ब्रेस्ट कैंसर – गुलाबी दिल नहीं जानकारी ही बचाव है

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कल से जिस संख्या
में नन्हे से गुलाबी दिल देखने को मिल रहे हैं उसके हिसाब से तो आज बहुत सारी  महिलाएं अस्पतालों में जा कर अपना चेकअप शुरू
करा देंगी | पर अफ़सोस की ऐसा कुछ नहीं होगा | अव्वल तो बहुत से लोग इस प्रतीकात्मक
कैम्पेन का मतलब ही नहीं समझ पाए | जो समझ भी गए उन्होंने इसे गंभीरता के स्थान पर
हलके में ही लिया होगा | क्यों न हो ? जिस देश में महिलाएं अपनी छोटी – बड़ी हर
तकलीफ को नज़रअंदाज करती है | जहाँ छोटे शहरों  गाँव देहात में शिक्षा की कमी है वहाँ
प्रतीकत्मक प्रचार से कुछ नहीं होगा | जरूरत है इस गंभीर मुद्दे पर खुल कर बोलने
की |
लाइलाज नहीं है स्तन
कैंसर
कैंसर शब्द
दिमाग में आते ही बात आती है की अब पीड़ादायक मृत्यु होगी और इसी कारण कैंसर होने
के समाचार मात्र से ही रोगी को जीवन के प्रति निराशा हो जाती है। लेकिन स्तन या
ब्रेस्ट कैंसर के क्षेत्र में एक अच्छी बात यह है कि  इसके ठीक होने की
संभावना ज़्यादा होती है। स्तन कैंसर होने का पता साधारणतः पहले या दूसरे चरण में
ही चल जाता है। इसलिए इसका इलाज सही समय पर हो पाता है। लेकिन इसके लिए ज़रूरी है
हर किसी को इस बारे में सही जानकरी हो और वे सचेत हो। स्तन कैंसर से बचने का सबसे
पहला कदम है जागरूकता। उसके बाद आता है इस रोग से बचने के उपाय। जीवनशैली में
बदलाव और सचेतता ही आपको कष्टदायक स्तन कैंसर से बचा सकता है।

स्तन कैंसर होने के आम कारण:
बढ़ती उम्र
ज़्यादा उम्र में पहले बच्चे का जन्म
आनुवांशिकता (heredity)
शराब जैसे पेय पदार्थ का अधिक सेवन
खराब जीवनशैली
स्तन कैंसर
के आम लक्षण:
स्तनों के बारे में जान
लेने का सरल तरीका है
T L C यानि T – TOUCH Your Breasts (अपने स्तनों को छुएं) क्या आपको कुछ असामान्य लगता है? क्या आप स्तन में, छाती के ऊपरी हिस्से में, या बगलो में कोई गाँठ (Lump) महसूस करती हैं?
क्या आपको स्तनों के ऊपर कोई परत महसूस होती है जो हटती नहीं?
क्या स्तनों में साधारण सा दर्द है। L – LOOK for changes (कुछ बदलाव तो नही लगता) क्या स्तनों के आकर या बनावट ( shape or
texture) में कोई बदलाव है? क्या स्तनों के
आकर या आकृति (
size or shape) में कोई बदलाव है (कोई एक स्तन
दूसरे के मुकाबले छोटा या बड़ा हैं)
? स्तनों की त्वचा की
बनावट में कोई बदलाव जैसे फ़टी फ़टी सी या कोई गड्डा सा पड़ जाना
? रंग में बदलाव जैसे की निप्पल्स के आसपास सुर्ख लाल रंग.हो जाना? क्या निप्पल की दिशा सही है, कहीं वह अंदर की तरफ तो
नही मुड़ गया है
? किसी भी निप्पल से तरल पदार्ध का रिसना?
निप्पल के आस पास किसी प्रदार्थ का रिसना या पपड़ी का जमना? C
– CHECK any unusual findings with your doctor (कुछ असामान्य सा
महसूस हो तो तुरंत ही डॉक्टर से सलाह लें) क्या आपको कुछ असामान्य या अलग सा महसूस
हो रहा है
? अगर ऐसा है तो तुरंत ही डॉक्टर से सलाह लें। समय
समय पर अपने स्तनों की जांच स्वयं करते रहें ऐसा करने से आप उनमे सामान्य तौर पर
आने वाले बदलावों और असामान्य बदलाव के बारे में जान जायेंगे
, अक्सर मासिक धर्म (Menses) के समय स्तनों में कुछ
बदलाव अवश्य आता है। लक्षणों के उभरने का इंतज़ार न करें
, नियमित
रूप से स्तनों की जांच करवाएं। यह सर्वविदित है कि रोकथाम इलाज़ से बेहतर है  | 
अगर स्तन छूने में दर्द हो
यह बिनाइन ब्रेस्ट डिजीज हो सकता है। यह
अक्सर हार्मोन की वजह से होता है
, जिसे मेडिकली
फाइब्रॉइड ऐडिनोसीस कहा जाता है। इसमें गांठ का क्लियर पता नहीं चलता है।
अल्ट्रासाउंड या मेमोग्राम से पता चल जाता है। ऐसे में  कैंसर स्पेशलिस्ट से मिलें और उन्हें अपनी
परेशानी बताएं। कई सरकारी अस्पतालों में इसका इलाज होता है। हां
, मरीज को इनर वियर एक साइज छोटा पहनना चाहिए। इसके
इलाज में सर्जरी की जरूरत नहीं होती है। दवा और कुछ स्पेशल ऑइल दी जाती है
|
घर में कैसे करें जांच-नो योर लेमन्स‘ 



स्तन कैंसर के लक्षणों की
जांच महिलाएं खुद कर सकती हैं
, ये तो अक्सर बताया जाता है लेकिन जांच के बारे में
महिलाओं की जानकारी कितनी सही और कारगर है
, ये कहना मुश्किल
है.स्तन में आने वाले बदलावों को लेकर अक्सर महिलाओं के मन में उलझन रहती है. कुछ
ऐसी ही उलझन कॉरीन ब्यूमॉन्ट के मन में थी.अपनी नानी और दादी को स्तन कैंसर के कारण
खोने वाली कॉरीन के मन में स्तन कैंसर के लक्षणों की पहचान को लेकर कई सवाल थे.
इन सवालों के जवाब
ढूंढ़ते हुए उन्होंने
नो योर लेमन्सकैंपेन बना
डाला जिसकी सोशल मीडिया वेबसाइट फ़ेसबुक पर काफ़ी चर्चा है.
नो योर लेमन्स
कैंपेन में अंडों रखने वाले डिब्बे में नींबुओं की तस्वीर से
महिलाओं को स्तन कैंसर के लक्षणों की समझ बड़ी आसानी से मिल सकती है.
कॉरीन के अनुसार  कई मरीज़ स्तन के बारे में बात करना या उनकी तरफ़ देखना नहीं चाहते.
लेकिन इस तस्वीर से कम पढ़ी-लिखी महिलाएं भी इसकी समझ हासिल कर सकती हैं.
क्या है इलाज़ 
स्तन कैंसर शरीर के दुसरे हिस्सा तक भी पहुच सकता है और अलग-अलग अंगों में कैंसर पैदा कर सकता है। इसलिए बहुत ज़रूरी है अपने शरीर में, अपने स्तनों में होते हुए बदलावों का सही समय पर जांच कराएं और इलाज भी। क्युकी जितनी जल्दी कैंसर के बारे में पता चलेगा उतना जल्दी ही उसका इलाज भी हो पायेगा, और कैंसर से बचाव भी।  
स्तन कैंसर का इलाज शुरू होता है ऑपरेशन से। और यह होता है ट्यूमर को निकाल देना (लुपेकटोमी) या ल्युम्फ नोड्स, लेकिन कुछ केसों में पूरा स्तन ही निकाल देना पड़ता है (मास्टेकोमी)। इसके बाद मरीज़ को भारी दवाइयां दी जाती हैं (कीमोथेरेपी), विकिरण चिकित्सा, और कुछ होरमोन थेरेपी। और हाँ, पुरुषों को भी स्तन कैंसर हो सकता है, इसलिए उनको भी अपने स्तन के आस-पास के हिस्से में हुए किसी भी बदलाव को नज़रंदाज़ नहीं करना चाहिए।  
कैंसर
ठीक होने के बाद
बहुत सारी महिलाएं स्तन कैंसर से बाहर आई हैं लेकिन उनको कहीं न
कहीं डर है की कहीं कैंसर वापस तो नहीं आ जायेगा। कुछ चीज़ें हैं जो आप कर सकते हैं
ताकि आपका रिस्क कम हो जाये और आप फिर से स्वस्थ्य जीवन जी सके।

सबसे पहले, अपनी शारीरिक और
भावनात्मक ज़रूरतों का ध्यान रखिये। आप बहुत सारी चीज़ों से गुजरे हैं
, और आपके शरीर और
दिमाग को कुछ आराम चाहिए।और आपको स्वस्थ्य जीवन जीना चाहिए: अच्छा खान खाइए
, योग या किसी और तरह
का व्यायाम करिए और शरीब या तो मत पीजिये या कम पीजिये। और समय पर जांच करवाइए
ताकि आप स्वस्थ्य जीवन जी सके।
 
अपनी भावनाओं को व्यक्त करिए

कुछ कैंसर से जीत जाने वाले लोग अपने आप
में दोषी महसूस करते हैं अपनी जीत को भी लेकर। यह भी नार्मल है। इन भावनाओं को
बाहर आने दीजिये और अन्दर दबाइए मत। चाहे लिखिए या किसी विश्वास वाले व्यक्ति से
बात करिए या काउंसलर से बात करिए। आपको ठीक महसूस होगा।
 

जानकारी विभिन्न श्रोतों व् डॉक्टर से बातचीत पर आधारित 

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