सफलता के लिए बोर्ड एग्जाम की तैयारी के 11 उपयोगी टिप्स

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सफलता के लिए  बोर्ड एग्जाम की तैयारी के 11 उपयोगी  टिप्स

आगामी मार्च में दसवीं व् बारहवीं की बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं | सभी विद्यार्थीं अपनी  तैयारी को अंतिम रूप दे रहे हैं | माता -पिता भी बच्चों का विशेष ध्यान रख रहे हैं | सबकी कोशिश यही है की बच्चे परीक्षाओं में अच्छे मार्क्स लाये और सफल हों |परन्तु देखा गया है की कई बार सही तैयारी न करने से मेहनत करने के बाद भी सही परिणाम नहीं मिलते हैं | इसी कारण परीक्षाओं से ठीक पहले माता – पिता व् बच्चे तनाव में आ जाते हैं | उन्हें काउंसलिंग की जरूरत होती है | अगर सही समय में पता चल जाए कि तैयारी किस प्रकार करनी है तो कोई कारण नहीं कि कोई बच्चा सफल न हो पाए | 
बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं के लिए विशेष लेख

बोर्ड परीक्षाओं के मद्दे नज़र बच्चों की और अभिवावकों की  चिंताओं को ध्यान में रखते हुए  लखनऊ के सुप्रसिद्ध सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ के संस्थापक-प्रबन्धक- डा0 जगदीश गांधी अपने लेख के माध्यम बच्चों को बोर्ड  एग्जाम में सफलता के लिए 11 उपयोगी टिप्स बता रहे हैं | जिनकी सहायता से बच्चे अच्छे प्रतिशत के साथ सफल हो सकते हैं |

(1)  सफलता की एकमात्र कुंजी निरन्तर अभ्यास, अभ्यास और अभ्यास ही है:- 

किसी ने सही ही कहा है कि ‘करत-करत अभ्यास से जड़मत होत सुजान, रसरी आवत जात है सिल पर पड़त निशान’ अर्थात् जिस प्रकार एक मामूली सी रस्सी कुएँ के पत्थर पर प्रतिदिन के अभ्यास से निशान बना देती है उसी प्रकार अभ्यास जीवन का वह आयाम है जो कठिन रास्तों को भी आसान कर देता है। इसलिए अभ्यास से कठिन से कठिन विषयों को भी याद किया जा सकता है। इस प्रकार सफलता की एकमात्र कुंजी निरन्तर अभ्यास, अभ्यास और अभ्यास ही है। विशेषकर गणित तथा विज्ञान विषयों में यदि आप अपना वैज्ञानिक एवं तार्किक दृष्टिकोण विकसित नहीं कर पाये तो आप सफलता को गवां सकते हैं। इसलिए इन विषयों के सूत्रों को अच्छी तरह से याद करने के लिए इन्हें बार-बार दोहराना चाहिए और लगातार इनका अभ्यास भी करते रहना चाहिए। दीर्घ उत्तरीय पाठ/प्रश्नों को एक साथ याद न करके इन्हें कई खण्डों में याद करना चाहिए। बार-बार अभ्यास करने से जीवन की कठिन से कठिन बातें भी याद रखी जा सकती हैं।

(2)  बोर्ड परीक्षाओं का तनाव लेने के बजाय छात्र खुद पर रखें विश्वास:-

प्रायः यह देखा जाता है कि बोर्ड की परीक्षाओं के नजदीक आते ही छात्र-छात्रायें एक्जामिनेशन फीवर के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में शिक्षकों एवं अभिभावकों के द्वारा बच्चों के मन-मस्तिष्क में बैठे हुए इस डर को भगाना अति आवश्यक है। वास्तव में बच्चों की परीक्षा के समय में अभिभावकों की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है। एक शोध के अनुसार बच्चों के मन-मस्तिष्क पर उनके अभिभावकों के व्यवहार का सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। ऐसी स्थिति में अभिभावकों को बच्चों के साथ दोस्तों की तरह व्यवहार करना चाहिए ताकि उनमें सुरक्षा की भावना और आत्मविश्वास बढ़ें। इस प्रकार बच्चों का मन-मस्तिष्क जितना अधिक दबाव मुक्त रहेगा उतना ही बेहतर उनका रिजल्ट आयेगा और सफलता उनके कदम चूमेगी। इसलिए छात्र-छात्राओं को बोर्ड परीक्षााओं का तनाव लेने के बजाय खुद पर विश्वास रखकर ‘मन के हारे हार है मन के जीते जीत’ कहावत पर चलना चाहिए और अपने कठोर परिश्रम पर विश्वास रखना चाहिए।

(3)  स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है:-

किसी ने बिलकुल सही कहा है कि एक स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों एवं डाक्टरों के अनुसार प्रतिदिन लगभग 7 घण्टे बिना किसी बाधा के चिंतारहित गहरी नींद लेना सम्पूर्ण नींद की श्रेणी में आता है। एक ताजे तथा प्रसन्नचित्त मस्तिष्क से लिये गये निर्णय, कार्य एवं व्यवहार अच्छे एवं सुखद परिणाम देते हैं। थके तथा चिंता से भरे मस्तिष्क से किया गया कार्य, निर्णय एवं व्यवहार सफलता को हमसे दूर ले जाता है। परीक्षाओं के दिनों में संतुलित एवं हल्का भोजन लेना लाभदायक होता है। इन दिनों अधिक से अधिक ताजे तथा सूखे फलों, हरी सब्जियों तथा तरल पदार्थो को भोजन में शामिल करें।

(4)  अपने लक्ष्य का निर्धारण स्वयं करें और देर रात तक पढ़ने से बचें:- 


एक बार यदि हमें अपना लक्ष्य ज्ञात हो गया तो हम उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देंगे। यदि हमारा लक्ष्य परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक लाना है तो पाठ्यक्रम में दिये गये निर्धारित विषयों के ज्ञान को पूरी तरह से समझकर आत्मसात करना होगा। इसके साथ ही रात में देर तक पढ़ने की आदत बच्चों को नुकसान पहुँचा सकती है। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार प्रातःकाल का समय अध्ययन के लिए ज्यादा अच्छा माना जाता है। सुबह के समय की गई पढ़ाई का असर बच्चों के मन-मस्तिष्क पर देर तक रहता है। इसलिए बच्चों को सुबह के समय में अधिक से अधिक पढ़ाई करनी चाहिए। रात में 6-7 घंटे की नींद के बाद सुबह के समय बच्चे सबसे ज्यादा शांतिमय, तनाव रहित और तरोताजा महसूस करते हैं।

(5)  सफलता के लिए  लिखकर याद करने की आदत डालें:-

प्रत्येक मनुष्य की स्मरण शक्ति असीमित है। आइस्टीन जैसे महान वैज्ञानिक तथा एक साधारण व्यक्ति के मस्तिष्क की संरचना एक समान होती है। केवल फर्क यह है कि हम अपने मस्तिष्क की असीम क्षमताओं की कितनी मात्रा का निरन्तर प्रयास द्वारा सदुपयोग कर पाते हैं। इसलिए छात्रों को अपने पढ़े पाठों का रिवीजन पूरी एकाग्रता तथा मनोयोगपूर्वक करके अपनी स्मरण शक्ति को बढ़ाना चाहिए। एक बात अक्सर छात्र-छात्राओं के सामने आती है कि वो जो कुछ याद करते हंै वे उसे भूल जाते हैं। इसका कारण यह है कि छात्र मौखिक रूप से तो उत्तर को याद कर लेते हैं लेकिन उसे याद करने के बाद लिखते नहीं है। कहावत है एक बार लिखा हुआ हजार बार मौखिक रूप से याद करने से बेहतर होता है। ऐसे में विद्यार्थी को अपने प्रश्नों के उत्तरों को लिखकर याद करने की आदत डालनी चाहिए।

(6)  बोर्ड परीक्षाओं के लिए सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का अध्ययन जरूरी है:-

सिर्फ महत्वपूर्ण विषयों या प्रश्नों की तैयारी करने की प्रवृत्ति आजकल छात्र वर्ग में देखने को मिल रही है जबकि छात्रों को अपने पाठ्यक्रम का पूरा अध्ययन करना चाहिए और इसे अधिक से अधिक बार दोहराना चाहिए। अगर छात्रों का लक्ष्य 100 प्रतिशत अंक अर्जित करना है तो परीक्षा में आने वाले सम्भावित प्रश्नों के उत्तरों की तैयारी तक ही अपना अध्ययन सीमित न रखकर सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का अध्ययन करना चाहिए। जो छात्र पाठ्यक्रम के कुछ भागों को छोड़ देते हैं वे परीक्षा में असफलता का मुँह देख सकते हंै।

(7)  उच्च कोटि की सफलता के लिए समय प्रबन्धन जरूरी:-

परीक्षा में प्रश्न पत्र हाथ में आते ही सबसे पहले छात्र को सरल प्रश्नों को छांट लेना चाहिए। इन सरल प्रश्नों को हल करने में पूरी एकाग्रता के साथ अपनी ऊर्जा को लगाना चाहिए। छात्र को प्रश्न पत्र के कठिन प्रश्नों के लिए भी कुछ समय बचाकर रखने का ध्यान रखना चाहिए। चरम एकाग्रता की स्थिति में कठिन प्रश्नों के उत्तरों का आंशिक अनुमान लग जाने की सम्भावना रहती है। प्रायः देखा जाता है कि अधिकांश छात्र अपना सारा समय उन प्रश्नों में लगा देते हैं जिनके उत्तर उन्हें अच्छी तरह से आते हैं। तथापि बाद में वे शेष प्रश्नों के लिए समय नहीं दे पाते। समय के अभाव में वे जल्दबाजी करते प्रायः देखे जाते हैं और अपने अंकों को गॅवा बैठते हैं। परीक्षाओं में इस तरह की गलती न हो इसके लिए माॅडल पेपर के एक-एक प्रश्न को निर्धारित समय के अंदर हल करने का निरन्तर अभ्यास करते रहना चाहिए।

(8)  सुन्दर लिखावट, सही स्पेलिंग तथा विराम चिन्हों का प्रयोग:-

आपकी उत्तर पुस्तिका को जांचने करने वाले परीक्षक पर सबसे पहला अच्छा या बुरा प्रभाव आपकी लिखावट का पड़ता है। परीक्षक के ऊपर सुन्दर तथा स्पष्ट लिखावट का बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है। परीक्षक के पास अस्पष्ट लिखावट को पढ़ने का समय नही होता है। अतः परीक्षा में उच्च कोटि की सफलता के लिए अच्छी लिखावट एक अनिवार्य शर्त है। सही स्पेलिंग तथा विराम चिन्हों का सही उपयोग का ज्ञान होना हमारे लेखन को प्रभावशाली एवं स्पष्ट अभिव्यक्ति प्रदान करता है। भाषा का सही प्रस्तुतीकरण छात्रों को अच्छे अंक दिलाता है। विशेषकर भाषा प्रश्न पत्रों में सही स्पेलिंग अति आवश्यक है। इसी प्रकार विराम चिन्हों का सही उपयोग भी अच्छे अंक अर्जित करने के लिए जरूरी है।

(9)  प्रवेश पत्र के साथ ही परीक्षा के लिए उचित सामान सुरक्षित रखें:-

बोर्ड परीक्षाओं के छात्रों को रोजाना घर से परीक्षा केन्द्र जाने के पूर्व अपने प्रवेश पत्र को सावधानीपूर्वक रखने की बात को जांच लेना चाहिए। बोर्ड तथा प्रतियोगी परीक्षाआंे आदि के लिए प्रवेश पत्र सबसे जरूरी कागजात हंै। हमें यह बात भली प्रकार स्मरण रखनी चाहिए कि प्रवेश पत्र के खो जाने से परीक्षा कक्ष में प्रवेश करने से हम वंचित हो सकते हंै। परीक्षा के समय अच्छे पेन, पेन्सिल, स्केल, रबर, कलाई घड़ी आदि का अत्यन्त महत्व है। परीक्षा में उपयोग होने वाली सभी जरूरी सामग्रियाँ अच्छी क्वालिटी की हमारे पास अतिरिक्त मात्रा में होना जरूरी है। किसी प्रकार की अपत्तिजनक वस्तु के आसपास पड़े होने की स्थिति में हमें उसकी सूचना कक्ष निरीक्षक को तुरन्त देनी चाहिए।

(10)  प्रश्न पत्र के निर्देशों को भली-भांति समझ लें और उत्तर पुस्तिका को जमा करने के पूर्व उसे चेक अवश्य करें:-


छात्रों को प्रश्न पत्र हल करने के पहले उसमें दिये गये निर्देशों को भली भाँति पढ़ लेना चाहिए। ऐसी वृत्ति हमें गलतियों की संभावनाओं को कम करके परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने की सम्भावना को बढ़ा देती है। इसलिए हमें प्रश्न पत्र के हल करने के निर्देशों को एक बार ही नहीं वरन् जब तक भली प्रकार निर्देश समझ न आये तब तक बार-बार पढ़ना चाहिए। छात्रों को उत्तर पुस्तिका जमा करने के पूर्व 10 या 15 मिनट अपने उत्तरों को भली-भांति पढ़ने के लिए बचाकर रखना चाहिए। अगर आपने प्रश्न पत्र के निर्देशों का ठीक प्रकार से पालन किया है तथा सभी खण्डों के प्रत्येक प्रश्नों का उत्तर दिये हैं तो यह अच्छे अंक लाने में आपकी मदद करेगा।

(11) सफलता के लिए स्वयं पर विश्वास – मैं यह कर सकता हूँ, इसलिए मुझे करना है:-

माता-पिता अगर अपने बच्चों पर विश्वास जताएंगे और उनका सही मार्गदर्शन करेंगे तो छात्र तनाव से निजात पाकर परीक्षा दे सकेंगे और वे सर्वश्रेष्ठ अंकों से अपनी परीक्षा को पास कर सकेंगे। छात्रों को भी अपने आत्मविश्वास को जगाने के लिए इस वाक्य को प्रतिदिन अधिक से अधिक बार दोहराना चाहिए कि ‘मैं यह कर सकता हूँ, इसलिए मुझे यह करना है’ यह छात्र जीवन में उच्च कोटि की सफलता प्राप्त करने का एक अचूक मंत्र हो सकता है। परीक्षाओं के समय यह वाक्य हमारी सुनिश्चित सफलता की सोच को विकसित करता है। यह मंत्र जीवन में पूरी तरह तभी सफल होगा जब हम अपने अंदर एकाग्रता, निरन्तर प्रयास, आत्मानुशासन तथा आत्म-नियंत्रण के गुणों को भी विकसित करेंगे।

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                         अगर सभी बच्चे इन 11 उपयोगी टिप्स का पालन करते हुए बोर्ड एग्जाम की  तैयारी करेंगे तो कोई कारण नहीं है की वो बोर्ड एग्जाम में अच्छे प्रतिशत न पा सके | इसलिए सफलता के लिए जरूरी है की प्रयास सही तरीके से किया जाए |

– डा0 जगदीश गांधी, संस्थापक-प्रबन्धक
 सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ


संस्थापक-प्रबन्धक  सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ



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