सब कुछ हरा

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सब कुछ हरा

   हम इस दुनिया को अपने हिसाब से ही देखना चाहते हैं | इसलिए सबको बदलना चाहते हैं ,क्या ये उचित हैं ? ये कहानी है ऐसे अमीर की जो सब कुछ हरा देखना  चाहता था | क्या ये संभव है ?

प्रेरक कहानी -सब कुछ हरा /Motivational story (in Hindi)-Sab kuch hra

                            बहुत समय पहले की बात है एक  बहुत अमीर आदमी था | यूँ तो वो बहुत खुश रहता था पर उसकी आँखों में एक अजीब सी बिमारी हुई , जिसके कारण उसकी आँखों में बहुत दर्द रहने लगा | अमीर आदमी ने देश विदेश जा कर अपना इलाज़ करवाया पर कोई फायदा नहीं हुआ |  लोगों ने बताया तो उसने नामी गिरामी वैद्ध को भी दिखाया व् होमोपैथी का इलाज़ भी कराया   पर समस्या जस की तस रही | अब वो आदमी बहुत परेशान  रहने लगा | उसे लगता अब सारा जीवन उसे ऐसे ही इस दर्द के साथ रहना पड़ेगा |  वो निराश रहने लगा , मन अवसाद में घिरने लगा |

एक दिन किसी ने बताया कि  बिठूर के पास एक साधू  रहते हैं वो शायद तुम्हें कोई उपाय बताये , अब तक तो जो भी उनके दरबार गया है उसका काम पूरा ही हुआ है |

ये सुन कर अमीर आदमी के चेहरे पर आशा की मुस्कान फ़ैल गयी | उसने तुरंत वहां जाने का निश्चय किया | वो अपने कुछ मित्रों के साथ उसी दिन बिठूर के लिए निकल गया | वहां पहुँच कर उसने देखा कि साधू महाराज कोई पूजा कर रहे हैं | वो वहीँ इंतज़ार करने लगे | थोड देर में साधू की पूजा समाप्त हुई | उन्होंने अमीर आदमी को देखकर उन्हें अपने पास बुलाया |

वो अमीर आदमी  साधू  के पैर पकड़ कर बोला , ” महाराज , मेरी आँखों में बहुत दर्द होता है | देश -विदेश में इलाज करवाया , कोई फायदा नहीं हुआ | अब बड़ी आशा से आपके पास आया हूँ , कृपया मुझे इस तकलीफ से मुक्ति दे दें ‘|

साधू ने उस अमीर की आँखे देख कर कहा , ” तुम्हारी आँखों का दर्द दूर हो जाएगा , बस तुम ज्यादा से ज्यादा हरा देखा करो “|

वो आदमी घर लौट आया | उसने अपने घर कइ बगीचे में कई पेड़ लगवा दिए | रोज सुबह उठ कर उन्हें देखता | उसकी आँखों के दर्द में कमी आने लगी | अब तो उसने घर के आस -पास कारखाने तक बहुत पेड़ लगवाये  |कुछ और आराम आया | खुश हो कर उसने  घर की दीवारे , परदे , बिस्तर , फर्नीचर , सामान सब हरा कर दिया गया | उसने हरे रंग के कपडे पहनना भी शुरू कर दिया व् घर के सभी लोगों को यहाँ तक की नौकरों को भी , हरे रंग के कपडे पहनने का आदेश दिया | अब उसकी आँखों का दर्द  बिलकुल ठीक हो गया था |

एक दिन वही साधू उसके शहर आये व् उससे मिलने भी आ गए | वो अन्दर जा ही रहे थे कि अमीर आदमी के नौकर का ध्यान साधू के कपड़ों पर गया | उन्होंने लाल रंग के कपड़े  पहन रखे थे | नौकर ने तुरंत एक बाल्टी पानी में हरा रंग घोल कर उनके ऊपर फेंक दिया | तभी अमीर आदमी आ गया | उसने नौकर की उस हरकत के लिए माफ़ी मांगी | उसने साधू  से कहा , ” महात्मन मैं अपने नौकर की गलती के लिए शर्मिंदा हूँ | दरअसल आप ने मुझसे  हरा रंग ज्यादा देखने को कहा था | तो  देखिये यहाँ सब कुछ हरा ही हरा है | इससे मुझे बहुत आराम मिला | मेरा दर्द पूरी तरह चला गया | क्योंकि नौकर ने देखा कि आप ने लाल रंग के कपडे पहन रखे हैं , मेरी तकलीफ बढ़ न जाए , इसलिए उसने आपके कपड़ों पर हरा रंग डाल दिया |

उत्तर सुन कर साधु  हंसने लगा | उसने कहा , ” ये तुमने क्या किया , सब कुछ हरा देखने के लिए तुमने अपने चारों  और हर वस्तु और लोगों को हरे रंग में रंग दिया , अरे तुम हरे कांच वाला चश्मा भी तो ले सकते थे | दुनिया जैसे थी वैसी ही रहती और तुम्हें भी सब कुछ हरा दिखाई देता |

                           मित्रों , हर प्रेरक कहानी में कुछ सन्देश छिपा रहता है | इस कहानी में भी एक बहुत सुंदर सन्देश छिपा है कि हमें दूसरों को बदलने के स्थान पर अपना नजरिया बदलना चाहिए | हममे से ज्यादातर लोग इस बात से दुखी रहते हैं कि वो … ऐसा नहीं करता , वैसा नहीं करता , उसे ऐसा कहना चाहिए , वैसा कहना चाहिए हम दुनिया को अपने हिसाब से बदलना चाहते हैं इसी कारण  दुखी रहते हैं , इसी कारण  रिश्तों में विवाद होते हैं | दूसरों को बदलने के स्थान पर अगर अपना नजरिया बदल लें … क्या हुआ ये अगर ऐसे रहना , उठना बोलना पसंद करता है , वो उसकी ख़ुशी है , मै जैसे रहना , उठाना बैठना पसंद करता हूँ वो मेरी ख़ुशी है | उसे अपनी जिन्दगी जीने देते हैं , मैं अपनी जिन्दगी अपनी तरह से जिऊँगा | उसके बावजूद हम अच्छे दोस्त रह सकते हैं | करके देखिये जीवन कितना आसन हो जाएगा |

ऐसे में सब कुछ हरा भले ही न हो पर आपका मन जरूर हरा भरा रहेगा |

अटूट बंधन परिवार

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