Tag: कविता सिंह
सही तरीका
रहींम दास जी का एक दोहे की एक पंक्ति है "जहां काम आवे सुई, कहा करे तलवारि।।
इसका भावार्थ तो ये है की हर...
कविता सिंह की कहानी अंतरद्वन्द
जीवन में हम जो चाहते हैं वो हमेशा हमें नहीं मिलता | फिर भी हम अपेक्षाओं का लबादा ओढ़े आगे बढ़ते जाते हैं .....
मन बैरागी
प्रेम की आधारशिला विश्वास है | विश्वासहींन प्रेम भावनाओं को धीरे -धीरे वैसे ही खोखला करता जाता है जैसे दीमक घर की दीवारों को...
जीवन-संध्या
मासूम बच्चों के कंधों पर अपनी उम्मीदों का बस्ता लाड़ कर उन्हें रेस में खुद ही दौड़ाते हैं तो जीवन संध्या में पछताना कैसा...
कठिन वक्त (कारोना इफेक्ट -2)
जिस शहर को उन्होंने अपने हाथों से सींच कर सुंदर बनाया था वो एक झटके में पराए हो गए |कोरोना के साइड इफेक्ट के...
छोटी सी उलझन
स्त्री विमर्श के इस दौर में एक मांग पुरुष विमर्श की भी उठने लगी है | ऐसा रातों -रात नहीं हुआ पर ये सच्चाई ...
कविता सिंह जी की कवितायें
कविता लिखी नहीं जाती है ...आ जाती है चुपचाप कभी नैनों के कोर से बरसने को, कभी स्मित मुस्कान के बीच सहजने को तो...
मन की गाँठ (कोरोना इफ़ेक्ट )
ये समय जब इतिहास में लिखा जाएगा तो शायद कोरोना काल के रूप में जाना जाएगा | साहित्य पर समय और समाज का प्रभाव...