जस्ट लाइक &कमेंट

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जस्ट लाइक &कमेंट



                           फेस बुक पर आने के बाद देखा तो हमने भी था कि कुछ लोग इसे विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम समझते हैं और कुछ अपनी तस्वीरों की |खैर जिसकी जैसी इक्षा सोच कर हमने तो चुप रहने में ही भलाई समझी पर  आज शाम को घर आते वक्त
मिसेज चावला मिल गयी
|बड़ा उदास
सा मुँह बना रखा था
|हम तो
टमाटर और भिन्डी खरीदने के बाद उनके  दामों में हुई वृद्धि और उससे घर के
 बजट बिगड़ने कि गणित में उलझे हुए थे तभी मिसेज चावला हमारी आँखों के आगे आ
गयी उनका चेहरा तो हमारी सस्ती भिन्डियों  से भी ज्यादा मुरझाया हुआ था
|घबरा कर हमने पूंछा क्या
हुआ
,बीमार हो
क्या
? ये क्या
हाल बना रखा है
,कुछ लेती
क्यों नहीं
? हमारे
इतने सारे प्रश्नो के उत्तर में बुरा सा  मुँह बना कर बोली “क्या बताएं
मेरे तो ५००० रुपये पर पानी फिर गया
|
५००० रुपये  सुन कर
हमारा तो कलेजा मुँह को आगया
|कितना
कुछ आ सकता है ५००० रुपये में ४ किलो चावल
,३ किलो अरहर दाल ,आशीर्वाद
का आटा
,जो गेंहू
की एक -एक बाली चुन -चुन कर पीसा जाता हैं …. पंसारी का बिल …. हां ! सच में
बात तो दुखी होने कि ही है
|फिर भी
हिम्मत करके हमने पूँछ ही लिया “कैसे हुआ ये गजब “
मिसेज चावला आँखों में आंसू
भर कर बोली “अरे वो ५००० की साड़ी पहन कर जो फोटो एफ बी पर डाला था उस पर केवल
७०० लाइक और ५० कमेंट आये इससे  पहले  जो ५७५ रुपये कि साड़ी पहन कर फोटो
डाली थी उस पर तो पुरे २००० लाइक आये थे और कमेंट तो पूछो मत
| मैं हतप्रभ थी |सुना तो मैंने भी था की अब
वो जमाने लद  गए  जब औरतें नयी साडी पहन कर अपने पति को दिखाते हुए
पूछती  थी “सुनो जी कैसी लग रही हूँ “
|अब शाम तक पति का इंतज़ार
कौन करे
|फोटो
खीचा डाला …. राय हाज़िर
| इंस्टेंट
राय का जमाना है
| कहते हैं
परिवर्तन समाज का नियम है “ओनली चेंज इस अनचेंजेबल
|


                 उस दिन तो
बड़ा दुःख लगा कि बेचारी …………. पर मिसेज चावला जरा कम समझदार थी ये पता हमे
उस दिन चला जब अपनी सहेली मीता   से मिले|
मीता चहक कर बोली अरे मैं तो इतने पैसे वेस्ट करती ही नहीं….. सीधे दुकानदार से
कह देती हूँ  एक घंटे के लिए साड़ी ले जा
रही हूँ एफ बी पर फोटो डाल कर लोगों का रिस्पोंन्स देखूंगी |अगर ज्यादा लाइक
,कमेंट मिले तो ठीक वर्ना साडी वापस |अब तुम ही बताओ ५००० फ्रेंड्स और १०,०००
फोल्लोवर्स इतनी सटीक राय और कहाँ मिलेगी | और तो और कई  बार दुकानदार डिस्काउंट भी दे देता है आखिर कार
लोकल सहेलियां पूछेंगी “कहाँ से ली,तो उसकी दूकान का मुफ्त में प्रचार होगा | मैं
बड़े श्रधा भाव से  मीता कि बातें सुन रही
थी ,कितनी ज्ञानी हो गयी है ये |
                 
               
मेरी एक और सखी मधु  हर समय किसी रीता के बारे में बताती रहती है …..
रीता का ये ,रीता का वो ,एक दिन हमने पूछ ही लिया कि आखिरकार ये रीता है कौन
?प्रश्न सुन कर कंधे उचकाते हुए बोली
 रीता
मेरी परिचित नहीं है पर मैं उन्हें अच्छे से जानती हूँ क्या है कि वो रोज
 अपनी ४-६ फोटो तो डालती ही हैं। ये खाना बनाते हुए
,ये पानी भरते हुए ,ये सोफे का कवर बदलते हुए….. और कभी
कभी तो यह पहला कौर खाते हुए ,ये दूसरा कौर खाते हुए ,ये तीसरा ….. |रीता के घर
में क्या –क्या है सबको  पता है | वो क्या
खाती है सबको पता है,उसके घर का कुत्ता क्या खाता है सबको पता है ,उसके वार्ड रोप
में कितनी साडियाँ  हैं सबको पता है |लोग
सुबह ४ बजे से रात के पौने चार बजे तक रीता के घर में दिलचस्पी लेते हैं |रीता को
जरा भी फुर्सत नहीं हैं अपने बच्चों से बात करने की ,पति का हाल –चाल पूछने ने की
|और मुहल्ले वाले…..उनसे तो रीता कभी सीधे मुँह बात ही नहीं करती …………..
पेज-३ कि सेलीब्रेटी जो हो गयी है|


         
             पर आप ये मत समझिएगा की इस मामले
में औरतों कि मोनो पोली है |मिस्टर जुनेजा ने कल बताया  कि अक्सर वो भीड़ भरे स्थानों पर जाने से घबराते
हैं |क्यों भला ,कहीं दिल का रोग तो नहीं हो गया अब ६५ कि उम्र में धमनियों में
कोलेस्ट्रोल तो जम ही जाता है |छूटते ही बोले “अरे नहीं ,वो फेस बुक पर जवानी कि
तस्वीर जो डाल रखी है |क्यों भला ?न चाहते हुए भी हम पूछ ही बैठे। अब इस उम्र की तस्वीर पर कोई लाइक -कमेंट तो देगा नहीं ,बड़ा ईगो हर्ट होता है हम दिन भर सब पर लाइक कमेंट करते रहे और हमारी फोटो पर ……ऐसा लगता है किसी भिखारी के कटोरे में रेजगारी पड़ी हो। आखिरकार फेसबुक पर लाइक कमेंट स्टेटस सिंबल जो होता है। हमने बमुश्किल अपनी हंसी रोकते हुए कहा “तो फिर डर कैसा ? डर तो सारी  मेहनत  पर पानी फिरने का ही है। 
अब लड़कियों का सिक्स्थ सेन्स तो मजबूत होता ही है कहीं उनकी
पुलिसिया निगाहें सारा भेद न जान ले |फिर तो …………  

            उस दिन बातों -बातों में हमारी सखी रेहाना  ने बड़ी  ज्ञान कि बात बतायी अगर पति –पत्नी
दोनों फेस बुक पर हैं तो एक –दूसरे कि तस्वीर को कभी लाइक नहीं करते |उस पर तुर्रा
यह कि घर पर तो लाइक करते ही हैं और दो बार लाइक करने से अनलाइक हो जाता है

               अभी कल ही की तो बात है सड़क पर दो बच्चे झगड़ रहे थे। एक ने दूसरे का कॉलर पकड़ कर कहा “अरे ! १० लाइक  पाने वाले तेरी हिम्मत कैसे हुई ५० लाइक पाने वाले के सामने अपना मुंह खोलने की।  इतना सुनने के बाद हमारी तो बोलती ही बंद हो गयी अब तो हम बस  इतना ही
कह सकते हैं जय फेस बुक मैया ,तेरी लाइक कमेँट के सदके। हमने तो अपने दिल कि कह ली आप को पसंद आये तो लाइक
और कमेंट करिए नहीं तो जय राम जी | 

वंदना बाजपेई

atoot bandhan ……. हमारे फेस बुक पेज पर भी पधारे 

3 COMMENTS

  1. फेसबुक का वास्तविक जीवन पर पड़ता प्रभाव … हंसी और व्यंग्य के माध्यम से अच्छी तरह से उजागर किया गया है….

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