नितिन मेनारिया Archives - अटूट बंधन https://www.atootbandhann.com/category/नितिन-मेनारिया हिंदी साहित्य की बेहतरीन रचनाएँ एक ही जगह पर Sat, 04 Jan 2020 12:51:39 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1.6 Happy Holi – रंग ही जीवन है https://www.atootbandhann.com/2018/03/happy-holi-rang-hi-jeevan-hai-in-hindi.html https://www.atootbandhann.com/2018/03/happy-holi-rang-hi-jeevan-hai-in-hindi.html#comments Fri, 02 Mar 2018 03:10:00 +0000 https://www.atootbandhann.com/2018/03/02/happy-holi-rang-hi-jeevan-hai-in-hindi/ यूँ तो रंगों का त्यौहार होली भारत और नेपाल का प्रमुख त्यौहार है जो फागुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है , परन्तु ग्लोबलाइज़ेशन  आज न जाने कितने देश इसके रंगों में रंग गए हैं | और क्यों न रगें होली है ही इतना रंगीन की नजीर बनारसी भी कह उठे … अगर आज […]

The post Happy Holi – रंग ही जीवन है appeared first on अटूट बंधन.

]]>
Happy Holi - रंग ही जीवन है


यूँ तो रंगों का त्यौहार होली भारत और नेपाल का प्रमुख त्यौहार है जो
फागुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है , परन्तु ग्लोबलाइज़ेशन  
आज न जाने कितने देश इसके रंगों में रंग गए हैं
| और क्यों न रगें होली है ही इतना रंगीन की नजीर बनारसी भी कह उठे …

अगर आज भी बोली ठोली न होगी
तो होली ठिकाने की होली न होगी

                
                      यही तो ऐसा
त्यौहार है जिसमें बड़े भी बच्चे बन जाते हैं | साल में एक दिन ही तो होता है जब हम
अपना बचपना जी भर के जी सकते हैं | अबीर , गुलाल रंग और उस पर भाँग का संग … एक
दिन बचपन में लौटने की पूरी व्यवस्था हमारे पूर्वजों ने कर दी | ठीक भी है इसे अज
की आधुनिक भाषा में “स्ट्रेस रिलिजर” के रूप में देख सकते हैं | दुनिया भर के तनाव
एक तरफ रख कर कुछ पल केवल उल्लास और हंसी के नाम …

Happy Holi – आज ब्रज में होली रे रसिया  

                              होली का नाम लेते ही सबसे पहले बृज की होली स्मरण में आती है, पिचकारी लिए हुए कान्हा और बचने के लिए आगे – आगे भागती गोपियाँ | ये स्मृतियाँ हर बार होली में फिर से पुनर्जीवित हो जाती हैं क्योंकि आज़ कौन कान्हा नहीं है और कौन गोपियाँ नहीं है …देखो तो … जोगिरा सा रा रा रा 

होली की दस्तक ….

होली की दस्तक,
रंग गया मस्तक,
नहीं बच पाया
कोई अब तक।
रंगों में रंग गया,
सपनों में खो गया,
जिस पर रंग लगा
वो ही निखर गया।
कंही नगारे बजे,
कंही ढोल बजे,
किसी के चेहरे 
पर बारह भी बजे।
कोई गिरा कोई फिसला,
यूंही चलता रहा सिलसिला,
रंगो का सज गया
खुबसूरत टीला।
कंही पटाखे फूटे,
किसी के बर्तन टूटे,
काले रंग से बचने
सब के पसीने छूटे।
……………………………………………………………………………………….
                                      यूँ तो होली बड़ों को भी बच्चा बनने का अवसर देती हैं पर बच्चों की उमंग तो देखते ही  बनती है | कितने दिनों पहले से बच्चे पानी के  गुब्बारे आते -जाते लोगों पर फेंकने लगते हैं , पलट कर देखने पर मुस्कुरा कर कहते हैं , आंटी -अंकल प्लीज , यही तो मौका मिला है हमें जी भर कर शैतानी करने का | फिर उनकी मासूमियत पर क्यों न बड़े हंस कर कहे ठीक  है … ठीक है , होली वाले दिन हम भी इस शैतानी में जुड़ेंगे … बच्चों , आखिर हमारी जिंदगी के रंग तुम्हीं से तो हैं 

होली के नये रंग ….

होली के नये रंग,
नन्ही परी के संग,
एक बिटिया ही है
जीवन का नया रंग।
छोटे-छोटे उसके हाथ,
जीवन का नया साथ,
उसकी सुन्दर मुस्कान
हमेषा रहती है साथ।
रंग बिरंगी तीतली जैसी,
बिटिया रानी परी जैसी,
मेरे जीवन में लेकर आयी
अनमोल खुषियाँ स्वर्ग जैसी।
सात रंगो का ये संसार,
खुषियाँ मिले सबको अपार,
होली के नये रंग
सबको करे सरोबार।
……………………………………………………………………………………….
                          होली का त्यौहार बहुत सारे संकेत देता है , शीत ऋतु बीत चुकी है , अब मौसम घर में दुबके रहने का नहीं बाहर निकलकर काम करने का है | वो सन्देश देती है … देखो पतझड़ बीत चुका है , पलाश के फूल खिल रहे हैं | जीवन हर बार पतझड़ से निकल कर पलाश की और बढता है , फिर क्यों उदासी ओढ़े रहे बीते हुए पलों की , क्यों न स्वागत करें आगत का और भर लें अपनी झोली में सारे रंग 
होली की नयी कविता ….


होली की ये नयी पहेली है,
सालो से ये नई नवेली है,
फाल्गुन में ये अकेली है,
खुषबू में ये चमेली है।
होली के रंगो से पहले
पलाश निखर रहा है,
जिन्दगी का पतझड़ 
अब खत्म हो रहा है।
होली पर नीबू और आम 
ढूंढ रहे है अपने झुरमूट,
अब रंग बिरंगे चेहरे
ढूंढ रहे है अपने झूण्ड।
खुषियों की ये दुनिया
ढूंढती है नये बहाने,
रंगों से ला देती है
सबको मिलाने के बहाने।
……………………………………………………………………………………….
                                                          होली धीरे से हमारे कान में कहती है … हमारे चारों और कितने रंग बिखरे पड़े हैं , उन्हें पहचानो और अपने जीवन को रंग लो . वैसे ही जैसे प्रकृति रंगती है खुद को , क्योंकि रंग ही जीवन है | 
नितिन मेनारिया
उदयपुर, 
राजस्थान
कवि
प्रस्तुतीकरण – अटूट बंधन परिवार 

होली की हार्दिक शुभकामनाएं 

यह भी पढ़ें …



आपको  Happy Holi – रंग ही जीवन है कैसे लगी अपनी राय से हमें अवगत कराइए | हमारा फेसबुक पेज लाइक करें | अगर आपको अटूट बंधन  की रचनाएँ पसंद आती हैं तो कृपया हमारा  फ्री इ मेल लैटर सबस्क्राइब कराये ताकि हम अटूट बंधनकी लेटेस्ट  पोस्ट सीधे आपके इ मेल पर भेज सकें |


keywords- happy holi , holi, holi festival

The post Happy Holi – रंग ही जीवन है appeared first on अटूट बंधन.

]]>
https://www.atootbandhann.com/2018/03/happy-holi-rang-hi-jeevan-hai-in-hindi.html/feed 1