Monthly Archives: November 2019
पापा मर चुके हैं
" पापा मर चुके हैं " एक ऐसी कहानी है जो संवेदना के स्टार पर आपको झकझोर देगी | चाइल्ड अब्यूज कोई नयी बात...
शिकन के शहर में शरारत- खाप पंचायण के खिलाफ़ बिगुल
वंदना गुप्ता जी उन लेखिकाओं में से
हैं जो निरंतर लेखन कार्य में रत हैं | उनकी अभी तक १२ किताबें आ चुकी हैं और...
मेंढकी
मेंढकी -एक उभयचर जीव, कभी पानी में , कभी थल पर और कभी कूद कर पेड़ पर चढ़ जाना | जीवन की कितनी कलाएं...
मर्द के आँसू
मर्द के आंसुओं पर बहुत बात होती है | बचपन से सिखाया जाता है , "अरे लड़के होकर रोते हो | बड़े होते होते...
समीक्षा –कहानी संग्रह किरदार (मनीषा कुलश्रेष्ठ)
That what fiction is for . It’s for getting at the
truth when the truth isn’t sufficient
for the truth “-Tim o’ Brien
मनीषा कुलश्रेष्ठ जी...
ध्यान की पाठशाला -mindful eating
ध्यान या meditation आज के तनावपूर्ण समय की मांग है | ये हम कई जगह पढ़ते हैं | ध्यान के प्रति आकर्षित हैं |...
कब्ज़े पर
हिस्टीरिया एक ऐसी बिमारी है जिसमें व्यक्ति अपने ऊपर नियंत्रण खो देता है | ऐसा उनके साथ होता है जो बहुत ही दवाब में...
बाली उमर-बचपन की शरारतों , जिज्ञासाओं के साथ भाव नदी में उठाई गयी लहर
उषा दी के उपन्यास गयी झुलनी टूट के बाद मन में एक पीड़ा सी पसर गयी थी
| झुलनी मेरे मन पर काबिज थी |...
कड़वा सच
कहने वाले कहते हैं कि जब शेक्सपीयर ने लिखा था कि नाम में क्या रखा है तो उसने इस पंक्ति के नीचे अपना नाम...
ख़ुशी
ख़ुशी क्या है ? मुट्ठी में पकड़ी रेत सी जो उँगलियों के बीच से रिसती चली जाती है | फिर भी इसी ख़ुशी की...