हंसते जख्म

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हँसते जख्म
विवाह एक ऐसी गांठ, जिसमें दो लोग एक -दूसरे के साथ जिंदगी भर हर लम्हा प्यार के, अपनेपन के , जिम्मेदारी के  अहसास से गुजारने वादा करते हैं | पर जिस देश में लड़कियाँ बोझ समझी जाती  हों वहाँ  ये वादा इस तरह से नहीं निभता | वहाँ शादियाँ बस निभाई जाती  हैं | ऐसी ही एक शादी में प्रेमी व पति के बीच बँटी हुई एक लड़की की दास्तान .है प्रेमलता टोंगया जी की कहानी

“हंसते जख्म”

मध्यम श्रेणी परिवार में राधा और उसके बड़े भाई का बचपन प्यार से बीता।सारी खुशियां साथ लिये वह बड़ी हो गई, भाई भी बड़ा हो रहा था । राधा की जवान तमन्नाओं का सैलाब और कालेज की पढ़ाई एक साथ चल रहे थे।वह सुन्दर होने के साथ पढ़ाई में भी होशियार थी, उसके कालेज में लड़की और लड़के साथ पढ़ते थे।एक लड़का विनय” जो राधा का रिश्तेदार भी था राधा के घर के सामने ही रहता था सो साथ ही आता जाता उसका ख्याल रखता ।पढ़ाई में भी सहायता करता । इसी तरह तीन साल बीत गए। दोनों साथ रहते हुए एक-दूसरे को बेहद चाहने लगे एक दिन दोनों ने अपने अपने प्यार का इजहार किया।
एक दिन शाम होते ही दोनों काफी पीने निकले, बड़े भाई ने देख लिया तो बहुत नाराज़ हुआ घर पर भी बता दिया लेकिन राधा ने साफ कहा कि शादी करूंगी तो विनय से वरना नहीं।भाई इस बात से बहुत नाराज़ हुआ उसके अहम को चोट लगी थी, उसने मां पिताजी को समझा कर अपने दोस्त से शादी करवा दी जो परिवार के दूर की रिश्तेदारी से था ।समाज में परिवार की बेइज्जती के डर से राधा ने अपनी भावनाओं को दफ़न कर दिया।
सुहागरात को दोनों में कोई बात नहीं हुई, क्योंकि राधा का पति शराबी था, और निकम्मा भी।जब एक दो दिन बाद वह राधा के करीब आने की कोशिश करने लगा तब राधा को असलियत पता चली कि यह तो नपुंसक है।
उफ्फ ____राधा रोती रही और सोचती रही कि यह मेरे भाई ने मुझे किस आदमी के पल्ले बांध दिया?? कौनसे जन्म का बदला लिया है,?? सारे अरमानों पर पानी फिर गया ।उसने अपने मायके आकर अपने प्रेमी विनय को सारी बात बताई दोनों ने सारी जिन्दगी साथ देने का वादा किया।अब दोनों साथ घूमते फिरते कोई कुछ नहीं कहता क्योंकि राधा गुस्से में बोल चुकी थी कि किसी ने भी मेरे मामले में दख़ल दिया तो तलाक दे दूंगी या मैं आत्महत्या कर लूंगी।समाज और रिश्तेदारी की वज़ह से सभी चुप थे।एक चचेरी बहन थी राधा की वह सब जानती थी। उसके घर में एक कमरा खाली रहता था,वह दोनों का साथ देती और उनका मिलन करवाती।पति अपनी कमजोरी के कारण चुप रहता।जब राधा प्रेगनेंट हो गई तो उसने अपने पति को बताया पर वह कुछ बोल ही नहीं पाया, बच्चे को अपना नाम देना ही मुनासिब समझा क्योंकि गलती उसी की थी झूठ बोल कर शादी करने, गलत हरकतें करने और ना कमाने का परिणाम भोगना ही था। इसी तरह राधा ने दो बच्चों को जन्म देकर नाम अपने पति का ही  दिया।
एक दिन राधा को किसी ने बताया विनय नहीं रहा ओह…. राधा सुनते ही बेहोश हो गई।होश आने पर पता लगवाया कि कहां है??? लेकिन ना ही लाश मिली ना ही मरने का कारण पता चला हां कपड़े जरुर किसी स्वीमिंगपूल के किनारे पड़े मिले।शायद किसी ने…….अब बच्चों की परवरिश वह अकेले ही कर रही थी, क्योंकि विनय का सहारा छिन गया था। राधा ने ब्यूटी पार्लर का कोर्स किया हुआ था सो घर में ही पार्लर खोल कर अपने और बच्चों के लायक़ कमाने लगी।पति इधर उधर से मांग कर शराब पीता और घर आकर बेइज्जती की रोटी खाता।
आज दोनों बच्चों की शादी करके राधा खुश है। उसने अपने बच्चों से कुछ नहीं छुपाया सब कुछ बताया विनय के बारे में। लेकिन दोनों बच्चे समाज में राधा के और पति के नाम से ही जाने जाते हैं। अब भी राधा अपने प्यार को याद करके आंसू बहाती है, लेकिन उसके दर्द को कोई नहीं समझ सकता शायद उसके नसीब में इतना ही था।पति से वह आज भी नफ़रत करती है।
 प्रेम टोंग्या इन्दौर
प्रेमलता टोन्गिया
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