पद्मश्री उषा किरण खान की कहानी – वो एक नदी
सागर से मिलने को आतुर नदी हरहराती हुई आगे बढ़ती जाती है, बीच में पड़ने वाले खेत खलिहान को समान भाव से अपने स्नेह से सिंचित करते हुए | पर इस नदी में कभी बाढ़ आती है तो कभी सूखा भी पड़ता है | परंतु वो ऐसी नदी नहीं थी, वो अपने दो पक्के किनारों … Read more