Tag: प्रेम
वंदना बाजपेयी की कविता -हमारे प्रेम का अबोला दौर
आजकल हमारी बातचीत बंद है, यानि ये हमारे प्रेम का अबोला दौर है l अब गृहस्थी के सौ झंझटों के बीच बात क्या थी,...
लवर्स -निर्मल वर्मा की कालजयी कहानी
कुछ शब्द हैं, जो मैंने आज तक नहीं कहे. पुराने सिक्कों की तरह वे जेब में पड़े रहते हैं. न उन्हें फेंक सकता हूं,...
जरूरी है प्रेम करते रहना – सरल भाषा में गहन बात...
कविताएँ हो कहानियाँ हों या लेख, समीक्षा सरल भाषा में गहन बात कह देने वाली महिमा पाठकों को हमेशा पहले से बेहतर, नया लिख...
जीकाजि
प्रेम न बाडी उपजे, प्रेम न हाट बिकाई ।
राजा परजा जेहि रुचे, सीस देहि ले जाई ॥
कितनी खूबसूरत बात कही है कबीर दास जी...
मज़हब
प्रेम का कोई मजहब नहीं होता |प्रेम अपने आप में एक मजहब है | लेकिन क्या समज ऐसा होने देता है ? क्या धर्म...
नीलकंठ
प्रेम, सृष्टि की सबसे पवित्र भावना, ईश्वर का वरदान, संसार की सबसे दुर्लभ वस्तु ...कितनी उपमाएं दी गयीं हो प्रेम को पर स्त्री के...
तपते जेठ में गुलमोहर जैसा -प्रेम का एक अलग रूप
आज आपसे " तपते जेठ में गुलमोहर सा उपन्यास के बारे में बात करने जा रही हूँ |यह यूँ तो एक प्रेम कहानी है...