Tag: वंदना बाजपेयी
शंख में समंदर-सोशल मीडिया के अनदेखे रिश्तों के नाम
शंख समुद्र में पाए जाते हैं और शंख में भी में समंदर रहता है l लेकिन इस आध्यात्मिक बात को अगर लौकिक जगत में...
मीमांसा- आम जीवन से जीवन दर्शन की यात्रा
मीमांसा शब्द का शादिक अर्थ है किसी बात या विषय का ऐसा विवेचन जिसके द्वारा कोई निर्णय निकाला जाता होl अगर छः प्रसिद्ध भारतीय...
काकी का करवाचौथ
हमेशा की तरह करवाचौथ से एक दिन पहले काकी करवाचौथ का सारा सामान ले आयीं| वो रंग बिरंगे करवे, चूड़ी, बिंदी ...सब कुछ लायी...
भगवान शिव और भस्मासुर की कथा नए संदर्भ में
हमारी पौराणिक कथाओं को जब नए संदर्भ में समझने की कोशिश करती हूँ तो कई बार इतने नए अर्थ खुलते हैं जो समसामयिक होते...
सुनो घर छोड़ कर भागी हुई लड़कियों
मैं एक कहानी लिखने की कोशिश में हूँ l घरेलू सहायिका किचन में बर्तन साफ कर रही है l मैं एक सशक्त नायिका गढ़ना...
सिन्हा बंधु- पाठक के नोट्स
“जिस तरह जड़ों से कटा वृक्ष बहुत ऊंचा नहीं उठ सकता|उसी तरह समृद्धिशाली भविष्य की दास्तानें अतीत को बिसरा कर नहीं लिखी जा सकती...
बचपन में थी बड़े होने की जल्दी
बचपन में होती है बड़े होने की जल्दी और बड़े होने पर बचपन ढूंढते हैं ...मानव मन ऐसा ही है, जो पास होता है...
प्रज्ञा की कहानी जड़खोद- स्त्री को करना होगा अपने हिस्से का...
संवेद में प्रकाशित प्रज्ञा जी की एक और शानदार कहानी है "जड़ खोद"l इस कहानी को प्रज्ञा जी की कथा यात्रा में एक महत्वपूर्ण...
मनोहर सूक्तियाँ -जीवन को बदलने वाले विचरों का संग्रह
क्या एक विचार जिंदगी बदल सकता है ?
मेरे अनुसार "हाँ"
वो एक विचार ही रहा होगा जिसने रेलवे स्टेशन पर गाँधी जी को अन्याय के...
love की हैप्पी ending -चटपटी हास्य कथाएं
ऐ मौसम तुमने हमे क्या-क्या गम ना दिए .. ये तो भला हो हमारी भुल्लों बुआ यानि अर्चना चतुर्वेदी जी का जिन्होंने इस गर्मी...