एनी एर्नाक्स (साहित्य नोबल विजेता 2022)ने खोले हैं अपनी जिंदगी के पन्ने

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नोबेल पुरस्कार विजेता फ्रांसीसी लेखिका एनी एर्नाक्स ने खोले हैं अपनी जिंदगी के पन्ने

इस साल का साहित्य का नोबेल पुरस्कार फ्रांसीसी लेखिका एनी एर्नाक्स को मिलते ही साहित्य प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई l खासकर महिलाओं ने इसे एक स्त्री के गुमनाम संघर्षों को सार्वजनिक कर देने के साहस की की विजय माना l कितनी कलमों को उन्होंने खुद का दर्द कह देने की प्रेरणा दी है l क्योंकि उन्होंने वो लिखा है जिसमें तुरंत लेखों और पाठकों की दुनिया में हाहाकार मच जाने वाले तत्व नहीं है l उन्होंने बस देहरी के अंदर होने वाली अनकही कहानियों का रेशा-रेशा खोल दिया है l आम ही बहुत खास बन गया है l

नोबेल पुरस्कार विजेता फ्रांसीसी लेखिका एनी एर्नाक्स ने खोले हैं अपनी जिंदगी के पन्ने

नोबेल पुरस्कार विजेता फ्रांसीसी लेखिका एनी एर्नाक्स ने खोले हैं अपनी जिंदगी के पन्ने

 

82 वर्षीय एर्नाक्स सारा लेखन बहुत आसान भाषा में गंभीर मुद्दों पर अपनी बात रखता है l उनके लेखन में केवल साहस ही नहीं संवेदना की महीन बुनावट है l उन्होंने हर वर्ग और तबके को अपने लेखन में समेटा है। हालंकी उनके लेखन के मुख्य विषय रहे है अवांछित गर्भ, गर्भपात, उनके कई सारे लव अफेयर्स, खराब शादी, उनके परिवार से उनके संबंधों खासकर पिता से संबंधों पर कलम चलाई है l बचपन में गाँव में पालने और बड़े होने के कारण उनके लेखन में सहज रूप से गाँव आया है l

 

एनी एरनॉक्स ने अपने लेखन की शुरुआत 1974 में एक आत्मकथात्मक उपन्यास लेस आर्मोइरेस वाइड्स (Les Armoires vides) यानी क्लीन्ड आउट (Cleaned Out) से की थी. 1984 में उन्होंने अपनी एक अन्य रचना ला प्लेस (ए मैन्स प्लेस) के लिए रेनाडॉट पुरस्कार (Renaudot Prize) जीता था l उनकी कुछ प्रमुख पुस्तकों का कथानक इस प्रकार है…

 

 

क्लीन्ड आउट (1974)

एनी द्वारा लिखी गई ये पहली किताब है, जो उनके खुद के जीवन अनुभवों पर आधारित है l उनकी प्रेग्नेंसी, इलीगल अबॉर्शन, उनके बचपन की यादें जो भी उन्होंने जीवन में फैसले लिए वो  इसकी कथा वस्तु में शामिल है l

 

शेम (1997)

शेम बारह वर्षीय लड़की की जांच कहानी बताती है जो एक लेखक बनती है l क्योंकि एक दर्दनाक स्मृति जो उसके पूरे जीवन में गूंजती रहती है। कहीं ना कहीं ये उससे छुटकारा पाना है l एनी अर्नॉक्स अनुभव को एक शक्तिशाली बिम्ब के रूप में इस्तेमाल करती हैं l वो हिंसक स्मृतियों के खौफ को भावनात्मक रूप से दर्ज करती हैं l

 

हैपनिंग (2000)

 

हैपनिंग एनी कि खुद की कहानी है l ये 1963 की 23 साल की ऐसी लड़की की कहानी है जो अविवाहित है पर उसे गर्भ ठहर जाता है l ये बच्चा समाज के हिसाब से उसके व उसके परिवार के लिए बहुत  शर्म की बात है l इससे उनकी सामाजिक स्थिति पर बट्टा लग सकता है l इस किताब पर बाद में एक फिल्म भी बनी थी l

 

गेटिंग लॉस्ट (2001)

गेटिंग लॉस्ट वह डायरी है जिसे एनी अर्नॉक्स ने डेढ़ साल के दौरान रखा था, उसका एक छोटे, विवाहित व्यक्ति के साथ गुप्त प्रेम संबंध था, जो पेरिस में सोवियत दूतावास से संबंधित था। यह प्यार, चाहत और निराशा की चपेट में आई एक महिला का दर्दनाक दस्तावेज है।

 

द इयर्स (2008)

यह पुस्तक फ्रांस के बाहर के कई पाठकों के लिए अर्नॉक्स का एक लेखक के रूप में पहचान दिलाने वाला महत्वपूर्ण काम था, जिसे अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए चुना गया था। आत्मकथात्मक शैली में लिखा गया ये उपन्यास युद्ध के बाद के फ्रांस के एक पीढ़ीगत संस्मरण के रूप में है l

 

एक लड़की की कहानी (2016)

इस पुस्तक में, अर्नॉक्स एक पचास वर्षीय जेवण को खोलती हैं, ये एक लड़की की पहली दर्दनाक यौन संबंधों और उसके जीवन पर उसके स्थायी प्रभाव के बारे में है। एर्नॉक्स अपने 18 वर्षीय स्व को देखती है, जो एक वृद्ध व्यक्ति के साथ ऐसे मुठभेड़ से बिखर गई थी  और मानती  है कि उस घटना ने एक लेखक और एक महिला के रूप में उसकी पहचान कैसे बनाई। वह इसे इस तरह कहती है: “मेरे पास शर्म का बड़ा स्मृति कोश है, जो किसी भी अन्य की तुलना में अधिक विस्तृत और अडिग है और लेखक को मिला दर्दभरा एक उपहार है जो उसकी कलम की स्याही बँटा है l यह  वाकई शर्म की बात है।”

लेखन है चाकू की तरह

और चलते चलते बता दें कि नोबेल पुरस्कार 2022 की विजेता एनी एरनॉक्स का कहना है कि लेखन एक राजनीतिक कार्य है, जो सामाजिक असमानता के लिए हमारी आंखें खोलता है. उन्होंने कहा कि जागरुकता के लिए के लिए वह भाषा का प्रयोग “चाकू” के रूप में करती हैं l

 

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