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कहानी समीक्षा- काठ के पुतले
ऐसा ही होता आया है एक ऐसा वाक्य है जिसके आवरण तले ना जाने कितनी गलत बाते मानी और मनवाई जाती हैं l कमजोर...
प्रज्ञा की कहानी जड़खोद- स्त्री को करना होगा अपने हिस्से का...
संवेद में प्रकाशित प्रज्ञा जी की एक और शानदार कहानी है "जड़ खोद"l इस कहानी को प्रज्ञा जी की कथा यात्रा में एक महत्वपूर्ण...
प्रज्ञा जी की कहानी पटरी- कर्म के प्रति सम्मान और स्वाभिमान...
कुछ कहानियाँ अपने कलेवर में इतनी बड़ी होती हैं जिन पर विस्तार से चर्चा होना जरूरी हो जाता है l कई बार कहानी संग्रह...