प्राइड एंड प्रिज्युडिस को हुए 210 साल – जानिए जेन ऑस्टिन के जीवन के कुछ अनछुए पहलू

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प्राइड एण्ड प्रेजुडिस

अभी 28 जनवरी 2023 को जेन ऑस्टिन  (jane austen) के  लोकप्रिय उपन्यास “प्राइड एण्ड प्रेजुडिस” को 210 साल पूरे हो गए l ये एक ऐसी किताब है जो तब से लेकर आजतक बेस्ट सेलर बनी हुई है l इतना ही नहीं विश्व भर में इस पर आधारित जितने भी टीवी सीरियल फिल्में बनीं वो सब सुपर हिट रहीं और अभी भी हो रहीं हैं l एक समय युवा लड़कियों में अति लोकप्रिय लखनऊ दूरदर्शन पर प्रसारित “तृष्णा” इसी पर आधारित था l स्कूल-कॉलेजों में डार्सी की भूमिका निभा रहे तरुण धनराजगीर के चर्चे आम थे l आज भी लड़कियों के मन में कहीं न कहीं एलिजबेथ और डार्सी की छवि रहती है l इन पात्रों में ऐसा क्या खास है इस पर फिर कभी बात करूँगी l मुझे याद है मैंने इसे  पहली बार अंग्रेजी साहित्य पढ़ रही दीदी से लेकर पढ़ा था l आज ये मेरी बेटी की निजी लाइब्रेरी का हिस्सा है l मूल रूप से प्रेम कहानी रहे इस उपन्यास के बाद ही  अपोजिट अटरैक्टस या लव हेट रिलेशनशिप जो बाद में में समर्पित प्रेम में बदल जाता है को साहित्य और सिनेमा में स्थान दिया गया l लेकिन मात्र 43 वसंत देखने वाली जेन स्त्री की सुंदरता के ऊपर स्त्री की बौद्धिकता और अपने साथी को चयन करने का अधिकार को स्थापित करने का महत्वपूर्ण काम कर गई l माना जाता है उसके बाद स्त्री की छवि कहानियों में बदलनी शुरू हुई l

प्राइड एंड प्रिज्युडिस की लेखिका जेन ऑस्टिन के बारे में

 

जेन ऑस्टेन (jane austen)का जन्म स्टीवनटन के हैम्पशायर गाँव में हुआ था, जहाँ उनके पिता, रेवरेंड जॉर्ज ऑस्टेन, रेक्टर थे। वह आठ बच्चों वाले परिवार यानि -छह लड़कों और दो लड़कियों के परिवार में दूसरी बेटी और सातवीं संतान थी। जीवन भर उसकी सबसे करीबी साथी उसकी बड़ी बहन कैसेंड्रा थी; न तो जेन और न ही कैसेंड्रा ने शादी की। उनके पिता एक विद्वान थे जिन्होंने अपने बच्चों में सीखने के प्यार को प्रोत्साहित किया। उनकी पत्नी नी लेह बुद्धिमान महिला थीं, जिन्होंने तात्कालिक छंदों और कहानियों को लिखा l हालांकि उनका रुझान अभिनय की ओर भी था l

 

जेन ऑस्टेन (jane austen)के जीवंत और स्नेही परिवार ने उनके लेखन के लिए विस्तृत फलक प्रदान किया। इसके अलावा, रिश्तेदारों और दोस्तों के द्वारा बताए गए उनके अनुभवो को जानकर उन्होंने अपनी कलम को विस्तार दिया l गाँव, आस-पड़ोस और देश के शहर में छोटे-छोटे जमींदारों और देश के पादरियों की, कभी-कभी लंदन की यात्रा केअनुभवों को उन्हें, पात्रों और विषय वस्तु में उपयोग करना था l पर जीवन के बारीक अनुभव ही कैसे बडी कथा को जन्म देते हैं, ये उनकी कलम ने दिखा दिया l

हालांकि इन बातों का प्रमाण नहीं है फिर भी कहा जाता है कि 1802 में जेन हैम्पशायर परिवार के 21 वर्षीय उत्तराधिकारी हैरिस बिग-विदर से शादी करने के लिए तैयार हो गई थी, लेकिन अगली सुबह उसका मन बदल गया। ऐसी कई परस्पर विरोधी कहानियाँ भी हैं जो उसे किसी ऐसे व्यक्ति से जोड़ती हैं जिसके साथ वह प्यार करती थी लेकिन जिसकी बहुत जल्द मृत्यु हो गई। चूँकि ऑस्टेन के उपन्यासों का प्रेम और विवाह से इतना गहरा संबंध है, इसलिए इन संबंधों के तथ्यों को स्थापित करने की पाठक सदा कोशिश करते रहे l दुर्भाग्य से कैसेंड्रा अपनी बहन के निजी जीवन की अप्रकाशित लिखी हुई कथाओं की संरक्षक थी, लेकिन वो सिबलिंग रायवलरी से ग्रस्त थी l इसलिए उसने  जेन की मृत्यु के बाद उसने बचे हुए पत्रों को सेंसर कर दिया, कई को नष्ट कर दिया और कुछ को फाड़ कर नष्ट कर दिया। लेकिन उनके पाठक यह मानते रहे कि उनके प्रिय उपन्यास के लेखक ने प्रेम के अनुभव को समझा है और प्रेम में निराशा का सामना भी किया है l

प्राइड एंड प्रिज्युडिस को हुए 210 साल- कुछ अनछुए पहलू 

उपन्यास की रिकॉर्डतोड़ लोकप्रियता के  खुशी के इन पलों के साथ कुछ दुखद और क्रूर  बातें भी जुड़ी हैं l उस समय की कई महिला लेखकों की तरह, ऑस्टेन ने गुमनाम रूप से अपनी पुस्तकें प्रकाशित कीं थी ।  उस समय, एक महिला के लिए आदर्श भूमिकाएँ पत्नी और माँ के रूप में थीं, और महिलाओं के लिए लेखन द्वितीय श्रेणी का काम माना जाता था l  एक लेखिका जो पूर्ण कालिक लेखन करना चाहती हो उसको एहसास कराया जाता था कि उसमें स्त्रीत्व की कमी है l मतलब कहीं ना कहीं  महिला लेखक को सिद्ध करना पड़ता था कि वो लेखन केवल अंशकालिक रूप में कर रही है, और “साहित्यिक  जगत” नाम-दाम कमाने की कोशिश नहीं कर रही है l अकूत प्रतिभा की धनी जेन ऑस्टिन  भी ये सारा लेखन छिप के करती थीं l कोई आ जाता तो मेज की दराज में वो सारे पन्ने छिपा देती, ऐसे दिखातीं कि वो लिखती ही नहीं हैं l पात्र को पकड़ने रहने की कोशिशों के मध्य जेन का ये संघर्ष आँखें नम कर देता है l  इतना छिप के लिखने पर वो इतना अनमोल दे गई, अगर बेफिक्र होकर लिखती तो ? ये प्रश्न मन को मातहत है l उनके पहले प्रकाशित उपन्यास, सेंस एंड सेंसिबिलिटी को “एक महिला द्वारा” लिखे जाने के रूप में” पब्लिश किया गया था l प्राइड एंड प्रेजुडिस को “सेंस एंड सेंसिबिलिटी के लेखक” द्वारा लिखा गया बताया गया l अपने जीवनकाल में उनके अपने उपन्यासों में उनका कभी नाम नहीं आया l

 

शायद वो नाम कभी सामने आता भी नहीं पर उनकी मृत्यु के 4 साल बाद एक फ्रेंच अनुवादक ने कॉपी राइट के बिना चोरी छिपे प्राइड एण्ड प्रेजुडिस का बेहद कम स्तर का अनुवाद खराब कागजों पर प्रकाशित करवा दिया l  उसमें जेन ऑस्टिन का नाम धोखे से चला गया l खुशकिस्मती ये भी है कि वो भी लोकप्रिय हो गया और उसके बाद….  मूल अंग्रेजी में प्रकाशित उपन्यास में उनका नाम उनकी मृत्यु के साल बाद आया l

 

पर बात यही खत्म नहीं होती… jane austen ने मिलिट्री लाइब्रेरी, व्हाइटहॉल से थॉमस एगर्टन को £110 के बदले उपन्यास का कॉपीराइट बेच दिया था l जो एक महंगा फैसला साबित हुआ l

 

उस महान लेखिका jane austen को याद करते हुए कहीं ना कहीं मेरे मन में दर्द उठ रहा है |

हो सकता है कि जेन ऑस्टिन की कहानी आज भी कहीं न कहीं, किसी ना किसी घर दुहराई जा रही हो, जहाँ महिलाओं के लिए लेखन को दोयम दर्जे का काम समझा जाता है l ऐसे में जो जितना लिख पा रहीं हैं, जरूरी है उनको प्रोत्साहित करना चाहिए l

वंदना बाजपेयी

वंदना बाजपेयी

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