महाशिवरात्रि पर शिव को समर्पित 11 दोहे

1
             

महाशिवरात्रि पर शिव को समर्पित 11 दोहे

महाशिवरात्रि यानि भगवान् शिव और माता पार्वती के विवाह  की पावन तिथि | कहते हैं इस दिन भगवान् शिव बहुत प्रसन्न रहते हैं | वैसे भी भोले बाबा जरा से नाम जप पर ही प्रसन्न हो कर वरदान दे देते हैं तो फिर ये दिन तो उनके लिए भी ख़ास है | इसलिए शिव की ख़ास  कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त व्रत करते हैं , बेल धतूरा , मदार से शिव का पूजन करते हैं | हर घर हर मंदिर से आती हुई ॐ नम : शिवाय की ध्वनियाँ वातावरण को बहुत सात्विक बना देती है | महा शिवरात्रि के पावन अवसर पर हम आप सभी के लिए शिव को समर्पित ११ दोहे व् दो कुण्डलियाँ लाये हैं | तो आइये पढ़ें ………..

महाशिवरात्रि पर शिव को समर्पित 11 दोहे 

शिव सा वर जो चाहिए , कर सोलह सोमवार 
जन्मों तक चलता रहे , पति -पत्नी का प्यार 
———————————————–

महाशिवरात्रि जो करे  ,शिव -गौरा को याद 
सुखद दांपत्य जीवन की , वहाँ पड़ें बुनियाद 


————————————————————

मत चढ़ाओ दूध कभी , ना जोड़ो ये हाथ 
 करो सेवा दीनो की , मिल जायेंगे नाथ 
——————————————-




बेल धतूरा बेर  से ,प्रसन्न होते  आप 
लें  विष बरसायें सुधा  , ऐसे भोलेनाथ  
——————————————




तैंतीस कोटि  देवता , से कहूँ कर के नमन 
आप सभी के बीच है  , सबसे भोला   शिवम् 
————————————————






शिव मंदिर के बाहर , लगी भक्तों की भीड़ 
जिस की हम सब शाख हैं, शिवजी हैं वो नीड़ 
————————————————-




आज करूँ में  वंदना , जोड़े  दोनों हाथ 
 मेरी हर बाधा हरो , हे गौरी के नाथ 
———————————————-




माँगे वर शिव सा सदा , जब-जब पूजे गौर 
सम कहने वाला नहीं ,  दूजा कोई और 
—————————————————




निशदिन
पूजें शंभु को,जपें ॐ नम: शिवाय

पूरी
करते कामना ,  देवलोक से आय 
————————————————–


भक्तों की रक्षा के लिए,लिया हलाहल खाय 
नीलकंठ के नाम से , जाने गए शिवाय 
—————————————————-





विष पी के संसार का , देते जो वरदान 
ऐसे दीना नाथ  को , भक्त जरा पहचान 
————————————————–

दो -कुण्डलियाँ 

———————-
यामा  में शिवरात्रि की  ,  मलो अरघे चंदन 
बेल धतूरा चढ़ा के , करो शिव का वंदन 
करो शिव का वंदन , हो पूरे काज तुम्हारे 
रिपु दल पीटें  माथ, भटकते  मारे -मारे 
 ना जाना करना भूल  , ये व्रत पूरनकामा 
सुनो महत्व की बड़े   , ये शिवरातत्रि की यामा 


———————————————————-


भोले बाबा ने दिया , भस्मासुर को वरदान
उनके पीछे ही पड़ा , भागते  बचा कर जान  
भागते बचा कर जान , दौड़ते यहाँ वहाँ को 
श्री हरि तब मुस्काए , रूप धर लिया शिवा को
बोले  मीठे बैन , कर  शीश पर धर  तो ले 
फिर तो भ्स्म अरि हुआ औ ,मगन हुये शंभु भोले 
——————————————————


वंदना बाजपेयी 





यह भी पढ़ें ………..

सोऽहं या सोहम ध्यान साधना -विधि व् लाभ


मनसा वाचा कर्मणा -जाने रोजमर्रा के जीवन में क्या है कर्म और उसका फल


उसकी निशानी वो भोला भाला


 आपको  रचना    “महाशिवरात्रि पर शिव को समर्पित 11 दोहे  कैसी लगी   | अपनी राय अवश्य व्यक्त करें | हमारा फेसबुक पेज लाइक करें | अगर आपको “अटूट बंधन “ की रचनाएँ पसंद आती हैं तो कृपया हमारा  फ्री इ मेल लैटर सबस्क्राइब कराये ताकि हम “अटूट बंधन”की लेटेस्ट  पोस्ट सीधे आपके इ मेल पर भेज सकें |



keywords-shiv, mahashivraatri, fasting, dohe, bhagvan shiva, ॐ नम:शिवाय , shankar

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here