आज गंगा स्नान की नहीं गंगा को स्नान कराने की आवश्यकता है

  गंगा एक शब्द नहीं जीवन है , माँ है , ममता है | गंगा शब्द से ही मन असीम श्रद्धा से भर जाता है | परन्तु क्या सिर्फ श्रद्धा करन ही काफी है या हमारा माँ गंगा के प्रति कुछ कर्तव्य भी है |बरसों पहले एक फ़िल्मी गीत आज  भी प्रासंगिक है ” मानों … Read more

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रहिमन पानी राखिये, बिनु पानी सब सून

…   आज विश्व जल संरक्षण दिवस पर मुझे कवि रहीम का दोहा…….       रहिमन पानी राखिये, बिनु पानी सब सून।      पानी गए न उबरे, मोती, मानुस चून।। बरबस याद आ रहा है, क्योंकि अरुणाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग में अध्यापिका के रूप में बिताये चौबीस वर्षों में जल के महत्त्व को मैंने बखूबी समझा … Read more

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अंतर्राष्ट्रीय गोरैया दिवस पर ……..’ओ री गौरैया ‘ .

. मेरी बचपन की प्यारी सखी गौरैया! तुम्हें पता है आज विश्व गोरैया दिवस है। इसे एक तरह से इसे मैं तुम्हारा जन्मदिवस ही मानती हूँ। सो मेरी प्यारी सखी!जन्मदिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएँ। तुम्हें याद होगा, बचपन में माँ से आलू-प्याज रखने वाली टोकरी माँग कर ,पापा से उसमें सुतली बंधवाती थी । एक … Read more

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‘वैलेन्टाइन दिवस’ को मनाएं ‘पारिवारिक एकता दिवस’

                                                              (1) ‘वैलेन्टाइन दिवस’ के वास्तविक, पवित्र एवं शुद्ध भावना को समझने की आवश्यकताः- संसार को ‘परिवार बसाने’ एवं ‘पारिवारिक एकता’ का संदेश देने वाले … Read more

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चलो चले जड़ों की ओर ; नागेश्वरी राव

                         वृद्ध अवस्था अपने आप में दुखदायक है|इस स्तर में  आजादी, सम्मान, क्षमता, मानसिक, शारीरिक शक्ति का हनन होने लगता है|,जिन वृद्धों का लक्ष केवल परिवार रहा हो जब कटु सत्य सामने आता है, पैर तले जमीन खिसक –जाती है उन्हें कई कुंठाओं, व्यथाओं का सामना करना पड़ता है। क्योकि बच्चों के समस्याएं, समय की … Read more

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चलो चले जड़ो की ओर : अशोक परूथी

                                                                                  माँ देश में बेटे के बिछोड़े में अकेली रोती तो है लेकिन इसका हल … Read more

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