Tag: आशा सिंह
सिन्हा बंधु- पाठक के नोट्स
“जिस तरह जड़ों से कटा वृक्ष बहुत ऊंचा नहीं उठ सकता|उसी तरह समृद्धिशाली भविष्य की दास्तानें अतीत को बिसरा कर नहीं लिखी जा सकती...
फ्लाइट
जीवन में हम कितनी उड़ाने भरते हैं | सारी मेहनत दौड़ इन उड़ानों के लिए हैं | पर एक उड़ान निश्चित है ...पर उस...
ठकुराइन का बेटा
क्या प्रेम व्यक्ति को बदल देता है ? व्यक्ति के संस्कार में उसके आस -पास के लोगों का व्यवहार भी शामिल होता है |...
क्या हम मुताह कर लें?
मुस्लिम धर्म में मुताह निकाह की परंपरा है | ये एक तरह से कान्ट्रैक्ट मैरिज है | ये कॉन्ट्रैक्ट एक दिन का भी हो...
जेल के पन्नों से -नन्हा अपराधी
एक नन्हा मासूम सा बच्चा जेल के अंदर आया माँ को पुकार रहा था .. माँ को नहीं | कहन से आया क्यों आया...
जेल के पन्नों से – अंतिम इच्छा
रिश्ते भी कितने अजीब होते हैं | कभी अनजान अपने हो जाते हैं तो अपने अनजान |वरिष्ठ लेखिका आशा सिंह जी के धारावाहिक "जेल...
जेल के पन्नों से–हत्यारिन माँ
"माँ", दुनिया का सबसे खूबसूरत शब्द है |माँ शब्द के साथ एक शब्द और जुड़ा है ....ममता, जैसे देवत्व का भाव | माँ, जो...
जेल के पन्नों से
जेल .. ये शब्द सुनते ही मन पर एक खौफ सा तारी हो जाता है | शहर की भीड़ -भाड़ से दूर,अपनों से अलग,...
दरवाजा खुला है
दरवाजा खुला है .. दरवाजा खुला रखना आसान नहीं होता ,खासकर उसके लिए जिसने आपकी जिंदगी को छिन्न -भिन्न कर दिया हो | स्त्री...
ढोंगी
श्राद्ध पक्ष के दिन चल रहे हैं |हम सब अपने अपने हिसाब से अपने पित्रों के प्रति सम्मान व्यक्त कर रहे है | लेकिन...