Tag: कहानी समीक्षा
निर्मल वर्मा की कहानी परिंदे का सारांश व समीक्षा
-‘मुझे लगा, पियानो का हर नोट चिरंतन खामोशी की अँधेरी खोह से निकलकर बाहर फैली नीली धुंध को काटता, तराशता हुआ एक भूला-सा अर्थ...
कहानी समीक्षा- काठ के पुतले
ऐसा ही होता आया है एक ऐसा वाक्य है जिसके आवरण तले ना जाने कितनी गलत बाते मानी और मनवाई जाती हैं l कमजोर...
प्रेम विवाह लड़की के लिए ही गलत क्यों-रंजना जायसवाल की कहानी...
लड़कियों के लिए तो माता-पिता की मर्जी से ही शादी करना अच्छा है l प्रेम करना तो गुनाह है और अगर कर लिया तो...
प्रज्ञा की कहानी जड़खोद- स्त्री को करना होगा अपने हिस्से का...
संवेद में प्रकाशित प्रज्ञा जी की एक और शानदार कहानी है "जड़ खोद"l इस कहानी को प्रज्ञा जी की कथा यात्रा में एक महत्वपूर्ण...
प्रज्ञा जी की कहानी पटरी- कर्म के प्रति सम्मान और स्वाभिमान...
कुछ कहानियाँ अपने कलेवर में इतनी बड़ी होती हैं जिन पर विस्तार से चर्चा होना जरूरी हो जाता है l कई बार कहानी संग्रह...
सिनीवाली शर्मा रहौ कंत होशियार की समीक्षा
समकालीन कथाकाओं में सिनीवाली शर्मा किसी परिचय की मोहताज नहीं हैl ये बात वो अपनी हर कहानी में सिद्ध करती चलती हैं | उनकी...