भाई -बहन Archives - अटूट बंधन https://www.atootbandhann.com/category/भाई-बहन हिंदी साहित्य की बेहतरीन रचनाएँ एक ही जगह पर Sat, 04 Jan 2020 13:55:24 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1.6 भाई -दूज पर मुक्तक https://www.atootbandhann.com/2019/10/bhai-duj-par-muktak-in-hindi.html https://www.atootbandhann.com/2019/10/bhai-duj-par-muktak-in-hindi.html#comments Tue, 29 Oct 2019 06:43:00 +0000 https://www.atootbandhann.com/2019/10/29/bhai-duj-par-muktak-in-hindi/ दीपावली के दूसरे दिन भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है | इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर रोली अक्षत का टीका लगा कर उसके लिए दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं | कहा जाता है कि इसी दिन मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमी के निमंत्रण पर वर्षों बाद उसके घर भोजन […]

The post भाई -दूज पर मुक्तक appeared first on अटूट बंधन.

]]>

भाई -दूज पर मुक्तक

दीपावली के दूसरे दिन भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है | इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर रोली अक्षत का टीका लगा कर उसके लिए दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं | कहा जाता है कि इसी दिन मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमी के निमंत्रण पर वर्षों बाद उसके घर भोजन करने गए थे | तभी यमी ने संसार की सभी बहनों के लिए ये आशीर्वाद माँगा था कि जो भी भाई आज के दिन अपनी बहन का आतिथ्य स्वीकार कर उसके यहाँ भोजन करने जाए उसे वर्ष भर यमराज बुलाने ना आयें | इसी लिए आज के दिन का विशेष महत्व है | फिर भी बदलते ज़माने के साथ बहनें इंतज़ार करती रह जाती हैं और भाई अपने परिवार में व्यस्त हो जाते हैं | जमाना बदल जाता है पर भावनाएं कहाँ बदलती है | बहनों की उन्हीं भावनाओं को मुक्तक में पिरोने की कोशिश  की है | 

भाई -दूज पर मुक्तक 



कि अपने भाई को देखो बहन  संदेश लिखती है
चले आओ  कि
ये आँखें
  तिहारी
राह तकती हैं
सजाये थाल  बैठी हूँ तुम्हारे ही लिए भाई
तुम्हारी याद  में आँखें घटाओं सम बरसतीं हैं
………………………………………….
तुझे भी याद तो होंगी पुरानी वो सभी दूजे
बहन के सात भाई चौक पर जो थे कभी पूजे
बताशे हाथ में देकर सुनाई थी कथा माँ ने
सुनाई दे रहीं मुझको न जाने क्यों अभी गूँजें
————————————————
वर्ष बीते  मिले  हमको
गिना है क्या कभी तुमने
पलों को  भी 
जरा सोचो    लगाया है   गले      हम ने 
खता हुई      बताओ क्या  जरा  सी  बात पर रूठे     
                 
कि आ जाओ मनाउंगी 
 उठाई 
 है कसम  हमने 
—————————————-
बने भैया    बहन आठों       धरा पे  चौक  आटे से 
लगे ना चोट पाँवों  में     कभी  राहों के    काँटे  से 
चला मूसर कुचल दूँगी     अल्पें तेरी   मैं  राहों की 
बटेगा   ना  कभी 
   बंधन 
  हमारा  प्रभु    बांटे से 
वंदना बाजपेयी
मुक्तक –मु –फाई-लुन -1222 x 4




यह भी पढ़ें …



मित्रों , आपको  ‘भाई -दूज पर मुक्तक‘ कैसे लगे   | पसंद आने पर शेयर करें | हमारा फेसबुक पेज लाइक करें | 
अगर आपको ” अटूट बंधन ” की रचनाएँ पसंद आती हैं तो हमारा फ्री ईमेल सबस्क्रिप्शन लें ताकि सभी 
नयी प्रकाशित रचनाएँ आपके ईमेल पर सीधे पहुँच सके | 

filed under-bhaiya duj, bhai-bahan, muktak

The post भाई -दूज पर मुक्तक appeared first on अटूट बंधन.

]]>
https://www.atootbandhann.com/2019/10/bhai-duj-par-muktak-in-hindi.html/feed 2
भाई दूज : भाई बहन पर 15 अनमोल विचार https://www.atootbandhann.com/2017/10/beautiful-quotes-on-brother-sister.html https://www.atootbandhann.com/2017/10/beautiful-quotes-on-brother-sister.html#comments Sat, 21 Oct 2017 09:00:00 +0000 https://www.atootbandhann.com/2017/10/21/beautiful-quotes-on-brother-sister/ भाई – बहन का रिश्ता एक अटूट बंधन है | जो उन दोनों के अलग – अलग परिवारों में रहने बाद भी अटूट ही बना रहता है |  भाई जो बचपन में बहन से लड़ते हैं वो बड़े होकर बहनों के लिए लड़ते हैं | बड़े होने पर बहनों को ससुराल में जिसका सबसे ज्यादा […]

The post भाई दूज : भाई बहन पर 15 अनमोल विचार appeared first on अटूट बंधन.

]]>

  • भाई – बहन का रिश्ता एक अटूट बंधन है | जो उन दोनों के अलग – अलग परिवारों में रहने बाद भी अटूट ही बना रहता है | 
  • भाई जो बचपन में बहन से लड़ते हैं वो बड़े होकर बहनों के लिए लड़ते हैं |
  • बड़े होने पर बहनों को ससुराल में जिसका सबसे ज्यादा इंतज़ार रहता है , वो है भाई का | 
  • आप सारी  दुनिया को मुर्ख बना सकते हैं पर अपनी बहन को नहीं |

  •  दुनिया में कोई प्यार ऐसा नहीं है जैसा भाई के प्रति  प्यार है , दुनिया में कोई प्यार ऐसा नहीं है जैसा भाई का प्यार है|
  •  दोस्त आते और जाते हैं पर भाई -बहन सदा के लिए हैं

ये जरूर्री नहीं की भाई बहन का रिश्ता हमेशा खून का ही हो | कई बार मानद या दिल से माने हुए भाई बहन के रिश्ते भी बन जाते हैं | इनमें रिश्ते को निभाने का कोई दवाब नहीं होता | फिर भी ये बेहद आत्मीयता से भरे होते हैं | क्योंकि ये दिल से जुड़े होते हैं |- अटूट बंधन 

  • कोई भी भाई अपनी बहन की साऋ समस्याएं तो दूर नहीं कर सकता पर वो उसकी हर समस्या में जूझने में उसका साथ जरूर देता है |
  • जब दो भाई – बहन काढ़े से कन्धा मिलकर चलते हैं तो किसकी इतनी हिम्मत है की वो उनके कंधे से टकरा सके | 
  • भले ही भाई – बहन साथ न रहे वो एक दूसरे की स्मृतियों में सदा रहते हैं | 
  •  केवल एक भाई एक पिता की तरह प्यार कर सकता है , बहन  की तरह चिढ़ा सकता हें , माँ की तरह देखभाल कर सकता है और दोस्त की तरह साथ दे सकता है |

  •  भाई -बहन का रिश्ता वो रिश्ता है जो दूर होने पर भी दिल के तारों से बंधा रहता है |
  •  भाई बहन सदा उतने ही करीब रहते हैं जितना हाँथ और पाँव | 

  • भाई -बहन वो बचपन है जो कभी जाता नहीं है  | 
  •  ये बहनों का काम है की वो भाई को चिढाये , भले ही वो कितना बड़ा हो गया हो | 

The post भाई दूज : भाई बहन पर 15 अनमोल विचार appeared first on अटूट बंधन.

]]>
https://www.atootbandhann.com/2017/10/beautiful-quotes-on-brother-sister.html/feed 2
आया राखी का त्यौहार – भाई बहन पर कवितायें https://www.atootbandhann.com/2017/08/blog-post_7-3.html https://www.atootbandhann.com/2017/08/blog-post_7-3.html#respond Sun, 06 Aug 2017 11:00:00 +0000 https://www.atootbandhann.com/2017/08/06/blog-post_7-3/ बहन की राखी  ईमेल एसएमएस की दुनिया में डाकिये ने पकड़ाया लिफाफा 22 रुपए के स्टेम्प से सुसज्जित भेजा गया था रजिस्टर्ड पोस्ट पते के जगह, जैसे ही दिखी वही पुरानी घिसी पिटी लिखावट जग गए, एक दम से एहसास सामने आ गए, सहेजे हुए दृश्य वो झगड़ा, बकबक, मारपीट सब साथ ही दिखा, प्यार के छौंक से सना वो मनभावन, अलबेला चेहरा उसकी […]

The post आया राखी का त्यौहार – भाई बहन पर कवितायें appeared first on अटूट बंधन.

]]>
बहन की राखी 
ईमेल एसएमएस की दुनिया में
डाकिये ने पकड़ाया लिफाफा
22 रुपए के स्टेम्प से सुसज्जित
भेजा गया था रजिस्टर्ड पोस्ट
पते के जगह, जैसे ही दिखी
वही पुरानी घिसी पिटी लिखावट
जग गए, एक दम से एहसास
सामने आ गए, सहेजे हुए दृश्य
वो झगड़ा, बकबक, मारपीट
सब साथ ही दिखा,
प्यार के छौंक से सना वो
मनभावन, अलबेला चेहरा
उसकी वो छोटी सी चोटी,
उसमे लगा काला क्लिप जो होती थी,
मेरे हाथों कभी
एक दम से आ गया सामने
उसकी फ्रॉक, उसका सैंडल
ढाई सौ ग्राम पाउडर से पूता चेहरा
खूबसूरत दिखने की ललक
एक सुरीली पंक्ति भी कानों में गूंजी
“भैया! खूबसूरत हूँ न मैं??”
हाँ! समझ गया था,
लिफाफा में था
मेरे नकचढ़ी बहना का भेजा हुआ
रेशमी धागे का बंधन
था साथ में, रोली व चन्दन
थी चिट्ठी…..
था जिसमे निवेदन
“भैया! भाभी से ही बँधवा लेना !
मिठाई भी मँगवा लेना !!”
हाँ! ये भी पता चल चुका था
आने वाला है रक्षा बंधन
आखिर भाई-बहन का प्यारा रिश्ता
दिख रहा था लिफाफे में ……
सिमटा हुआ………..!!!
मुकेश कुमार सिन्हा 

चिट्ठी भाई के नाम
***************

भैया 
पिछले रक्षाबंधन पर 
जैसे ही मैंने नैहर की 
चौकठ पर 
रखा पांव
बड़े नेह से भौजाई
लिए खड़ी थी हांथो में
थाल
सजाकर
जुड़ा हमारा 
हॄदय
खुशी से आया
नयन भर
हमने
दिया आशीष 
मन भर
सजा रहे भाई का
आंगन
भरा रहे भाभी का
आँचल
रहे अखंड
सौभाग्य
हमारा
नैहर रहे
आबाद
भैया तुम रखना भाभी का
खयाल
कभी मत होने देना
उदास
भाभी तेरे घर की
लक्ष्मी है
और तुम हो
घर के सम्राट
माँ भी हैं तेरे साथ 
उन्हें भी देना मान 
सम्मान 
सिर्फ़ तुमसे है 
इतना आस 
पापा का बढ़ाना 
नाम 
*********************
©कॉपीराइट किरण सिंह
‎_भैया_लौटे_हैँ‬


भैया लौटे हैँ
लौटी हैँ माँ की आँखेँ
पिता की आवाज मेँ लौटा है वजन


बच्चोँ की चहक लौटी है
भाभी के होँठो पर लौट आई लाली


बहुत दिन बाद
हमारी रसोई मेँ लौटी खुशबू
आँगन मेँ लौटा है परिवार


नया सूट पाकर
मैँ क्योँ न खुश होऊँ
बहन हूँ
शहर से मेरे भैया लौटे हैँ.!




_गौरव पाण्डेय



‘रक्षा -बंधन ; एक भावान्जलि  ”
एक थी , छोटी सी अल्हड़  मासूम बहना। … 
छोड़ आई अपना बचपन ,तेरे अँगना ,
बारिश की बूंदो सी  पावन स्मृतियाँ ,
 नादाँ आँखे उसकी  उन्मुक्त  भोली हँसी, ….
क्या भैया !   तुमने उसे देखा है कही ,………… !
छोटी सी फ्राक की छोटी सी जेब में ,
पांच पैसे की टाफी की छीना -छपटी  में ,
मुँह फूलती उसकी ,शैतानी हरकते 
स्लेट के  अ आ  के  बीच ,मीठी शरारते 
क्या ?… तुम उसे याद करते हो कभी ,…. !
दिनभर, अपनी कानी गुड़िया संग खेलती ,
माँ की गोद  में पालथी मारे बैठती ,
,जहा दो चोटियों संग माँ गूंथती ,
हिदायतों भरी दुनियादारी की बातें ,
बोलो भैया ,!वो मंजर भूल तो नहीं जाओगे कभी.… ,!
आज तेरे उसी घर – आँगन में,
ठहर जाये ,वैसी ही मुस्कानों की कतारे ,
हंसी -ठहाकों की लम्बी महफिले ,
हम भाई-बहनो के यादो से भींगी बातें ,
और ख़त्म ना हो खुशियो की ये सौगाते कभी भी,…  !
राखी के सतरंगे धागो में गूँथे हुए अरमान ,
तुमने दिए ,मेरे सपनो को अनोखे रंग ,
और ख्वाईशों को दिए सुनहरे पंख ,
और अब सफेद होते बालो के संग ,
स्नेह की रंगत कम न होने देना कभी.… !
माथे पर तिलक सजाकर ,नेह डोर बांधकर,
भैया मेरे ,राखी के बंधन को निभाना ,
छोटी बहन को ना भुलाना ,
इस बिसरे गीत के संग ,
अपनी आँखे नम न करना कभी   …. !
 आँखों में , मीठी यादो में बसाये रखना,
इस पगली बहना का पगला सा प्यार  ,
यही याद दिलाने आता है एक दिन ,
बूंदो से भींगा यह प्यारा  त्यौहार,
बस ,भैया तुम मुझे भूला ना देना, कभी। ….  ”’
ई. अर्चना नायडू 
जबलपुर 



पक्के रंग 

कितनी खुश थी मैं
जब माँ ने बताया था
की परी रानी आधी रात को
दे गयी है मुझे एक
अनोखा उपहार
कोमल सा नाजुक सा
जिसे अपनी नन्ही गोद में लिटा
घंटों खेलती
हाँ ! भैया तुम मेरी गुडियाँ में तब्दील हो गए
कब वो नन्हे -नन्हे हाँथ-पाँव बढ़ने लगे
शुरू हो गया संग खेलना
मेज के नीचे घर का बनाना
मिटटी के बर्तन में खाना
रूठना -मानना
तकिये के नीचे टॉफ़ी छिपाना
हाँ ! भैया तुम मेरे दोस्त में तब्दील हो गए
जब बढ़ गया तुम्हारा कद मेरे कद से
तो हो गए जैसे बड़े उम्र में
सजग -सतर्क
रखने लगे मेरा ख़याल
कॉलेज ले जाना, लाना
मेरा हाथ बटाना
मेरी छोटी -छोटी खुशियों का ध्यान
हां भैया ! तुम मेरे संरक्षक में तब्दील हो गए
और उम्र के इस दौर में
जब मेरे दर्द पर भर आती है तुम्हारी आँखें
निभाते हो जिम्मेदारियाँ
फेरते हो सर पर स्नेहिल हाँथ
मौन ही कह जाते हो
चिंता मत करो” मैं हूँ तुम्हारे साथ “
कब ! पता नहीं कब ?
मेरे भाई ! तुम मेरे पिता में तब्दील हो गए
आज तुमको भेजते हुए राखी
बार -बार कह रहा है मन
मेरी गुड़ियाँ , मेरे भाई , संरक्षक , मेरे पिता
बड़ा अनमोल है अपना यह रिश्ता
क्योंकि
कुछ धागों के रंग कभी कच्चे नहीं होते
समय बीतने के साथ
साल दर साल
यह और मजबूत और गहरे
और पक्के होते जाते हैं
:वंदना बाजपेयी

The post आया राखी का त्यौहार – भाई बहन पर कवितायें appeared first on अटूट बंधन.

]]>
https://www.atootbandhann.com/2017/08/blog-post_7-3.html/feed 0