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LIFESTYLE
कानपुर के अमर शहीद -शालिग्राम शुक्ल
“ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आँख में भर पानी,
जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी”
जब-जब भारत रत्न लता मंगेशकर जी का...
पुस्तक समीक्षा -भगवतीचरण वर्मा स्मृति : समकालीन कहानी संग्रह
सीमा वशिष्ठ जौहरी जो कि वरिष्ठ साहित्यकार भगवतीचरण वर्मा की पोती हैं, ने अपने दादाजी भगवतीचरण वर्मा की स्मृति में समकालीन कहानी संग्रह का...
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लापता लेडीज- पहचान गुम हो जाने से लेकर अस्तित्व को खोजती...
हालांकि मैं फिल्मों पर नहीं लिखती हूँ, पर बहुत दिनों बाद ऐसी फिल्म देखी जिस पर बात करने का मन हुआ l लापता लेडीज...
पुस्तक समीक्षा -शंख पर असंख्य क्रंदन
जो देश और काल को परिभाषित कर दे, उसकी समस्याओं, तकलीफों, बेचैनियों को शब्द दे दे, दुःख सुख, युद्ध शांति, संयोग वियोग, मानवता नृशंसता...
काव्य कथा – वो लड़की थी कुछ किताबी सी
काव्य कथा, कविता की एक विधा है, जिसमें किसी कहानी को कविता में कहा जाता हैं l काव्य कथा – वो लड़की थी कुछ...
कोई शॉर्टकट नहीं दीर्घकालीन साधना है बाल साहित्य लेखन -भगवती प्रसाद द्विवेदी
यूँ तो साहित्य लेखन ही जिम्मेदारी का काम है पर बाल साहित्य के कंधे पर यह जिम्मेदारी कहीं ज्यादा महती है क्योंकि यहाँ पाठक...
हवा का झोंका थी वह -स्त्री जीवन के यथार्थ की प्रभावशाली...
समकालीन कथाकारों में अनिता रश्मि किसी परिचय की मोहताज़ नहीं है। हवा का झोंका थी वह अनिता रश्मि का छठा कहानी संग्रह है।...
वंदना बाजपेयी की कविता -हमारे प्रेम का अबोला दौर
आजकल हमारी बातचीत बंद है, यानि ये हमारे प्रेम का अबोला दौर है l अब गृहस्थी के सौ झंझटों के बीच बात क्या थी,...
उर्मिला शुक्ल के उपन्यास बिन ड्योढ़ी का घर भाग – तीन...
यूँ तो अटूट बंधन आगामी पुस्तकों के अंश प्रस्तुत करता रहा है l इसी क्रम में आज हम आगामी पुस्तक मेले में में लोकार्पित...
कानपुर के अमर शहीद -शालिग्राम शुक्ल
“ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आँख में भर पानी,
जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी”
जब-जब भारत रत्न लता मंगेशकर जी का...
पुस्तक समीक्षा -भगवतीचरण वर्मा स्मृति : समकालीन कहानी संग्रह
सीमा वशिष्ठ जौहरी जो कि वरिष्ठ साहित्यकार भगवतीचरण वर्मा की पोती हैं, ने अपने दादाजी भगवतीचरण वर्मा की स्मृति में समकालीन कहानी संग्रह का...
बेगम हज़रत महल- एक निम्नवर्ग में जन्मी लड़की से बेगम हज़रत...
1857 का संग्राम याद आते ही लखनऊ यानी की अवध की बेगम हज़रत महल के योगदान को कौन भूल सकता है l खासकर तब...