एक पाती भी /बहन के नाम ( निशा कुलश्रेष्ठ )
एक चिट्ठी भाई के नाम.. प्रिय भाई अतुल तुम्हे याद है जब हम छोटे थे तब तुम हमेशा राखी पर रूठ जाया करते थे| तुम्हारे रूठ जाने के अपने कारण होते थे.. जहाँ हमें राखी का इन्तजार रहता था वहां तुम्हे राखी पर हमेशा भन्नाहट रहती थी तुम्हे याद है न? … Read more