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Yearly Archives: 2019
ख़ुशी
ख़ुशी क्या है ? मुट्ठी में पकड़ी रेत सी जो उँगलियों के बीच से रिसती चली जाती है | फिर भी इसी ख़ुशी की...
गयी झुलनी टूट –लोक में रची बसी एक संघर्ष कथा
‘पदमश्री’...
नीम का पेड़‘
दो घरों के बीच अपनी शाखाएं फैला कर खड़ा हुआ नीम का पेड़ उन के बीच विवादों की जड़ था | शाखें भी छटवाई...
भाई -दूज पर मुक्तक
दीपावली के दूसरे दिन भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है | इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर रोली अक्षत का टीका...
प्रेम -दीपक
फोटो क्रेडिट -livedharm.com
करेगी रोशिनी जगमग , अँधेरे को मिटा देंगे
लाखों जुगनुओं से हम अमावस को हरा देंगे
धरा हो जायेगी स्वर्णिम, करेंगे देवता वंदन
जो जलाकर'मैं'को...
दीपोत्सव
दीपावली मानने के तमाम कारणों में एक है राम का अयोध्या में पुनरागमन | कहते हैं दीपावली के दिन प्रभु श्री
राम 14 वर्ष का...
धनतेरस पर करें आरोग्य की कामना
चलो जलाए आज हम , सखि द्वारे पर दीप।
तम को जो मेटे सदा , उजला सौम्य प्रदीप।
उजला सौम्य प्रदीप , स्वास्थ्य...
विभोम स्वर व् शिवना साहित्यकी मेंरी नज़र में
शिवना प्रकाशन की दो पत्रिकाएँ ‘विभोम स्वर’और ‘शिवना साहित्यिकी’
प्राप्त हुईं | अभी थोड़ी ही पढ़ीं हैं, फिर भी उन पर लिखने का मन हो...
डूबते को तिनके का सहारा
कहते हैं 'डूबते को तिनके का सहारा होता है |" कई बार हमारी छोटी सी मदद, छोटी सी बात , या छोटा सा सहयोग...
दीपक शर्मा की कहानी -चिराग़-गुल
ये कहानी पढ़कर फिल्म पाकीजा का एक गीत ख्यालों में चला आ रहा है |
"ये चिराग़ बुझ रहे हैं मेरे साथ जलते -जलते"
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