मम्मा हमको ब्वाय बना दो

मम्मा हमको बॉय बना दो

मासूम  प्यारी सी बच्ची  जिसको दखकर मन स्वत: ही स्नेह से भर जाता है | जरा उसकी दर्द भरी  गुहार को सुनिए |तब  स्त्री और पुरुष  की बराबरी की बातें बेमानी हो जाती हैं |  बेमानी हो जाती है ये बात कि शिक्षा और कैरियर में स्त्री पुरुष का संघर्ष बराबर है जब उन्हें घर … Read more

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मै भी गाऊँ सांग प्रभु

मै भी गाऊँ सांग प्रभु

वसंत यानि प्रेम की ऋतु और फाग यानि मस्ती .. प्रेम और मस्ती के इस कॉम्बो पैक का असर भूलोक में ही नहीं देवलोक में भी है |  ऐसे मौके को  हमारे बाल गणपति कैसे जाने देते | और अपने माता – पिता के पास जाकर करने लगे जिद एक अदद दुल्हनियाँ की, और कहने … Read more

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अखबारों के पन्नों पर

अखबारों के पन्नों पर

हम सब रोज अखबार पढ़ते हैं | अखबार की खबरें हमारी मानसिक खुराक होती है | पर ये खबरे किसी दर्द किसी अत्याचार या किसी अन्याय की सूचना होती हैं |अखबारों के पन्ने पर पन्ना दर पन्ना लिखी होती हैं शोषण की दस्ताने |आइए इस विषय पर पढ़ते हैं डॉ. पूनम गुज़रानी की महत्वपूर्ण गजल … Read more

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हम अपने बच्चों के दोषी हैं

बच्चे

  बच्चों को दुनिया में तभी लाएँ जब आप शारीरिक -मानसिक रूप से 21 साल का प्रोजेक्ट लेने के लिए तैयार हों — सद्गुरु बच्चे दुनिया की सबसे खूबसूरत सौगात हैं | एक माता -पिता के तौर पर हम बच्चों को दुनिया में लाते हैं तो एक वादा भी होता है उसे जीवन की सारी … Read more

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रिश्तों पर अर्चना त्रिपाठी जी की कविताएँ

अर्चना त्रिपाठी की कविताएँ

अगर कहानी ठहरी हुई झील है तो कविता निर्झर | कौन सा भाव मानस की प्रस्तर भूमि पर किसी झरने के मानिंद कब  प्रवाहित हो चलेगा ये कवि भी नहीं जानता और एक कविता गढ़ लेती है आकार |अर्चना त्रिपाठी जी की कविताओं में यही खास बात है कि  वो बहुत ही सरल सहज भाषा … Read more

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आलिंगन- कविता व विस्तृत समीक्षा

आलिंगन

  आलिंगन यानि जादू की झप्पी |प्रेम में संपूर्णता से तिरोहित हो जाने का भाव |  एक माँ जब अपने नन्हे शिशु को अपनी छाती से चिपकाती है वहीं से प्रेम की परिभाषा शुरू होती है | अनामिका चक्रवर्ती जी अपनी कविता “आलिंगन”में प्रेम के इसी भाव को रेखांकित करती हैं | पढिए कविता व … Read more

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नए साल का स्वागत

new year

  2020 साल एक ऐसा रहा जिसने ये सिद्ध किया कि हम चाहें जितनी योजनाएँ बना लें होगा वही जो नियति  ने लिख रखा है |वैसे यह साल इतिहास में एक नकारात्मक साल के रूप में दर्ज है फिर भी बहुत कुछ ऐसा है जो सकारात्मक हुआ है | एक कहावत है न .. सुख … Read more

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सैंटा तक ये  सन्देशा

सैंटा तक ये संदेशा

मान्यता है कि क्रिसमस पर सैंटा अपनी छोटी सी स्लेज में बैठ कर रात भर बच्चों को उनके मर्जी के उपहार बाँटते हैं | आज भी बच्चे रात भर जाग कर सैंटा का इंतजार करते हैं | ऐसी ही बचपन की किसी क्रिसमस में डूबता उतराता मन .. सैंटा तक ये  सन्देशा सैंटा तक ये  … Read more

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जया आनंद की कविताएँ

जया आनंद की कविताएँ

कविता मन की अभिव्यक्ति है | जया आनंद की कविताएँ उस स्त्री की आवाज है जो आकाश छूना चाहती है| वहीं धरती से जुड़े रह कर अपने स्नेह से रिश्तों की जमीन को भी सींचना  चाहती हैं | कहीं न कहीं हर स्त्री इन दो को थामने साधने के प्रयास  में हैं | आइए पढ़ें … Read more

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कल्पना मनोरमा की कविताएँ

कल्पना मनोरमा

 कल्पना मनोरमा जी एक शिक्षिका हैं और उनकी कविताओं की खास बात यह है कि वो आम जीवन की बात करते हुए कोई न कोई गंभीर शिक्षा भी दे देती हैं | कभी आप उस शिक्षा पर इतराते हैं तो कभी आँसुन भर कर पछताते भी हैं कि पहले ये बात क्यों न समझ पाए … Read more

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