Wednesday, May 8, 2024
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Yearly Archives: 2016

सृजन व् विनाश

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एक बीज जब बढ़ता है तो कोई शोर नहीं करता एक पेड़ जब गिरता है तो बहुत आवाज़ होती है विनाश की पहचान शोर  व् सृजन की मौन है 

होलिका दहन-वर्ण पिरामिड

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1-- हो दर्प दहन खिलें रंग अपनों संग प्रेम विश्वास के होली के उल्लास में। -------------------------- 2-- आ छोड़ें अपनी द्वेष ईर्ष्या करें संपन्न होलिका दहन मथें विचार गहन। ----------------------- 3) ——- आ  चल जलाएँ  बुराइयाँ होलिका संग  बदलेगा ढंग  सबके जीवन का। ——————— 4) ——- हो  जीत  अधर्म  बेईमानी  अन्याय पर  होलिका दहन  करे इनको वहन  ———————- 5 ——— स्व बचे लकड़ी पर्यावरण हो सुरक्षित कंडे अपनाएँ यूँ होलिका...

सद्विचार -सही शब्द

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एक शब्द और एक सही शब्द में उतना ही अंतर है जितना रोशिनी व् जुगुनू में -मार्क ट्वेन 

सद्विचार – रिश्तों की परवाह

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आप जिन रिश्तों की परवाह करते हैं उनके सामने अपनी भावनाओं की स्वीकारोक्ति में देर मत करिए क्योंकि उनके जाने के बाद चाहे आप जितनी जोर से चिल्लाएं वो सुन नहीं पायेंगे

अंतर्राष्ट्रीय गोरैया दिवस पर ……..’ओ री गौरैया ‘ .

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. मेरी बचपन की प्यारी सखी गौरैया! तुम्हें पता है आज विश्व गोरैया दिवस है। इसे एक तरह से इसे मैं तुम्हारा जन्मदिवस ही मानती...

होली स्पेशल – होली की ठिठोली

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जल्दी से कर लीजिये हंसने का अभ्यास इस बार की होली तो होगी खासमखास  दाँतन बीच दबाइए लौंग इलायची सौंफ  बत्तीसी जब दिखे तो मुँह से आये न...

अटूट बंधन : सद्विचार

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किसी को हाँ खाने से पहले सुनिश्चित कर लें आप खुद को ना तो नहीं कह रहे 

समय पर समझ

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समय पर समझ एकसाथ खुशकिस्मत लोगों को मिलती है अक्सर समय पर समझ नहीं आती और समझ आने पर समय निकल जाता है 

सुशांत सुप्रिय के कहानी संग्रह की समीक्षा – किस्सागोई का कौतुक देती कहानियाँ (...

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                                 समीक्ष्य कृति  - दलदल (कहानी संग्रह) ( अंतिका प्रकाशन...
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