4 अप्रैल 2015 के पूर्ण चन्द्र ग्रहण का विभिन्न राशियों पर असर

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चंद्रग्रहण 




क्या है चन्द्रग्रहण –

वस्तुत :चंद्रग्रहण उस खगोलीय स्तिथि को कहते हैं जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक
पीछे उसकी छाया में आ  जाता है ऐसा तभी हो
सकता है जब सूर्य चंद्रमा व् पृथ्वी एक सीढ़ी रेखा में अवस्तिथ हों | इस ज्यामिति
प्रतिबन्ध के कारण चन्द्र ग्रहण केवल पूर्णिमा को ही दिख सकता है | सूर्य ग्रहण के
विपरीत जो पृथ्वी पर केवल थोड़े ही भाग में दिख पाता है ,चन्द्र ग्रहण पृथ्वी के रात्रि  पक्ष वाले संपूर्ण भाग में दिखता है | चंद्रमा कि छाया कि लघुता के कारण
सूर्य ग्रहण जहाँ कुछ मिनटों के लिए ही दिखाई पड़ता है चंद्रग्रहण के दिखाई देने कि
अवधि कई घंटों कि होती है | चन्द्र ग्रहण सूर्य ग्रहण के विपरीत बिना किसी सुरक्षा
के खुली आँखों से भी देखा जा सकता है | सूर्य या चन्द्र ग्रहण के दौरान निकलने
वाली हानिकारक  किरणों का प्रभाव पृथ्वी पर पड़ता है । 

  
 कल का चंद्रग्रहण 
4 अप्रैल चैत्र शुक्ल
पूर्णिमा
, शनिवार को हनुमान जयंती के
दिन ग्रस्तोदय
 चंद्रग्रहण  होने से ग्रहण के पश्चात ही
हनुमान जयंती के कार्यक्रम होंगे। सूतक प्रातः
4.45 से प्रारंभ होगा। ग्रहण समय
दोपहर
3.45 से प्रारंभ होकर सायं 7.19 पर समाप्त होगा।



खग्रास चंद्रग्रहण – भारत में ग्रस्तोदय खण्डग्रास चन्द्र ग्रहण
द्रश्य 
             इस वर्ष हनुमान जयंती पर पूर्ण चन्द्रग्रहण का संयोग 4 अप्रेल 2015 को बन रहा
हैं। 
4 अप्रेल 2015 को इस ग्रहण
का स्पर्श भारत में कही भी द्रश्य नहीं होगा। यह ग्रहण भारत के साथ साथ चीन
,ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी  व
दक्षिणी अमेरिका के पूर्वी भाग स्थित नगरो में भी दिखाई देगा..। चैत्र शुक्ल
पूर्णिमा शनिवार दिनांक
4 अप्रैल 2015 ई को दोपहर
बाद से सायकाल तक होने वाला खग्रास चन्द्र ग्रहण सम्पूर्ण भारत में ग्रस्तोदय
खण्डग्रास के रूप में दिखाई देगा।

इस वर्ष 2015 में शनिवार के साथ अजब संयोग जुड़ा हुआ है।
अप्रैल
, जून, अगस्त, अक्टूबर और दिसंबर में जिस तारीख को शनिवार पड़
रहा है
, उस तारीख और माह के अंक एक ही है। जैसे 4 अप्रैल 2015 (शनिवार) को
चन्द्र प्रधान हस्त नक्षत्र की युति बन रही है
, जो कि हर तरह
के रोगों का क्षरण करने वाली युति बन रही है। इस दिन का मूलांक  भी आठ है
, जो कि शनि प्रधान है।हनुमान जन्मोत्सव पर इस बार
चन्द्रग्रहण की छाया है।  
4 अप्रेल 2015 को पड़ने वाली हनुमान जयंती पर
अल्प खण्डग्रास चंद्र ग्रहण होगा। इस दिन हनुमत आराधना का विशेष महत्व होगा। इससे
पहले
15 अप्रेल 1995 को ग्रस्तोदय चन्द्रग्रहण और 2 अप्रेल 1996 को खण्डग्रास चंद्रग्रहण हनुमान
जयंती पर आए थे।इस दिन जातक को शनि की ढैय्या व साढ़े साती से बचने के लिए हनुमान जी उपासना करनी चाहिए ।  मंगल दोष निवारण के लिए भी हनुमत उपासना श्रेष्ठ सिद्ध होगी।

इस ग्रहण
के प्रारम्भ व समाप्ति काल भारतीय स्टैंडर्ड टाइम में इस प्रकार है

ग्रहण
प्रारम्भ
दोपहर
बाद
– 03. 45 बजे
ग्रहण
समाप्त
सांय – 07 .15
बजे
ग्रहण का
सूतक
इस ग्रहण
का सूतक दिनांक
4 अप्रेल 2015 ई को सूर्योदय  के साथ ही
प्रारम्भ हो जायेगा। सुबह ५ बजकर २८ मिनट पर सूतक आरम्भ हो जाएगा । ग्रहण का मोक्ष  ७ ;१५ मिनट पर होगा । सूतक काल में कोई भी धार्मिक काम ( हनुमान  जयंती कि पूजा) आदि न करे। या तो सूतक काल से पहले पूजा करे या मोक्ष के बाद करे।    सूतक प्रारम्भ हो जाने बाद [बच्चो वृद्ध व रोगियों को छोड़कर ]
धार्मिक जनो को भोजन आदि नहीं करना चाहिए।
भारत में केवल २२ मिनट  ही चन्द्र ग्रहण दिखाई देगा 
ग्रहण का  पहला स्पर्श –३ :४५ 
मध्य काल –५ :३० 
मोक्ष -७ :१५ 

४ अप्रैल २०१५ के पूर्ण चन्द्रग्रहण का विभिन्न राशियों पर प्रभाव –
              ४ अप्रैल २०१५ के पूर्ण चंद्रग्रहण का विभिन्न राशियों पर निम्नवत  प्रभाव पड़ेगा। …………. 
मेष राशि:
           ग्रहण आपकी राशि से छठी राशि में पड़ रहा है,इसलिए मिश्रित फल देखने को मिल सकते हैं. कुछ बाधाओं के बाद कार्य, व्यापार व आय में वृद्धि के साथ-साथ योजनाएं सफल हो सकती हैं,लेकिन स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.मन में अकारण की चिंता बनी रह सकती है. 
वृष राशि:
       ग्रहण आपकी राशि से पांचवे घर होने जा रहा है,इसलिए आपको अधिक भाग-दौड़ करनी पड़ सकती है. लंबित कार्य बनने व प्रतिष्ठा में वृद्धि के संकेत होने के बावजूद संतान पक्ष की चिंता सता सकती है. अन्य परिजनों की पीड़ा भी परेशान कर सकती है.बजट का ध्यान रखें,क्योंकि खर्च बढ़ सकता है.


मिथुन राशि
          धनलाभ व आनंद के योग हैं,लेकिन पारिवारिक क्लेश व मित्रों का सामना भी करना पड़ सकता है.विभिन्न कार्यों पर व्यय बढ़ सकता है. जमीन, मकान तथा वाहन आदि के सौदों से अभी बचना चाहिए.

कर्क राशि
              आपकी राशी के लिए यह ग्रहण शुभ है.संपर्क बढ़ने से आर्थिक पक्ष मजबूत होने के योग हैं.व्यापार, नौकरी, निवेश आदि में लाभ हो सकता है. परिजनों के सहयोग से प्रगति होगी.मनोबल बढ़ेगा व उत्साह में वृद्धि होगी.कुल मिलाकर जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति होगी.

सिंह राशि: 
                     आपके लिए ग्रहण का मिलाजुला असर देखने को मिल सकता है.पारिवारिक समृद्धि व शुभकार्य पर निवेश के योग हैं, लेकिन धन निवेश के मामले में सजग रहें और लापरवाही से बचें. परिवार में विवाद से बचने की कोशिश करें. खर्च में वृद्घि होने के योग हैं. 


कन्या राशि:
                 यह ग्रहण कन्या राशी में ही पड़ रहा है,इसलिए ग्रहण का परिणाम आपके अनुकूल नहीं है. परिजनों के स्वास्थ्य को लेकर आर्थिक नुकसान के योग हैं.इस राशि के लोगों को वाहन चलाते समय सावधानी बरतनी चाहिए.अपने स्वास्थ्य का भी खास ध्यान रखें.धन संबंधी मामलों में जल्दबाजी न करें

तुला राशि: 
व्यवसायिक उन्नति व अकस्मात धन प्राप्ति के योग हैं,लेकिन वैवाहिक जीवन के लिए ये चंद्रग्रहण कष्टकारक हो सकता है. खासतौर से जीवनसाथी का स्वास्थ्य आपको चिंतित कर सकता है. वाहन अभी न खरीदें.सावधानी न बरतने पर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

वृश्चिक राशि
चंद्रग्रहण की वजह से शारीरिक व मानसिक व्यग्रता के योग हैं,लेकिन तरक्की के रास्ते में आ रही बाधाएं दूर होंगी. जिस कार्य की सफलता के लिए काफी समय से प्रयास कर रहे थे, उसका अब सकारात्मक फल मिल सकता है.सुख सुविधाओं में वृद्धि हो सकती है.


धनु राशि:
      जहाँ तक संभव हो ,वादविवाद व लड़ाई झगड़ों से बचने की कोशिश करें.रोजगार, कारोबार, नई शुरुआत आदि में शुभ फल मिल सकते हैं,लेकिन आपकी जिम्मेदारियां भी बढ़ सकती हैं. अगर नया कार्य शुरू करें तो पूरी तैयारी के साथ करें. स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है. कुछ मामलो को लेकर चिंता बढ़ने से मन में अनजाना भय बना रह सकता है.सफलता के लिए अधिक प्रयास करना होगा.


मकर राशि: 
आपकी राशि के लिए ग्रहण शुभ नहीं है.रिश्तों में विश्वासघात व धोखाधड़ी के योग हैं. लंबी यात्रा अभी टालें. नए कारोबार में परेशानियां आ सकती हैं. संतान संबंधी चिंताएं व मानसिक परेशानी बढ़ सकती है.


कुंभ राशि:
आपको अपने स्वास्थ्य पर खास ध्यान देना होगा.शत्रुओं व विरोधियों द्वारा परेशान हो सकते हैं.यात्रा व खानपान में सावधान रहें. मौसम संबंधी रोग परेशानी बढ़ा सकते हैं. दुर्घटना से सावधान रहें. खर्च बढ़ सकता है.

मीन राशि:
        ग्रहण कुछ प्रतिकूल असर दिखा सकता है.पारिवारिक जीवन में दिक्कतें आ सकती हैं. जीवनसाथी से किसी बात पर तकरार हो सकती है.अकस्मात दुर्घटना या तबीयत बिगड़ने के योग हैं.
व्यापार में निवेश और किसी से साझेदारी सोच-समझकर करें.
ओमकार मणि त्रिपाठी
(समस्त चित्र गूगल से) 
atoot bandhan …… हमारा फेस बुक पेज 

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