दीपावली स्पेशल
कुम्हार और बदलते व्यापार का समीकरण
दीपावली की बात करते ही मेरे जेहन में बचपन की दीवाली आ जाती है | वो माँ के हाथ के बनाये पकवान , वो रिश्तेदारों का आना -जाना , वो प्रसाद की प्लेटों का एक घर से दूसरे घर में जाना और साथ ही घर आँगन बालकनी में टिम-टिम करते सितारों की तरह अपनी जगमगाहट … Read more
मंगतलाल की दिवाली
हम सब वायु , ध्वनि , जल और मिटटी के प्रदूष्ण के बारे में पढ़ते हैं … पर एक और प्रदुषण है जो खतरनाक स्तर तक बढ़ा है , इसे भी हमने ही खतरनाक स्तर तक बढाया है पर हम ही इससे अनभिज्ञ हैं … कैसे ? आइये समझें मंगत्लाल की दिवाली से काव्य कथा … Read more
वो कन्नौज की यादगार दीपावली
यूँ तो हर बार दिवाली बहुत खास होती है पर उनमें से कुछ होती हैं जो स्मृतियों के आँगन में किसी खूबसूरत रंगोली की तरह ऐसे सज जाती हैं कि हर दीवाली पर मन एक बार जाकर उन्हें निहार ही लेता है | ऐसी ही दीवालियों में एक थी मेरे बचपन में मनाई गयी कन्नौज … Read more
दीपावली के बाद अनावश्यक गिफ्ट्स का क्या करें ?
दीपों के त्यौहार दीपावली में गिफ्ट्स लेने – देने की परंपरा है | पर अक्सर त्यौहार के बाद लोग उन गिफ्ट्स को इधर – उधर बाँट कर जैसे एक बहुत बड़े बोझ से हल्का होने का प्रयास करते हैं | क्या आप भी उनमें से एक हैं ? तो ये लेख आपके लिए हैं आइये … Read more
मिट्टी के दिए
दीपावली पर मिट्टी के दिए जलाने की परंपरा है | भले ही आज बिजली की झालरों ने अपनी चकाचौंध से दीपावली की सारी जगमगाहट अपने नाम कर ली हो | फिर भी अपनी परंपरा और अपने पन से जुड़े रहने का अहसास तो मिटटी के दिए ही देते हैं | आइये पढ़ें … emotional hindi … Read more
दीपवाली पर कविताओं के 7 दीप
दीपावली अँधेरे पर रौशनी की विजय का त्यौहार है | ये नन्हे – नन्हे दीपों का ही तो चमत्कार है की काली अमावस की रात टिमटिमाती रोशिनी से जगमग हो जाती … Read more
दीपोत्सव :स्वास्थ्य ,सामाजिकता ,और पर्यावरण की दृष्टी से महत्वपूर्ण
त्यौहार और उत्सव हमारे जीवन में हर्षोल्लास और सुख लेकर आते हैं ।भारतीय संस्कृति में त्यौहारों का विशेष स्थान है। सभी पर्व या तो पौराणिक पृष्ठभूमि से जुड़े हैं या प्रकृति से! इनका वैज्ञानिक पहलू भी नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता! पांच त्यौहारों की एक श्रृंखला है दीपोत्सव दीवाली न सिर्फ एक त्यौहार है … Read more
लम्बी चटाई के पटाखे की तरह हूँ
दिवाली पर एक हास्य-व्यंग्य—- (लम्बी चटाई के पटाखे की तरह हूँ) पति ———– डम्प पड़े पटाखे के घाटे की तरह है, पत्नी—– सात आवाजा पटाखे की तरह है। ससुर——- जल रहे मुंडेर पे मोमबत्ती के धागे की तरह है, सास——– मेकप-पे-मेकप,साड़ी-पे-साड़ी, उफ!इस उम्र मे भी वे———- किसी बम के धमाके की तरह है। शाली——- दिवाली … Read more