महिमाश्री की कहानी अब रोती नहीं कनुप्रिया ?

अब रोती नहीं कानुप्रिया

  असली जिंदगी में अक्सर दो सहेलियों की एक कहानी विवाह के बाद दो अलग दिशाओं में चल पड़ती हैl पर कभी-कभी ये कहानी पिछली जिंदगी में अटक जाती है l जैसे रामोना और लावण्या की कहानी l कहानी एक सहेली के अपराध बोध और दूसरी के माध्यम से एक धोखा खाई स्त्री के चरित्र … Read more

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वो फोन कॉल-मानवीय संबंधों के ताने-बाने बुनती कहानियाँ

वो फोन कॉल

अटूट बंधन की संपादक ,बेहद सक्रिय, संवेदनशील साहित्यकार वंदना बाजपेयी जी का दूसरा कहानी संग्रह “ वो फोन कॉल” भावना प्रकाशन से आया है।इस संग्रह में कुल 12 कहानियाँ हैं। आपकी तीन कहानियाँ “वो फोन कॉल, दस हजार का मोबाईल और “जिंदगी की ई. एम. आई” पढ़ते हुये “मार्टिन कूपर” याद आये। तीनों कहानियाँ में … Read more

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व्यष्टि से समष्टि की ओर

mahima shree

    ये दौर भी बीत जाएगा। परिवर्तन प्रकृति का मूल स्वभाव है। यहाँ कुछ भी स्थाई नहीं है । मनुष्य अपने आविष्कारों के दंभ में सोचता है कि उसने प्रकृति पर विजय पा ली है। जो वह चाहेगा सब एक दिन पा सकता है।किंतु प्रकृति ने कोरोना महामारी के बहाने से एक बार फिर … Read more

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जन्म-मरण की पीड़ा से मुक्त हो जाने का मार्ग है- विपश्यना

हम सब अपनी पहचान  इस स्थूल शरीर से करते हैं | जब की इसके अन्दर अनित्य अविनाशी आत्मा का निवास होता है | इस आत्म स्वरुप को जानना ही आध्यात्म का मुख्य उद्देश्य है | जिसके बाद सारे बंधन ढीले पड़ जाते हैं | इसको जानने का एक तरीका ध्यान या meditation भी है | … Read more

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विसर्जन कहानी संग्रह पर महिमा श्री की प्रतिक्रिया

महिमा से पहली बार सन्निधि संगोष्ठी में मुलाकात हुई थी | मासूम सी, हँसमुख बच्ची ने जहाँ अपने व्यक्तित्व से सबका मन मोह लिया था वहीँ अपनी कविता से अपनी गहन साहित्यिक समझ से परिचित कराया था | एक लेखिका व व्यक्ति के रूप में वे सदा मुझे प्रिय रही हैं | आज ‘विसर्जन’ पर … Read more

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