी पत्नी को ऑफिस में अपने बॉस के रूप में देखना तुम्हारे लिए आसान नहीं होगा | हमारे रिश्ते बिगड़ जायेंगे | मुझे अपने रिश्तों की कीमत पर कोई सपना पूरा नहीं करना है | 
            अब गले लगने की बारी सुनील की थी | उसने विशु के सर पर  हल्की सी चपत मारते हुए कहा , ” पगली , बॉस बनने का सपना मेरे तुम्हारी जिंदगी में आने से पहले ही था | मैं इस बात को जानता था , तब तो मुझे कोई आपत्ति नहीं थी | अगर तुमें लगता है कि पति बनते ही मैं बदल जाऊँगा तो तुम यकीनन मेरे जैसे  आदमी से शादी मत करो  . जो एक बात में बदल सकता है वो हर बात में बदल सकता है …. इसलिए दोनों ही हालत में तुम अपना कैरियर चुनो ,रही मेरी बात तो तुम्हारा सपना पूरा होना मेरी सबसे बड़ी ख़ुशी है , मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि तुम मेरी ऑफिस में बॉस हो | 
           विशु खुश हो कर इंटरव्यू के लिए तैयार होने चली गयी |

वंदना बाजपेयी
यह भी पढ़ें …
                                                                         वारिस



                                             

     आपको  कहानी  इंटरव्यू  कैसी लगी   | अपनी राय अवश्य व्यक्त करें | हमारा फेसबुक पेज लाइक करें | अगर आपको “अटूट बंधन “ की रचनाएँ पसंद आती हैं तो कृपया हमारा  फ्री इ मेल लैटर सबस्क्राइब कराये ताकि हम “अटूट बंधन”की लेटेस्ट  पोस्ट सीधे आपके इ मेल पर भेज सकें |


filed under-  interview   , story, short story, free read