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बाल दिवस पर विशेष : कविता हामिद की दिवाली : संगम वर्मा
दादी! ओ दादी!
कौन ? कौन है,
जो दादी पुकार रहा है ?
अरे दादी! मैं, "हामिद"
अरे हामिद!
(ख़ुशी से स्वर भरते हुए )
तू कहाँ चला गया था...
दीपावली पर हायकू व् चोका
जपानी विधा *हाइकु (5/7/5) ; कविता लेखन का जिस तरह एक विधा है
1.
दीया व बाती
दम्पति का जीवन
धागा व मोती।
2
लौ की लहक
सीखा दे चहकना
जो ना...
लक्ष्मीजी का आशीर्वाद
दीपावली के दिन लक्ष्मी ,गणेश के साथ कुबेर की भी पूजा की जाती है । विघ्न विनाशक ,मंगलकर्ता ,ऐश्वर्य ,भोतिक सुखों ,धन -धान्य ,शांति...
समय की सीख
समय कोई घाव नहीं भरता
बस वो यह सिखा देता है कि
दर्द के साथ कैसे जीते हैं
झूठ की ताकत
एक झूठ
सारी
सच्चाईयों पर
प्रश्न चिन्ह
लगा देता है
कवितायें -रोचिका शर्मा
अटूट बंधन के दीप महोत्सव " आओ जलायें साहित्य दीप के
अंतर्गत आज पढ़िए रोचिका शर्मा की तीन कवितायें बलात्कार : एक सवाल...
दीपावली पर मिटाए भीतरी अन्धकार
दीपावली पर मिटाए भीतरी अन्धकार
हम हर वर्ष दीपावली मनाते हैं | हर घर ,हर आंगन,हर गाँव ,हर बस्ती एक जगमग रौशनी से नहा उठती...
भावनाओं की सरहदें कब होंगी
अपना देश हो या विदेश , सुबह की जगमगाहट में कमी नहीं आती । चिड़ियाँ अपने नियत समय पर रोजगार के लिए जाना नहीं...
चूडियाँ ( कहानी -वंदना बाजपेयी )
न जाने क्यों आज उसका चेहरा आँखों के आगे से हट नहीं रहा है, चाहे कितना भी मन बटाने के लिए, अपने को अन्य कामों...