Monthly Archives: June 2015
युवाओ के सर चढ़ कर बोलता ……… स्वप्नीली दुनियाँ का जुनून
युवाओ के सर चढ़ कर बोलता ......... स्वप्नीली दुनियाँ का जुनून
वो दुनियाँ शायद कुछ और ही होती होगी
जहाँ चमकते हैं सितारे
बरसता...
पागल औरत (कहानी )
पागल औरत
रूपलाल
बेदिया
लखनी जिस मोड़ पर खड़ी
है, उस जगह निर्णय कर पाना कठिन है कि
क्या किया जाए| किसी मोड़ से आगे कोई रास्ता...
बोनसाई
बोनसाई
हां !
वही बीज तो था
मेरे अन्दर भी
जो हल्दिया काकी ने
बोया था...