प्रश्नकाल- किरण सिंह से रेखा भारती मिश्रा का संवाद

किरण सिंह से रेखा भारती मिश्रा का संवाद

किरण सिंह जी से रेखा भारती मिश्रा का साक्षात्कार ग्रृहणी अर्थात् ऐसी कार्यशक्ति जो परिवार और समाज में उच्च कोटि का अमूल्य योगदान देती है।  इसके लिए उसे ना तो कोई तय राशि मिलती है और ना प्रोत्साहन।  हां कई बार अवांछित उपहास और ताने जरूर मिल जाते हैं। बावजूद इसके लाभ-हानि के गणित में … Read more

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गरीबों का जीवन स्तर उठाना मेरा मकसद- एनी फेरर

           संकलन – प्रदीप कुमार सिंह    मेरा जन्म इंग्लैंड में हुआ था। वर्ष 1963 में अपने भाई के साथ मैं भारत आई और फिर यहीं की होकर रह गई। मुंबई में पढ़ाई की और फिर पत्रकार के तौर पर एक पत्रिका में काम करने लगी। उस वक्त मेरी उम्र करीब 18 वर्ष रही होगी। … Read more

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” ग्रीन मैंन” विजय पाल बघेल – मुझे बस चलते जाना है……

    प्रेषक -प्रदीप कुमार सिंह  पर्यावरण और जीवन का अनोखा संबंध है आज के समय में पर्यावरण का ध्यान रखना हर किसी की जिम्मेदारी और अधिकार होना चाहिए , विशेषकर आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण संरक्षण बहुत जरूरी है ।पर्यावरण संरक्षण और जल वायु परिवर्तन ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया हुआ है । … Read more

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नौकरी छोड़कर खेती करने का जोखिम काम आया – अभिषेक सिंहानिया (आईआईटी मद्रास से ग्रेजुऐट )

संकलनकर्ता – प्रदीप कुमार सिंह              मैं कोलकाता का रहने वाला हूं और मेरे पिता उद्योगपति है। आईआईटी मद्रास से ग्रेजुएशन करने के बाद मुझे मुंबई में प्राइसवाटरहाउस कूपर्स में नौकरी मिल गई। लेकिन बचपन से ही किसानों का मैं काफी सम्मान करता था, इसलिए उनको होने वाली परेशानियां मुझे उदास कर देती थी। हालांकि … Read more

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मेरे एक महीने का वेतन पिता के कर्ज के बराबर – पी.सी. मुस्तफा

संकलन कर्ता – प्रदीप कुमार सिंह              मेरा जन्म केरल के एक छोटे-से गांव वायनाड में हुआ था। मेरे पिता काॅफी के एक बगीचे में दैनिक मजदूरी का काम करते थे। तमाम पिछड़े गांवों की तरह मेरे गांव में भी सिर्फ एक ही प्राइमरी स्कूल था। हाई स्कूल करने के लिए बच्चों को गांव से … Read more

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क्रांति ने मुश्किलें दी खेल से मिला प्यार – नादिया कोमानेची की अपनी कहानी

             मेरा जन्म 12 नवंबर, 1961 को रोमानिया के एक छोटे से शहर ओनेस्टी में हुआ था। जल्द ही मेरे माता-पिता अलग रहने लगे। बचपन में मैं बहुत ऊर्जावान और चंचल बच्ची थी, जिसे काबू में रखना आसान नहीं था। इसलिए मेरी मां ने मुझे जिमनास्ट सीखने एक स्थानीय टीम में भेजा। छह वर्ष से … Read more

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