जीवन की प्राथमिकताएं

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जीवन की प्राथमिकताएं


हम सब के जीवन में प्राथमिकताएं निर्धारित करना बहुत जरूरी है | प्राथमिकताएं चाहे वो कैरियर  में हों | रिश्तों में हों या जीवन के अन्य आयामों में | अगर हम प्राथमिकताएं निर्धारित नहीं करेंगे तो जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता नहीं हासिल कर पायेंगे और हम बस पछताते रहेंगे |

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                  एक बार की बात है एक अध्यापक अपने क्लास में एक खाली गिलास और कुछ सामान ले कर गए | उन्होंने स्टूडेंट्स को खली गिलास दिखया और कहा आज मैं आपको एक प्रयोग कर के दिखाऊंगा | स्टूडेंट्स ध्यान से उनका प्रयोग देखने लगे |

अध्यापक ने गिलास में बड़े – बड़े कंकण भरना शुरू कर दिया | थोड़ी ही देर में वो गिलास भर गया | अब उन्होंने बच्चों को दिखा कर पूंछा  क्या अब इस गिलास में कुछ और आ सकता है ?
नहीं सर ये पूरा भर गया है | अब इसमें कुछ नहीं आ सकता ,बच्चे एक स्वर में बोले |

अध्यापक ने फिर उस गिलास में छोटे – छोटे कंकण  भरना शुरू किया | छोटे कंकण  ने बड़े कंकण के बीच जगह बना ली | फिर उन्होंने और छोटे कंकण भरना शुरू किया उन्होंने पहले और दूसरे कंकण के बीच में जगह बना ली | अब अध्यापक ने फिर गिलास दिखा कर सबसे पूंछा ,” क्या अब इसमें कुछ आ सकता है ?”

बच्चे बोले सर पहले ह्म् गलत  थे | पर अब ये गिलास इतना भर गया है की इसमें कुछ नहीं आ सकता |

अध्यापक ने अब गिलास में रेत भरना शुरू किया | रेत ने कंकण के बीच में जगह बना ली | फिर गिलास पूरा भर गया | अध्यापक ने फिर वही प्रश्न  दोहराया | बच्चों ने पूरे विश्वास के साथ कहा ,” सर अब तो ये जरूरत से ज्यादा भर गया है | अब इसमें कुछ नहीं आ सकता |

अध्यापक ने पास में एक जग से पानी गिलास में डालना शुरू किया | पानी ने सब के बीच में जगह बना ली |

अध्यापक बच्चों की और देखते हुए बोले ,” देखो जो गिलास बड़े कंकण से ही भरा दिखाई दे रहा था | अब उस  गिलास में बड़े कंकण , छोटे कंकण , बहुत छोटे कंकण , रेत और पानी है | इतना सब कुछ इसमें इसलिए आ सका क्योंकि मैंने चीजों को सही क्रम में भरा | अगर रेत पहले भर लेते तो क्या बड़े कंकण गिलास में आ सकते थे | या पानी पहले बी हर लेते तो बड़े कंकन डालते ही वो छलकने लगता | दरसल ये गिलास हमारा जीवन है और इसमें डाली  जाने वाली चीजें हमारी प्राथमिकताएं |  अगर आप  अपनी जिन्दगी में सही प्राथमिकताएं तय करते हैं तो इसमें बहुत कुछ भरा जा सकता है | | लेकिन गलत प्राथमिकताएं तय करने से आपके पास मौका होते हुए भी आप का गिलास पूरी तरीके से नहीं भर सकता | कुछ न कुछ खाली ही रह जाएगा | उदाहरण के लिए ..

अगर आप विद्यार्थी हैं तो सबसे पहली प्राथमिकता पढाई है |
पढाई में एग्जाम टाइम और रेगुलर टाइम में आपकी प्राथमिकता  अलग – अलग होती है |
अगर आप नौकरी करते हैं तो सबसे पहली प्राथमिकता अपना काम अच्छे से करते हैं |
अगर आप माता – पिता हैं तो पहली प्राथमिकता बच्चे हैं |
माता -पिता वृद्ध होने पर वो पहली प्राथमिकता हैं |
 अगर आप सही तरीके से आपनी प्राथमिकताएं तय करते हैं तो न केवल आप का जीवन सफल होगा बल्कि खुशहाल भी होगा |

टीम ABC

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