Monthly Archives: July 2017
अनार से महंगा टमाटर खा रहा हूं ( हास्य – व्यंग कविता )
रंगनाथ द्विवेदी
अनार से महंगा टमाटर खा रहा हूं।
आ गये अच्छे दिन---------
मै इलू-इलू गा रहा हूं,
अनार से महंगा टमाटर खा रहा हूं।
मार्केट से सभी सब्ज़ियाँ...
मेरी पहचान , मेरी प्रतिभा
एक तरफ बंधन है एक तरफ मुक्ति ................
यह आप के ऊपर है
आपप्नी सुन्दरता की तारीफ़ सुनना पसंद करती हैं
या बुद्धि की
छुट्टी का दिन
नीलम गुप्ता
आज छुट्टी का दिन है .........
आज
बच्चे देर से उठेंगे
तय नहीं है
कब नहायेंगे
नहायेंगे भी या नहीं
घर भर में फ़ैल जायेंगी
किताबें , अखबार के पन्ने...
क्षितिज संस्था की पावस काव्य गोष्ठी
वर्षा ऋतु के स्वागत में क्षितिज संस्था द्वारा देवी अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय इंदौर के अध्ययन कक्ष में 'पावस कविता गोष्ठी' का आयोजन किया गया।
मुख्य...
राधा कृष्ण “अमितेन्द्र ” जी की कवितायें
******स्थिति और परिस्थिति******
स्थिति और परिस्थिति
सभी को अपने ढ़ंग से नचाता है....
कोई याद रखता है ,
कोई भूल जाता है !
जो काम स्थिति वश
बहुत अच्छा होता...
गुमनाम गांव से संसद तक तक सफर – फावजिया कूफी, मानव अधिकार कार्यकर्ता
संकलन: प्रदीप कुमार सिंह
फावजिया का जन्म अफगानिस्तान के एक सियासी परिवार
में हुआ। उनके पिता की सात पत्नियां थी। परिवार में पहले से 18...
शराब नही लेकिन
-रंगनाथ द्विवेदी।
तेरी सरिया मे शराब नहीं लेकिन-----------
हम पीने वालो के लिये खराब नही लेकिन।
हम बाँट लेते है अक्सर नशे मे जूठन भी-----
यहाँ के पंडित...
शैतान का सौदा
एक बार एक पादरी रास्ते पर टहल रहा था। उसने एक आदमी को
देखा, जिसे अभी-अभी किसी नुकीले हथियार से मारा गया था। वह आदमी...
बाल कहानी : अच्छी मम्मी , गन्दी मम्मी / achhi mummy , gandi mummy
अगर किसी बच्चे से पूंछा जाए ," बेटा मम्मी कैसी होती हैं ? तो वो क्या जवाब देगा : सबसे अच्छी |पर आज हम...