स्त्री
काकी का करवाचौथ
हमेशा की तरह करवाचौथ से एक दिन पहले काकी करवाचौथ का सारा सामान ले आयीं| वो रंग बिरंगे करवे, चूड़ी, बिंदी …सब कुछ लायी थीं और हमेशा की तरह सबको हुलस –हुलस कर दे रही थी | मुझे देते हुए बोलीं, “ये लो दिव्या तुम्हारे करवे, अच्छे से पूजा करना, तुम्हारी और दीपेश की जोड़ी … Read more
सुमन केशरी की कविताएँ
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अटूट बंधन पर प्रस्तुत हैं वरिष्ठ कवि-कथा नटी सुमन केशरी दी की कुछ स्त्री विषयक कविताएँ | इन कविताओं में स्त्री मन की पीड़ा, कन्डीशनिंग से बाहर आने की जद्दोजहद और अपनी बेटी के लिए खुले आकाश में उड़ान सुरक्षित कर देने की अदम्य इच्छा के विभिन्न रूप चित्रित … Read more
बस अब और नहीं !
स्वतंत्रता या गुलामी ये हमारा चयन है | कई बार गुलामी के चयन के पीछे सामाजिक वर्जनाएँ होती हैं तो कई बार इसके पीछे विलासिता और ऐश की चाह भी होती है जो हँसकर गुलामी सहने को विवश करती है | स्वतंत्रता अपने साथ जिम्मेदारियाँ लाती है, संघर्ष लाती है और कठोर परिश्रम का माद्दा … Read more
उषाकिरण खान जी का उपन्यास वातभक्षा – स्त्री की शक्ति बन खड़ी हो रही स्त्री
पति द्वारा श्रापित अहिल्या वातभक्षा बन राम की प्रतीक्षा करती रहीं | और अंततः राम ने आकर उनका उद्धार किया | ना जाने इस विषय पर कितनी कहानियाँ पढ़ी, कितनी फिल्में देखीं जहाँ बिम्ब के रूप में ही सही तथाकथित वातभक्षा अहिल्या के उद्धार के लिए राम सा नायक आ कर खड़ा है | पर … Read more
स्त्रीनामा -भगवती प्रसाद द्विवेदी की स्त्री विषयक कविताएँ
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार, “कविता से मनुष्य के भावों की रक्षा होती है | यह हमारे मनोभावों को उच्छ्वसित करके हमारे अंदर एक नया जीव डाल देती है |सृष्टि के पदार्थ या व्यापार विशेष को कविता इस तरह से व्यक्त करती है कि वो नेत्रों के सामने मूर्तिमान दिखाई देने लगते हैं |वस्तुतः कविता … Read more
लैण्ड स्लाइड
लैंड स्लाइड या भूस्खलन -ठोस चट्टान अथवा शैल यदि अचानक ढलान पर फिसल जायें तो उसको भू-स्खलन कहते हैं । भू-स्खलन चंद सेकंडों में हो सकता है तथा इसमें कुछ दिन और महीने भी लग सकते हैं । वरिष्ठ लेखिका कुसुम भट्ट जी की कहानी “लैंड स्लाइड” भी एक भूस्खलन की ओर इशारा करती है … Read more
थ्री बी एच के
स्त्री का कोई घर नहीं होता | यहाँ तक की किसी कमरे में उसका एक कोन भी सुरक्षित नहीं होता | ऐसी ही है कहानी की नायिका अंकिता की जिंदगी जो अपने थ्री बी एच के फ्लैट में अपने लिए एक कोना तलाश रही है | उसकी परेशानी हल होती है .. पर कैसे ? … Read more
अनामिका चक्रवर्ती की स्त्री विषयक कवितायें
अनामिका चक्रवर्ती आज कविता में एक सशक्त हस्ताक्षर हैं | यूँ तो वो हर विषय पर कवितायें लिखती हैं पर उनकी कलम से स्त्री का दर्द स्वाभाविक रूप से ज्यादा उभर कर आता है | आज आपके लिए उनकी कुछ ऐसी ही स्त्री विषयक कवितायें लेकर आये हैं |इन कविताओं को पढ़ते हुए कई बार … Read more
लघुकथा – एक सच यह भी
स्वतंत्रता अनमोल होती है | पर क्या स्त्री कभी स्वतंत्र रहती है | एक सच यह भी है कि तमाम बंदिशों में रहने वाली स्त्री के हिस्से मे स्वतंत्रता के वो कुछ पल आते हैं जब उसका पति ऑफिस गया होता है | एक बार मैत्रेयी पुष्पा जी ने एक साक्षात्कार में कहा था कि … Read more