किशोरावस्था (एक दृष्टिकोण वर्तमान परिपेक्ष्य में )

2

2 COMMENTS

  1. मैं प्रारंभ से इस मासिक से जुड़ी हर गतिविधि को बहुत आकांक्षा से अवलोकन कर रहा हुँ और ख़ासकर हर संपादक के विचार को काफ़ी मनाेयाेग से पढ़ता हुँ । ईस क्रम में मुझे ये संपादकीय संपुरण लगा। कारण भाषा की पकड़ मज़बूत है हीं बिषय भी महत्वपूर्ण है। इसमें बिषय को पहले समझाया गया फिर काफ़ी मेहनत से हर दशिटीकाेन से दिखाया गया और इसका समाधान भी सुझाया गया। अतिथि संपादिका का ढेरों साधुवाद।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here