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Yearly Archives: 2016
शिक्षक दिवस पर विशेष :मैं जानता था बेटी….( संस्मरण )
डॉ . भारती वर्मा 'बौड़ाई '
ये तब की बात है जब मैं पांचवीं कक्षा में पढ़ती थी। एक सप्ताह में संस्कृत विषय के...
शिक्षक दिवसपर विशेष : गुरू चरण सीखें
बैठ कर हम गुरू चरण सीखे सभी
मान दे कर गुरू को सदा पूजे सभी
ज्ञान की नई विधा सीख लें रोज हम
आज शिक्षक दिवस हम...
पति -पत्नी के बीच सात्विक प्रेम को बढाता है तीज
विवाह की बस एक गाँठ दो अनजान - अपरिचित लोगोंको एक बंधन में बांध देती है जिसमें तन ही नहीं मन और आत्मा भी...
कुछ चुनिन्दा शेर
मेरा मशवरा है यही की तोड़ दो उसे
जिस आईने में ऐब अपने दिखाई न दें
कहती है मेरे साथ कब्र में भी जायेगी
इतना प्यार करती है...
सच की राहों में देखे हैं कांटे बहुत,
सच की राहों में देखे हैं कांटे बहुत,पर,कदम अपने कभी डगमगाए नहीं।बदचलन है जमाने की चलती हवा,इसलिए दीप हमने जलाए नहीं
।खुद को खुदा मानते...
जिन्दगी कुछ यूं तन्हा होने लगी है
जिन्दगी कुछ यूं तन्हा होने लगी है
अंधेरों से भी दोस्ती होने लगी है
चमकते उजालों से लगता है डर
हर शमां वेबफा सी लगने लगी है
सच्चाइयों...
विचार मनुष्य की संपत्ति हैं
ओमकार मणि त्रिपाठी
प्रधान संपादक – अटूट बंधन एवं सच का हौसला
जिस हृदय में विवेक का, विचार का दीपक जलता है वह हृदय मंदिर तुल्य...
लघुकथा – कला
तुम्हारा क्या … दिन भर घर में रहती हो … कोई काम धंधा तो है नहीं … यहाँ बक बक वहां बक बक …...
हमारी ब्रा के स्ट्रैप को देखकर तुम्हारी नसें क्यों तन जाती हैं ”...
अरे! तुमने ब्रा ऐसे ही खुले में सूखने को डाल दी?’ तौलिये से ढंको इसे। ऐसा एक मां अपनी 13-14 साल की बेटी को...
रक्षा बंधन -भाई बहन के प्यार पर हावी बाज़ार
मेरे भैया मेरे चंदा मरे अनमोल रतन
तेरे बदले मैं ज़माने की कोई चीज न लूँ
रेडियो पर बहुत ही
भावनात्मक मधुर गीत बज...