फिल्म पद्मावती से रानी पद्मावती तक बढ़ता विवाद

आज संजय लीला भंसाली के कारण रानी पद्मावती  व् जौहर व्रत फिर से चर्चा में है | फिल्म पर बहसें जारी हैं | हालाँकि की जब तक फिल्म न देखे तब तक इस विषय में क्या कह सकते हैं ? ये भी सही है की कोई भी फिल्म बिलकुल इतिहास की तरह नहीं होती | … Read more

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बेगम अख्तर- मल्लिकाएं-ए-ग़ज़ल को सलाम

मल्लिकाएं ग़ज़ल पदम् श्री और पदम् विभूषण से सम्मानित बेगम अख्तर का असली नाम अख्तरी बाई फैजाबादी था | वो भारत की प्रसिद्द ग़ज़ल व् ठुमरी गायिका थीं | जिनकी कला के  जादू ने सरहदें पार कर पूरे विश्व को अपनी स्वर लहरियों में बाँध लिया |इस साल ग़ज़ल की महान गायिका बेगम अख्तर की … Read more

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‘‘अपने पास रखो अपने सूरजों का हिसाब, मुझे तो आखिरी घर तक दीया जलाना है’’-पंडित दीनदयाल उपाध्याय

एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय – महेन्द्र सिंह, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), ग्रामीण विकास एवं स्वास्थ्य  उत्तर प्रदेश सरकार अति मेधावी छात्र के रूप में आपने पहचान बनायी:-             आपका जन्म 25 सितम्बर 1916 में मथुरा के छोटे से गांव ‘नगला चंद्रभान’ में हुआ था। तीन वर्ष की उम्र में आपकी माताजी का तथा … Read more

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पंडित दीनदयाल उपाध्याय -एक प्रखर विचारक, उत्कृष्ट संगठनकर्ता तथा सत्यनिष्ठ नेता

– डाॅ. जगदीश गाँधी, संस्थापक-प्रबन्धक, सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ पंडित दीं दयाल उपाध्याय ( जन्म २५ सितम्बर १९१६–११ फ़रवरी १९६८) महान चिन्तक और संगठनकर्ता थे। वे भारतीय जनसंघ  के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने भारत  की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को ” एकात्म मानववाद ” जैसी प्रगतिशील विचारधारा दी।दीनदयाल जी की मान्यता थी … Read more

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पूछने की आदत से शिक्षक परेशान होते थे – सत्या नडेला, माइक्रोसाॅफ्ट, सीईओ

संकलन – प्रदीप कुमार सिंह मेरे पिता आईएएस अधिकारी थे। मैंने बेगमपेट स्थित हैदराबाद पब्लिक स्कूल से अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की। बचपन से ही मैंने सोच लिया था कि मुझे टेक्नोलाॅजी के क्षेत्र में बड़ा काम करना है। मुझे अपनी मंजिल पता थी:-             मैं हर चीज को उसकी संपूर्णता में जानना-समझना चाहता था। … Read more

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पिता के नाम तरुण कार्ल मार्क्स का पत्र

19 वर्ष के कार्ल मार्क्स ने बर्लिन से अपने पिता को यह ख़त लिखा था जिसमें बर्लिन में बिताये अपने एक साल का लेखा-जोखा दिया था। मार्क्स के जीवनीकार फ्रांज़ मेहरिंग ने लिखा है, ‘इस पत्र के द्वारा हम मार्क्स के जीवन के उस एक साल को उनके जीवन के किसी भी और दौर के … Read more

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बहादुर शाह जफ़र के अंतिम दिन – इतिहासकार की एक उदास ग़ज़ल

बहुत पुरानी बात नहीं है। सिर्फ डेढ़ सौ साल पहले भारत के इतिहास ने एक अप्रत्याशित करवट ली थी। अंग्रजी राज के खिलाफ एक बड़ी बगावत पूरे उत्तर भारत में वेगवती आंधी बन उठी थी । अंग्रजी सेना के भारतीय सिपाहियों ने विद्रोह कर दिया था। यह विद्रोह गांवों के किसानों और गढ़ियों के सामंतों … Read more

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हेडी लेमार – ब्यूटी विद ब्रेन

अपने समय की सबसे खूबसूरत स्त्री कही जाने वाली हौलीवुड अभिनेत्री हेडी लेमार का आज १०१ जन्म दिन है | आज गूगल डूडल देख कर आप के मन में प्रश्न जरूर उठा होगा की उनमें ऐसा क्या ख़ास है जिसके कारण गूगल उन्हें ये सम्मान दे रहा है |९ नवम्बर १९१७ में ऑस्ट्रिया में जन्मी … Read more

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प्रिंसेस डायना : एक परी कथा का दुखद अंत

कहानियाँ किसे नहीं पसंद होती | शायद कहानियाँ ही हैं जिसकी चाह  में बच्चे नानी – दादी के आस – पास घूमते रहते हैं |और वो भी तो पूरे चाव से परियों की कहानी सुनाती है तो कभी राजकुमार-राजकुमारी की। ऐसी ही कहानियों के बीच हमारा बचपन निकलता है। लेकिन इतिहास के पन्नों में आज … Read more

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लता मंगेशकर उस संगीत का नाम है , जो कानों से सीधे रूह में उतरता है

अगर आप गायन की बात करते हैं और खास कर फ़िल्मी गायन की तो जो नाम सबसे पहले जेहन में उभर कर आता है वह है लता मंगेशकर |आज लता मंगेशकर महज एक व्यक्ति का नाम नहीं सुरों का पर्याय है | जिसमें शामिल हैं न जाने कितने आरोह – अवरोह , न सिर्फ हिंदी … Read more

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