प्रेरक कथा :जीवन अनमोल है

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                                             प्रेरक कथा - जीवन अनमोल है
हम सब अपने पास उपलब्द्ध सामानों की बहुत कदर करते है | घर – मकान ,
दूकान , जेवर , कपडा , बर्तन आदि की बहुत कीमत समझते हैं | इसलिए इनकी देखभाल भी
बहुत करते हैं | जरूर करनी चाहिए क्योंकि इन सब की कोई कीमत हो सकती है पर सबसे
कीमती चीज जो हमारे पास है जो अनमोल है | फिर भी हम कीमत वाली चीजों के न मिलने पर
कभी इतनी निराशा में घिर जाते हैं की अवसाद हम कोघेर लेता है | जबकि उस समय भी
हमारे पास अनमोल जीवन की दौलत होती है |

Hindi motivational story –life is precious

एक बार की बात है एक विचार एक अवसाद गस्त लोगों के अस्पताल में स्पीच देने गया | उसने लोगों को एक लम्बा चौड़ा भाषण दिया की अवसाद मात्र एक विचार है | अगर आप अपने मन से उस विचार को हिम्मत करके निकाल दें जो आपको दुःख या निराशा की तरफ खींच रहा है | तो आप के मन से व् जीवन से अवसाद हमेशा के लिए निकल जाएगा | 
उसके ओजस्वी भाषण से भी मरीजों को कुछ लाभ होता नहीं दिखा | किसी का कहना था की विचारक जी सच नहीं बोल रहे हैं | कोइ कह  रहा था की जो झेले वही जाने | किसी का तर्क था की दूसरों को समझाना आसान होता है | खुद भुगतना कठिन | 
अब विचारक ने लोगों को समझाने के लिए दूसरा तरीका खोजा | उसने लोगों को संबोधित करतेहुए कहा  ,” चलो , अब अवसाद की बात नहीं करते हैं | आप लोगों ने मुझे सुना | इतना धैर्य दिखाया | इसके लिए मैं आपको कुछ देना चाहता हूँ | उसने अपनी जेब से २००० रुपये का नोट निकाला और सब को दिखाते हुए पूंछा,” आप लोगों में से कौन – कौन इस नोट को लेना चाहेगा ? 

हॉल में लगभग सभी ने हाथ खड़े कर दिए | 
विचारक ने कहा , अच्छा एक मिनट रुकिए | फिर उसने  उस नोट को बुरी तरह मोड़ – तोड़ दिया | उसने फिर पूंछा ,”आप लोगों में से कौन – कौन अब इस नोट को लेना चाहेगा ? “
फिर से सारे हाथ खड़े हो गए | 
विचारक ने फिर  कहा अच्छा एक मिनट रुकिए | फिर उसने  उस नोट को धूल में रगड़ दिया | अब नोट काफी गन्दा हो चुका था | उसने फिर पूंछा ,”आप लोगों में से कौन – कौन अब इस नोट को लेना चाहेगा ? “
फिर से सारे हाथ खड़े हो गए | 
विचारक ने फिर  कहा अच्छा एक मिनट रुकिए | फिर उसने  उस नोट को जमीन पर फेंक कर अपने जूते से रगड़ दिया | अब नोट मैला कुचैला व् मुड़ा – तुड़ा और गन्दा दिख रहा था |  उसने फिर पूंछा ,”आप लोगों में से कौन – कौन अब इस नोट को लेना चाहेगा ? “
फिर से बहुत सारे हाथ खड़े हो गए | 
अब विचारक ने लोगों की ओर देख कर कहा ,” आप सब अभी भी इस नोट को लेना चाहते हैं | क्योंकि आप जानते हैं की मुड़ने – तुड़ने , गंदे होने या पैरों के नीचे कुचले जाने से इसकी कीमत में कोई फर्क नहीं पड़ा है | यही बात आप को अपने लिए भी समझनी होगी की हमारा जीवन अनमोल है | किसी भी प्रकार के दुःख से , हार से निराशा से , समय की धूल से या पैरों के नीचे कुचले जाने यानी की अपमान से इसकी कीमत कम नहीं हुई है | अभी भी आप वापस आशा के साथ फिर से मैदान में उतर सकते हैं | और देखिएगा कैसे आपका ये बेशकीमती नोट चलेगा | 
पूरा हौल तालियों की गडगडाहट से गूँज उठा | उन्हें समझ में आ गया था की 

ife is precious


दोस्तों ,आपके जीवन में भी कोई भी तकलीफ , दर्द , निराशा आ जाए | वहीँ अटक कर मत रह जाओ, आगे बढ़ो क्योंकि इस हादसे से तुम्हारे जीवन की कीमत में कोई कमी नहीं आई है | तुम्हारा जीवन अभी भी अनमोल है | 

जरा कल्पना करिए की ८.७ मिलियन स्पीसीज में केवल एक ही है जो सोंच सकती है की जीवन का उद्देश्य क्या है ?ये एक छोटा सा सत्य ही बता देता है की मानव जीवन कितना अनमोल है |-अभिजीत नास्कर 
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