अटूट बंधन अंक -१० अनुक्रमाणिका

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अटूट बंधन अंक -१०
अनुक्रमाणिका
१ )फलों को नहीं जडो  को देखे और भावनात्मक गुलामी भी गुलामी ही है पर
विशेष सम्पादकीय
२ )  स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश दशा में आज़ादी
की पड़ताल करता  विचारपरक बेहतरीन आलेख “कैसी आज़ादी …….किसकी आज़ादी ………कहाँ
है आज़ादी ?
३ )भाषा मात्र विचारों की
अभिव्यक्ति का माध्यम ही नहीं है अपितु इससे हमारे संस्कार भी परिलक्षित होते हैं
|भाषा जहाँ रिश्तों को तोडती है वहीँ जोडती भी है …….. पढ़िए श्रीमती स
.सेनगुप्ता का बहुत कुछ समझाता आलेख “बनाए रखे भाषा की तहजीब “
४ )  गिरीश चन्द्र पाण्डेय ‘प्रतीक व् आनंद विक्रम
त्रिपाठी की समीक्षाएं
५ ) आदतें आसानी से बन जाती
हैं पर मुश्किल से टूटती हैं | अक्सर हम अपनी बंधी –बधाई दिनचर्या में इतना ढल
जाते हैं कि जीवन में कुछ नया या बेहतर करने की कोशिश करना चाहते हैं तो अपनी ही
कम्फर्ट जोन की परिधि में घिर जाते हैं | अगर सफलता पाना चाहते हैं तो इस परिधि से
बाहर निकलना ही होगा |इसी विषय पर पढ़िए  ह्रदय
नारायण सिंह अहमदाबाद गुजरात  का बेहतरीन
आलेख “तोड़े कम्फर्ट जोन की जंजीरे “
६ ) तुलसी का केवल धार्मिक
महत्त्व ही नहीं हैं ,वो एक औषधी  भी है व् वास्तु दोष दूर करने में भी सक्षम है………
बता रहे है लखनऊ राजीव सक्सेना अपने आलेख “बड़े काम की तुलसी में
७ ) आज की तेज रफ़्तार
जिंदगी में हम सभी चाहते हैं कि बैंक जाकर लाइन में न लगना  पड़े  ,बचे
हुए समय को कहीं और इस्तेमाल करे पर काश कोई समझा देता कि कैसे करे इन्टरनेट
बैंकिंग ……… समझा रहे है ………….. हैदराबाद ,तेलंगाना के .ओमप्रकाश
शर्मा अपने आलेख इन्टरनेट बैंकिंग समय की मांग
८ )जितने परेशांन अति मोटे
लोग रहते हैं उतने ही अति दुबले …… पर न सोचने से वजन बढ़ता है न घटता है …..
इसके लिए उपाय करने पड़ते हैं क्योंकि “ पहला सुख निरोगी काय ही है ……. दुबले
लोग अपना वज़न कैसे बढ़ाये इस विषय पर स्वास्थ्य जगत में डॉ अरविन्द मिश्र भोपाल
मध्य प्रदेश बहुत ही सरल व् सटीक उपाय बता रहे हैं अपने आलेख “क्या आप दुबलेपन से
परेशान हैं “में
९ ) आपके मन पसंद प्रेरक
विचार व् रोचक तथ्य
१० )ज्योतिष  में पढ़िए ……..सुख , विद्या , संतानहीनता , रोग
आदि के कारकों को अवश्य् पठनीय  “ ज्योतिष
के कुछ प्रसिद्ध योग “ में
११ )दिल को छूने  वाली बहुत
सारी  खट्टी –मीठी बातें “ बात जो दिल को छू जाए कॉलम में
१२ )बच्चे कहते हैं मम्मी
कहानी सुनाओ ……. तो हम कुछ भी उल जलूल बना कर सुना देते हैं या टी .वी के
हवाले कर देते हैं ……… कालांतर में यह कई मनोग्रंथियों को जन्म देता है
……. बाल जगत में इससे बचने का उपाय बता रही हैं झांसी की डॉ कविता गुप्ता अपने
आलेख “बच्चों को सुनाये प्रेरणादायी कहानियां “में
१३ )प्रतिभा पाण्डेय  की शानदार लघुकथा मकान नंबर १३  
१४ )कथा जगत में हैदराबाद
की सुप्रसिद्ध लेखिका रमा द्वेदी व् पटना की किरण सिंह की सोचने पर विवश करती
कहानियाँ
१५ )अध्यात्म में पढ़िए ओशो
का ……….. “एक नयी शुरुआत को जन्म देता है न कहना “
१६ )हम बच्चों को बहुत कुछ सिखाते
हैं पर जीवन का आनंद कैसे लिया यह हमें बच्चों से सीखना चाहिए | शायद बड़े होने की
जिद में हमने अपने अन्दर के आनदमय स्वरुप एक बच्चे को कैद कर लिया है | पर अगर
वास्तव में खुश रहना चाहते हैं तो ………… पढ़िए आवरण कथा में “ आज़ाद करे अपने
अन्दर के बच्चे को “ में
१७ )आज हर हाथ में मोबाइल
है और हर मोबाइल में कैमरा ……… कहीं भी कोई भी अपरिचित  बिना रेडी १२३ कहे आपकी तस्वीर उतार सकता है
……….. इसके दुष्परिणामों के प्रति सचेत कर रहीं हैं रायपुर की अर्चना
बाजपेयी अपने आलेख “ सावधान आप कैमरे की जद में हैं  “ से
१८ )रिश्ते नाते हमारे जीवन
में कितने जरूरी होते हैं उन्हें बचाए रखना बहुत जरूरी है पर कैसे ………. पढ़िए
जबलपुर की अर्चना नायडू के भाव भरे आलेख “सौंधी 
खुशबूं  में
१९ ) काव्य –जगत में पढ़िए
……..सुप्रसिद्ध कवी नारायण दास जाजू ,नवीन मणि त्रिपाठी की बेहतरीन गजलें व्
पंखुरी सिन्हा , डेज़ी नेहरा ,डॉ मधु व् डॉली अगरवाल की भाव भरी कवितायें
२० )बीनू भटनागर का मजेदार
व्यंग ………… “टी वी का लड्डू “
२१ )स्त्री विमर्श में पढ़े
……….मुंबई की राधिका शर्मा का का आलेख “ दहेज़ न समझे सर्विस वाली बहू  को “
२२ ) जानकारी देने वाले
हैरतंगेज ……..रोचक तथ्य

२३ ) अन्य सभी स्थाय सतम्भ 

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