इंदिरा गाँधी के 21 सर्वश्रेष्ठ विचार

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भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री

    लौह महिला के नाम से विख्यात इंदिरा गाँधी भारत की पहली महिला
प्रधानमंत्री थीं | वो १९६६ से १९७७ तक लगातार तीन बार भारत की प्रधानमंत्री रहीं
व् उनकी चौथी पारी में १९८० से ले कर १९८४ तक उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की
प्रधान मंत्री रहीं | एक प्रतिभाशाली कर्मठ नेता के रूप में वे सदा अमर रहेंगी |
उनके विचारों का सम्मान देश में ही नहीं पूरे विश्व में होता है | आज हम उनके 21
सर्वश्रेष्ठ विचार आपसे साझा कर रहे हैं | 
                     

इंदिरा गाँधी के 21 सर्वश्रेष्ठ महान  विचार 



1)लोग अपने कर्तव्य भूल जाते हैं लेकिन अपने अधिकार उन्हें याद रहते हैं
|

2)प्रश्न कर पाने की क्षमता की मानव प्रगति का आधार है |


3)मेरे सभी खेल राजनैतिक होते थे | मैं जों ऑफ़ आर्क थी | मुझे हमेशा
दांव पर लगा दिया जाता था 

4)आपको आराम के समय कार्यशील रहना चाहिए और आप को आपको काम करते समय
आराम में रहना सीख लेना चाहिए |


5)इच्छा के बिना प्यार संभव नहीं |



6)कभी भी किसी दीवार को तब तक न गिराओ जब तक आपको पता न हो कि ये किस
काम के लिए कड़ी की गयी थी |


7)ये कभी मत भूलो की जब हम चुप हैं  तो हम एक हैं और जब हम बात करते हैं तो हम दो
हैं |


8)क्रोध कभी भी बिना तर्क के नहीं होता लेकिन कभी कभी ही किसी अच्छे
तर्क के साथ होता है |


9)मेरे दादा जी ने एक बार मुझसे कहा था ,” दुनिया में दो तरह के लोग
होते हैं एक वो जो काम करते हैं ,दूसरे वो जो श्रेय लेते हैं | उन्होंने मुझसे कहा
था की पहले समूह में रहने की कोशिश करो वहाँ बहुत कम प्रतिस्पर्द्धा है |


10)भारत में कोई राजनेता इतना साहसी नहीं है की वो लोगों को यह समझाने का
प्रयास करे कि गायों को खाया जा सकता है |


11)प्रश्न करने का अधिकार मानव प्रगति का आधार है |



12)संतोष प्राप्ति में नहीं बल्कि पूरे प्रयास में होता है | पूर्ण
प्रयास ही पूर्ण विजय है |


 13)देशों के बीच शांति
व्यक्तियों के बीच प्यार की ठोस बुनियाद पर टिकी है |


14)शहीद होने से कुछ खत्म  नहीं
होता यह तो एक शुरुआत है |


15)एक देश की ताकत अन्तत : इस बात में निहित है की वो खुद से क्या कर
सकता है | इस बात में नहीं की वो औरों से क्या उधार ले सकता है |


16)आप बंद मुट्ठी से हाथ नहीं मिला सकते |


17)यदि इस देश की सेवा करते हुए मैं मर भी जाऊं तो मुझे इस बात का गर्व
होगा |मेरे खून की एक –एक बूँद इस देश की तरक्की में और इसे मजबूत व् गतिशील बनाने
में योगदान देगी | 


18) मेरे पिता एक राजनेता थे | मैं एक राजनैतिक औरत हूँ | वो संत थे | मैं नहीं हूँ | 


19)प्रेम वहां है जहाँ इच्छा नहीं है |

20)उन मंत्रियों से सावधान रहना चाहिए जो बिना पैसे के कुछ नहीं कर सकते | और उनसे भी जो पैसे ले कर कुछ भी कर सकते हैं | 

21 )हमेशा काम के पक्ष में रहिये | चलिए अभी कुछ होते हुए देखते हैं | आप बड़ी योजना को छोटे – छोटे चरणों में बाँट सकते हैं | और पहला कदम तुरंत ही उठा सकते हैं | 

हमने इंदिरा गाँधी के 21 सर्वश्रेष्ठ  विचार आप के साथ बांटने का प्रयास किया है | आप को हमारा ये प्रयास कैसा लगा , अपनी राय से हमें अवगत करायें | अगर आप को अटूट बंधन की रचनाएँ पसंद आती हैं तो हमारा फेसबुक पेज लाइक करें व् हमारा फ्री इ मेल लैटर सबस्क्राइब करें | ताकि हम अपनी लेटस्ट पोस्ट को    सीधे आपके  ईमेल पर भेज सकें |
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