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Tag: वंदना बाजपेयी

अंतर्ध्वनि-हमारे समकाल को दर्शाती सुंदर सरस कुंडलियाँ

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लय, धुन, मात्रा भाव जो, लिए चले है साथ दोहा रोला मिल करें, छंद कुंडली नाद छंद कुंडली नाद, लगे है मीठा प्यारा सब छंदों के बीच,...

वो फोन कॉल-मानवीय संबंधों के ताने-बाने बुनती कहानियाँ

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अटूट बंधन की संपादक ,बेहद सक्रिय, संवेदनशील साहित्यकार वंदना बाजपेयी जी का दूसरा कहानी संग्रह “ वो फोन कॉल” भावना प्रकाशन से आया है।इस...

देह धरे को दंड -वर्जित संबंधों की कहानियाँ

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  इंसान ने जब  जंगल से निकल कर जब सभ्य समाज की स्थापना की तो विवाह परंपरा की भी नीव रखी, ताकि परिवार और समाज...

बंद दरवाजों का शहर – आम जीवन की खास कहानियाँ

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आज बात करते हैं सशक्त कथाकार, उपन्यासकार रश्मि रविजा जी के कहानी संग्रह “बंद दरवाजों का शहर” की | यूँ तो रश्मि जी की...

बिना पढ़ें कबीर दास जी को ज्ञान कहाँ से मिला

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    “मसि कागद छूऔं नहीं, कलम गहौं नहि हाथ चारों जुग कै महातम कबिरा मुखहिं जनाई बात”   इसका शाब्दिक अर्थ है कि : मैंने कागज और स्याही...

अपेक्षाओं के बियाबान-रिश्तों कि उलझने सुलझाती कहानियाँ

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    डॉ. निधि अग्रवाल ने अपने अपने पहले कहानी संग्रह “अपेक्षाओं के बियाबान” से साहित्य  के क्षेत्र में एक जोरदार और महत्वपूर्ण दस्तक दी है...

कमरा नंबर 909-दर्शनिकता को समेटे सच कि दास्तान

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- डॉ. अजय कुमार शर्मा डॉक्टर  होने के साथ-साथ एक संवेदनशील साहित्यकार भी हैं |  इसका पता उनकी रचनाओं को पढ़कर लगता है जो किसी...

श्री राम के जीवन मूल्यों की धरोहर बच्चों को सौंपती -श्री...

      “ राम तुम्हारा चरित स्वंय ही काव्य है,   कोई कवि बन जाय सहज संभाव्य है।“                        मैथिली शरण गुप्त    दशरथ पुत्र राम, कौसल्या नंदन राम, मर्यादा पुरुषोत्तम राम...

लव इन लॉकडाउन -कोविड -19 फर्स्ट वेव में पनपते प्रेम की...

इस दुनिया की सबसे खूबसूरत शय है प्रेम .. प्रेम जिसके ऊपर कोई बंधन नहीं है |न धर्म का ना जाति का न उम्र...

हम अपने बच्चों के दोषी हैं

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  बच्चों को दुनिया में तभी लाएँ जब आप शारीरिक -मानसिक रूप से 21 साल का प्रोजेक्ट लेने के लिए तैयार हों --- सद्गुरु बच्चे दुनिया...
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