निर्मल वर्मा की कहानी – डेढ़ इंच ऊपर

निर्मल वर्मा की कहानी - डेढ़ इंच ऊपर

  अगर आप बुरा न मानें तो मैं एक और बिअर लूँगा। कुछ देर में यह पब बन्द हो जाएगी और फिर सारे शहर में सुबह तक एक बूंद भी दिखाई नहीं देगी। आप डरिए नहीं … मैं पीने की अपनी सीमा जानता हूँ … आदमी को ज़मीन से करीब डेढ़ इंच ऊपर उठ जाना … Read more

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निर्मल वर्मा की कहानी परिंदे का सारांश व समीक्षा

निर्मल वर्मा की कहानी परिंदे का सारांश व समीक्षा

–‘मुझे लगा, पियानो का हर नोट चिरंतन खामोशी की अँधेरी खोह से निकलकर बाहर फैली नीली धुंध को काटता, तराशता हुआ एक भूला-सा अर्थ खींच लाता है। गिरता हुआ हर ‘पोज’ एक छोटी-सी मौत है, मानो घने छायादार वॄक्षों की काँपती छायाओं में कोई पगडंडी गुम हो गई हो…’   निर्मल वर्मा जैसे कथाकार दुर्लभ … Read more

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लवर्स -निर्मल वर्मा की कालजयी कहानी

लवर्स - निर्मल वर्मा की कालजयी कहानी

  कुछ शब्द हैं, जो मैंने आज तक नहीं कहे. पुराने सिक्कों की तरह वे जेब में पड़े रहते हैं. न उन्हें फेंक सकता हूं, न भुला पाता हूं. नई कहानी के सर्वाधिक चर्चित कहानीकार निर्मल वर्मा की कहानी “लवर्स” एक ऐसी प्रेम कहानी है जो इस तथ्य को रखती है कि जहाँ प्रेम सफलता … Read more

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