Monthly Archives: April 2015
दूसरे देश में
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मोक्ष
मोक्ष
जैसा की हमेशा होता है बच्चे जब छोटे होते हैं तो उन्हें दादी - नानी धार्मिक कहानियां सुनाती हैं । ऐसा ही धर्मपाल के...
अम्बरीश त्रिपाठी की कवितायें
कहते हैं साहित्य सोचसमझकर रचा नहीं जा सकता बल्कि जो मन के भावों को...
विलियम शेक्सपियर: एक सलाम लेखनी के नाम,
आप को आंनद फिल्म का एक मशहूर डायलाग तो जरूर...
प्रेरक कथा -हम किसी से कम नहीं
कुछ लोग अपने को बहुत बड़ा समझते हैं वो किसी की इज्ज़त
नहीं कर पाते | ऐसे लोगों की बेईज्ज़ती करके ही उन्हें सही राह...
रिश्तों को दे समय
रिश्तों को दे समय
न मिटटी न गारा, न सोना सजाना
जहाँ प्यार देखो
वहीं घर बनाना...
थोड़ी सी समझदारी से निभाएं जा सकते हैं रिश्ते
मेरा तो मानना है
कि हर विवाह ही बेमेल विवाह होता है,क्योंकि कोई भी दो व्यक्ति एक सी सोच, एक सी विचारधारा, एक सी धार्मिक
आस्था,...