Monthly Archives: September 2019
हंस अकेला रोया -ग्रामीण जीवन को सहजता के साथ प्रस्तुत करती कहानियाँ
“गाँव” एक ऐसा शब्द जिसके जुबान पर आते ही अजीब सी मिठास घुल जाती है
| मीलों दूर तक फैले खेत, हवा में झूमती गेहूं...
फिल्म ड्रीम गर्ल के बहाने -एक तिलिस्म है पूजा
ड्रीम गर्ल यानि स्वप्न सुंदरी | बरसों पहले इसी नाम से एक फिल्म आई थी जिसमें हेमामालिनी ने अभिनय किया था | इस फिल्म...
श्राद्ध की पूड़ी
श्राद्ध पक्ष यानी अपने परिवार के बुजुर्गों के प्रति सम्मान प्रगट करने का समय | ये सम्मान जरूरी भी है और करना भी चाहिए...
डॉटर्स डे-जिनके जन्म पर थाली नहीं पीटी जाती
डॉटर्स डे, बहुत ही खूबसूरत शब्द है | पर हमारे देश में जहाँ बेटियाँ गर्भ में मार दी जाती हों | उनके जन्म पर...
मन्नत टेलर्स –मानवीय संवेदनाओं पर सूक्ष्म पकड़
आज का दौर बाज़ारों
का दौर है | ये केवल अपनी जगह सीमित नहीं है | ये बाज़ार हमारे घर तक आ गए हैं |...
अग्नि – पथ
हम ऐसे समज में जीने के लिए अभिशप्त हैं जहाँ रिश्ते -नाते अपनत्व पीछे छूटते जा रहे हैं | इंसान में ...
कुनबेवाला
"तुम बिलकुल जानवर हो ?"यह कह कर किसी इंसान का अपमान कर देना हम इंसानों की आदत में शुमार है | पर क्या जानवर...
विटामिन जिन्दगी- नज़रिए को बदलने वाली एक अनमोल किताब
इस सदन में मैं अकेला ही दिया हूँ, मत बुझाओ !
जब मिलेगी, रोशिनी मुझसे
मिलेगी
पाँव तो मेरे थकन ने छील डाले
अब विचारों के सहारे...
इश्क के रंग हज़ार -उलझते सुलझते रिश्तों पर सशक्त कहानियाँ
जीवन में खुश रहने के लिए मूलभूत आवश्यकताओं ( रोटी कपड़ा और मकान ) के बाद हमारे जीवन में सबसे ज्यादा जरूरी क्या है...
पालतू बोहेमियन – एक जरूर पढ़ी जाने लायक किताब
प्रभात रंजन जी की मनोहर श्याम जोशी जी के संस्मरणों पर आधारित किताब
‘ पालतू बोहेमियन’ के नाम से वैसे ही आकर्षित करती है जितना...