मैं नन्हीं – सी

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मैं नन्हीं - सी
मैं नन्हीं – सी प्यार की मूरत हूँ |
मैं भविष्य की छिपी हुई सूरत हूँ ||
मेरे मुस्कराने से कलियां खिलतीं |
मेरे चहचहाने से चिढियां उढ़तीं ||
मैं गाऊं तो भँवरे गाएँ मीठे गान |
मुझको तनिक नहीं कोरा अभिमान ||
मैं नन्हीं – सी प्यार की मूरत हूँ |
मैं भविष्य की छिपी हुई सूरत हूँ ||
मातु – पिता का मुझपर उपकार |
मैं हूँ ईश्वर का प्यारा-न्यारा उपहार ||
मैं कोमल हूँ, सुंदर फूलों के जैसी |
ये गंदी नजर हटालो, कांटों जैसी ||
मैं नन्हीं – सी प्यार की मूरत हूँ |
मैं भविष्य की छिपी हुई सूरत हूँ ||
मुझे बचाया और पढ़ाया – लिखाया |
मैंने इन्द्रा, किरण – सा नाम कमाया ||
भारतवर्ष की बेटी हूँ, लक्ष्मी मर्दानी |
इतिहास के पन्ने-पन्ने पे लिखी कहानी ||
मैं नन्हीं – सी प्यार की मूरत हूँ |
मैं भविष्य की छिपी हुई सूरत हूँ ||
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा 

कवि व् लेखक

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