Monthly Archives: June 2017
स्त्री देह और बाजारवाद
बाजारवाद ने सदा से स्त्री को केवल देह ही समझा | पुरुषों के दाढ़ी बनाने के ब्लेड ,शेविंग क्रीम , डीयो आदि में महिला...
इमोशनल ट्रिगर्स –क्यों चुभ जाती है इत्ती सी बात
ज्ञान वह क्षमता है जिससे हम अपने गहरे दर्द भरे घाव को
भर सकें
हाय फ्रेंड्स
मैं मीरा | आज मैं आप के साथ एक
किस्सा...
खिलो बच्चो , की मेरे सपनों की कैद से आज़ाद हो तुम्हारे सपने
ये जिंदगी हमेशा नहीं रहने वाली है | वो क्षण जो अभी आपके हाथ में सितारे की तरह चमक रहा है ,ओस की बूँद...
गहरा दुःख : आओ बाँट ले दर्द शब्दों से परे
सबसे पीड़ादायक वो " गुड बाय " होते हैं जो कभी कहे नहीं जाते और न ही कभी उनकी व्याख्या की जाती है |...