प्रज्ञा जी की कहानी पटरी- कर्म के प्रति सम्मान और स्वाभिमान का हो भाव

प्रज्ञा की कहानी पटरी की समीक्षा

कुछ कहानियाँ अपने कलेवर में इतनी बड़ी होती हैं जिन पर विस्तार से चर्चा होना जरूरी हो जाता है l कई बार कहानी संग्रह की समीक्षा में उनके साथ न्याय  नहीं हो पाता इसलिए किसी एक कहानी की विस्तार से चर्चा हेतु अटूट बंधन में समय समय पर कहानी समीक्षा का प्रकाशन होता रहा है … Read more

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