बाजारवाद : लेख – शिखा सिंह

बाजरबाद की घुसपैठ  ने लोगों को अपना कैदी बना लिया है,जिसमें लोग खुद को भी अनदेखा करने लगे है। आज के दौर ने बाजारबाद को अपना घर बना लिया है ।जो मैन शुरूआत. यहीं से ...

सीमा सिंह की लघुकथाएं

नशा कभी बाएं कभी दायें डोलती सी तेज गति से आती  अनियंत्रित गाड़ी मोड पर पलट गई. भीड़ जमा हो गई आसपास किसी तरह से गाड़ी में सवार दोनों युवकों को बाहर निकाला गया. उफ़...ये क्या दोनों नशे...

जिंदगी का सबक

जो सबक हमें जिंदगी सिखाती है वो किताबों में नहीं मिलता क्योंकि जिंदगी के सबकों के आधार पर किताबें लिखी जाती हैं न कि किताबों के आधार पर जिन्दगी चलती है 

आखिरी उम्मीद

उन लोगो की उम्मीदें कभी न टूटने दें जिनकी आखिरी उम्मीद आप हैं 

ब्याह :कहानी -वंदना गुप्ता

ब्याह   नैन नक्श तो बडे कंटीले हैं साफ़ सुथरे दिल को चीरने वाले गर जुबान पर भी नियन्त्रण होता तो क्या जरूरत थी फिर से सेज चढने की । हाय हाय ! जीजी ये...

भीखू : कहानी -कुसुम पालीवाल

कहानी---- " भीखू "                  ********** ललिया..ओ..ललिया.......कहाँ मर गये सब .....किसी को चिंता नहीं है मेरी  , अरे कहाँ हो तुम सब........मरा जा रहा हूँ सारा कलेजा जल रहा है..... ,।भीखू की आवाज जैसे ही धनिया...

अहम् : कहानी -सपना मांगलिक

अहम् आज फिर वही मियां बीवी की तू तडाक और तेरी मेरी से घर गूँज उठा था .विनय बाबू बैचैनी से लॉन में टहल रहे थे ,उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि इस समस्या का...

ऐसे बनिए

अटूट बंधन

सच्चे रिश्ते

अटूट बंधन